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कुंडली के पहले भाव के कारक तत्व - first house properties in Astrology

 




आज हम बात करते हैं कुंडली के हर भाव के कारण तत्वों के बारे में. ज्योतिष का एक महान ग्रंथ है उत्तर कालमृत ये कालिदास जी के द्वारा रचित है इसमें कुंडली के हर भाव के जो कारक तत्व होते हैं जो प्रॉपर्टीज़ होती है उनके बारे में बताया गया है और जितना मैं अभी तक पढ़ पाया हूँ ना यहाँ पर सबसे ज़्यादा खुलकर बताया गया है और सबसे ज़्यादा प्रॉपर्टीज़ बतायी गयी संख्या में.


 आज हम जानेंगे पहले भाव के बारे में हालाँकि आप जुड़े रहेंगे तो ये सभी ग्रहों के सभी भावों के कारक तत्व एक एक करके अलग अलग पोस्ट में बताता रहूंगा ठीक है ना लेकिन आज मैं पहले भाव के बारे में बताऊँगा. 


पहला भावों हमारी ही हेल्थ और हमारी बॉडी से जुड़ा हुआ है. जीवन का सुख दुःख, हमारा बुढ़ापा, हमारा ज्ञान समझ, जन्मस्थान, यश कीर्ति गौरव, जो सपने हम देखते हैं उसका फल कैसा होगा, हमारे अंदर बल कितना है, हमारे अंदर प्रभाव कितना है जिससे हम सामने वाले को प्रभावित कर पाते हैं, राज्य या सत्ता का सुख, हमारी आयु, हम कितने ज़्यादा आनंद में रहेंगे.


हमारे बाल, चेहरे की सुंदरता, हमारे अंदर जो स्वाभिमान है वो किस तरह का होगा, हमारी रोज़ी रोटी, कुछ हद तक पहले भाव से जुआ खेलना या दाव लगाना भी देखा जाता है, जीवन में हम अपमान और कलंक सहेंगे तो किस तरह के होंगे, हमारा मान सम्मान के स्तर का होगा, हमारी त्वचा कैसी है, हमारी नींद कैसी है, हमारी बुद्धिमत्ता कैसी है, धन संबंधी घोटाला भी पहले भाव से देखा जाता है, दूसरों का अपमान करने की जो हमारे अंदर भावना होती है वो भी पहले भाव से देखी जाती है.


किसी रोग से मुक्ति पहले बावजूद की जानी चाहिए हमारे अंदर त्याग की भावना पशुपालन मर्यादा भंग करना अपने कुल या अपनी जाति से दूर चले जाना ये सब पहले भाव से देखा जाता है इसके अलावा लगन से नाना और दादी को भी देखा जाता है हमारे चेहरे के ऊपर कील मस्से होंगे वो भी पहले भाव से देखा जाता है जाता है


लगन जो होता है पहला भाव यानी इसे अनुभव भी कहा जाता है अब जो हमारा देह है वो किसी भी शेप का हो सकता है लेकिन जो देह होती है उसका मुख्य स्थान से होता है वो मस्तिष्क होता है वो पूरी बॉडी को ऑपरेट करता है इसलिए सभी भावों में पहले भाव को सबसे प्रमुख माना गया है. जब हम किसी हालात में फँस जाते हैं या अलग अलग परिस्थिति का सामना करते हैं तो उस समय जो हमारी समझ बूझ की ताक़त होती है वो भी लगन से देखी जाती है.


अब यहाँ बहुत सारे ऐसे कारक तत्व ये बताए गए हैं जो दूसरे भावों से मैच करेंगे और कुछ कारक ऐसे भी हैं जो आप ये पूछ सकते हूँ कि ऐसा यहाँ से क्यों देखें. 


जब आप धीरे धीरे बाक़ी भावों के बारे में पढ़ते जाएंगे तब आपको काफ़ी सारी चीज़ें ख़ुद ही क्लियर हो जाएगी न कि पहले भाव को ये सब चीज़ें क्यों दी गई है. 


धन्यवाद


दूसरे भाव का पोस्ट जल्द आएगा धन्यवाद

जुड़ने के लिए 9899002983 पर कांटैक्ट कर सकते है.

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