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Showing posts from June, 2015

वास्तु टिप # २ कैसे रखे दुकान में माल vastu tips for goods in shop

वास्तु में शोरूम व दुकान में माल रखने के भी कुछ नियम  होते है. जिससे दुकान में बिक्री बनी रहे. जानते हैं इनके बारे में कुछ जरूरी टिप्स vastu tips for showroom  in hindi  किसी भी बिज़नेस स्थान पर बिक्री वाला माल दक्षिण-पश्चिम कोने में रखने से बचना चाहिए, क्यूंकि इस कोने में आने वाली वस्तु भारी  हो जाती है और उसे बेचने में  परेशानी आ जाती है. उत्तर-पूर्व (ईशान कोण ) माल बिलकुल नहीं रखना चाहिए ऐसा करने से इस कोने में भार  बढ़  जायेगा जिससे इस स्थान की किसी भी तरह की तरक्की रुक जाएगी। इन दोनों दिशाओं के अलावा माल कही भी रखा जा सकता है लेकिन वायु तत्व होने के कारण उत्तर-पश्चिम कोना बिक्री वाले माल के लिए सबसे बढ़िया होता है. कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे बिक्री एकदम से रुक गयी है ऐसे में रखे माल को उसके स्थान से हिलाते रहे व स्थान की सफाई भी करते  रहें।   कच्चा माल पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखा जा सकता है.  दुकान व् शोरूम  टिप्स  ईशानमुखी प्लाट पर निर्माण कैसे करे  नौकरी में सफलता पाने का उपाय  सुखी वैवाहिक जीवन के लिए वास्तु टिप्स  रसोईघर के लिए वास्तु टिप्स  पढ़ाई के लिए वास्तु टिप्स 

Vastu tip # 1- पूजा करने की सही दिशा क्या

पूजा करने की सही दिशा कौन सी होनी चाहिए (vastu tips for directions during worship) वास्तु के अनुसार यदि आप अपने घर में पूजा कर रहे हैं तो  पूर्वाभिमुख होकर अर्चना करना ही श्रेष्ठ स्थिति है। इसमें देव प्रतिमा (यदि हो तो) का मुख और दृष्टि पश्चिम दिशा की ओर होती है। इस प्रकार की गई उपासना हमारे भीतर ज्ञान, क्षमता, सामर्थ्य और योग्यता प्रकट करती है, जिससे हम अपने लक्ष्य की तलाश करके उसे आसानी से हासिल कर लेते हैं। इसके अलावा  उन्नति के लिए कुछ ग्रंथ उत्तर की तरफ  होकर भी उपासना का परामर्श देते हैं।  लेकिन यदि आप किसी मंदिर में जाते है तो आप देखेंगे की भगवन को पश्चिम व दक्षिण में स्थान दिया जाता है क्यूंकि वास्तु में मंदिर को भगवन का घर मन गया है इसीलिए मालिक को दक्षिण में ही रखा जाता है जिस से मंदिर में पूजा करते हुए आपका मुख पश्चिम या दक्षिण की तरफ आ जाता है, अतः मंदिर में पूजा करने की यही उत्तम स्थिति होती  है.  और पढ़े  घर में ब्रह्मस्थान का महत्व  कैसे करें ईशानमुखी प्लाट पर निर्माण  वास्तु शास्त्र में वृक्षों का महत्व  क्यों मना किया जाता है किचन उत्तर या उत्तर -पूर्व में बनाने से

घर में खुशहाली के लिए वास्तु टिप्स vastu tips for prosperity in house

  जीवन में सफलता-विफलता यूं तो मनुष्य के कर्म और भाग्य पर निर्भर करती है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ सावधानियां रख कर भी हम घर में खुशहाली ल सकते है. आइये जानते हैं घर में खुशहाली के लिए वास्तु टिप्स. (vastu tips for prosperity in house)  ईशान कोण को रखें पवित्र वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण माना गया है। ये घर का सबसे पवित्र दिशा होती है. जल तत्व से संबंध रखने वाली इस दिशा के स्वामी रूद्र हैं। इस दिशा को भी सदैव पवित्र रखना चाहिए अन्यथा घर परिवार में कलह की आशंका बनी रहती है। आग्नेय कोण में हों ये सामान दक्षिण-पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में आग्नेय कोण माना गया है। अग्नि तत्व से संबंधित इस दिशा के स्वामी अग्नि देवता हैं। इस दिशा में बिजली के मीटर, विद्युत उपकरण और गैस चूल्हा आदि सामान रखने से घर में शांति रहती है.  नैऋत्य को रखें भारी   दक्षिण-पश्चिम दिशा को वास्तु शास्त्र में नैऋत्य कोण कहा जाता है। इस दिशा का सम्बंध पृथ्वी तत्व से है और इस दिशा के स्वामी नैरूत हैं। इस दिशा के दूषित होने से शत्रु भय, दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा को सदै

क्यों मना किया जाता है किचन उत्तर या उत्तर -पूर्व में बनाने से kitchen in north-east direction

क्यों मना किया जाता है किचन उत्तर या उत्तर -पूर्व में बनाने  से  जब भी किसी  घर में कोई वास्तु उपाय करवाया जाता है तो लोगों की रूचि रहती है की ऐसा क्यूँ कराया  जा रहा है. और भी जब हमें हमारा संतुष्टि पूर्ण जवाब मिल  जाता है तो उपाय करने में आसानी रहती है. इस लेख हम आपको बतायंगे के क्यों kitchen को नार्थ व नार्थ-ईस्ट दिशा shift   से मना किया जाता है. नार्थ-ईस्ट - ये घर की  सबसे पवित्र दिशा होती है. इसी दिशा में सकारात्मक ऊर्जा उत्तपन होती है. इस दिशा को five elements  में जल का स्थान दिया  जाता है. आप कभी भी किसी vastu expert को बुलाते है या किसी किताब में भी पड़ते है इस दिशा को  खाली रखने या जल का स्त्रोत रखने के लिए कहा जाता है. जल  सम्बन्ध हमारे सभी कार्य व् शरीर इसी  सम्बन्ध रखते है. kitchen in ishaan kon in hindi   किचन - किचन  का relation  अग्नि से होता है. अग्नि तत्व (fire element) का  सम्बन्ध हमारे शरीर की अग्नि, खून, गुस्सा, लाल रंग, शादी, लड़ाई-झगड़ा , कोर्ट, एक्सीडेंट, कैंसर, त्यौहार  है. north-east kitchen नार्थ-ईस्ट में किचन - जब किचन  इस दिशा में आता है तो जल और अग्नि का मिल

लाल किताब के अनुसार राहू का अलग-अलग भावों में फल

लाल किताब  के अनुसार  राहू का अलग-अलग भावों  में फल पहले भाव का फल                      पहला घर मंगल    और सूर्य से    प्रभावित    होता है, यह घर    किसी सिंहासन    की तरह होता    है। पहले घर    में बैठा    ग्रह सभी    ग्रहों का    राजा माना    जाता है।    जातक अपनी    योग्यता से    बडा पद    प्राप्त    करेगा। उसे    सरकार से भी    अच्छे परिणाम    मिलेंगे। इस    घर में राहू    उच्च के    सूर्य के    समान परिणाम    देगा। लेकिन    सूर्य जिस    भाव में बैठा    है उस भाव के    फल प्रभावित    होंगे। यदि    मंगल, शनि और    केतू कमजोर    हैं तो राहू    बुरे परिणाम    देगा अन्यथा    यह पहले भाव    में अच्छे    परिणाम देगा।    यदि राहू नीच    का हो तो जातक    को कभी भी    ससुराल वालों    से बिजली के    उपकरण या    नीले कपडे    नहीं लेने    चाहिए,    अन्यथा उसके    पुत्र पर    बुरा प्रभाव    पडता है।    राहू के    दुष्परिणाम 42    साल की उम्र    तक मिलते    हैं।                       (1) बहते पानी    में 400 ग्राम    सुरमा बहाएं।                       (2) गले में    चांदी पहनें।                

घर के लिए फेंग शुई टिप्स - fengshui tips for home in hindi

घर के लिए फेंग शुई टिप्स आज चर्चा करते है कुछ फेंगशुई उपायों की, Chinese vastu जिसे हम फेंगशुई कहते है इसमें घर में पॉजिटिव एनर्जी लाने के कुछ टिप्स बताए गए है, आइये जानते है क्या है tips  fengshui tips in hindi for home  सूर्य की रोशनी: फेंग शुई और वास्तु के अनुसार घर में सूर्य की प्राकृतिक रोशनी जरूरी है। सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत होता है. पश्चिम मुखी भवन पश्चिम-उत्तर कोण में व दक्षिण मुखी भवन में द्वार दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। बंद घड़िया:घर में जो घडिय़ां बंद पड़ी हों, उन्हें या तो घर से हटा देना चाहिए या फिर चालू कर देना चाहिए।ऐसी बंद घड़ियां बंद तकदीर को बुलाने के लिए जानी जाती हैं। झाडू: घर में झाडू का उपयोग करने के बाद उसे इस तरह रख देना चाहिए कि किसी की इस पर नजर ना लगे। झाड़ू को उत्तर-पश्चिम हिस्से में रखना चाहिए. मध्य स्थान रखें खाली :भवन का मध्य भाग हमेशा खाली रखना चाहिए। इसमें क़ोई निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए। ये हिस्सा ब्रह्म स्थान से जाना जाता है. शीशा: घर के मुख्य द्वार पर शीशा नहीं लगाना चाहिए। बाथरुम के दरवाजे के ठीक सामने भी कोई शीशा नहीं होना चाहिए। मुरझाए

दुकान व शोरुम के लिए वास्तु टिप्स - vastu tips for shop and showroom in hindi

दुकान व शोरुम के लिए वास्तु टिप्स - shop ke liye vastu tips १. शोरूम पूर्वमुखी होना शुभ दक्षिण मुखी होना अशुभ ये केवल एक भ्रान्ति है. शोरूम का मैन गेटदीवार के बीच में होना अछा होता है 2. दुकान के अंदर बिक्री का सामान रखने के लिए सैल्फ, अलमारियां, शोकेस और कैश काउंटर उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना अच्छा माना जाता है। 3. दुकान के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में मंदिर या इष्टदेव की फोटो को लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस हिस्से में पीने का पानी भी रखा जा सकता है। 4.वास्तु शास्त्र के मुताबिक बिजली के उपकरणों को रखने या स्विच बोर्ड लगाने के लिए दुकान का दक्षिण-पूर्व हिस्सा उचित माना जाता है। 5. दुकान के काउंटर पर खड़े विक्रेता का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और ग्राहक का मुंह दक्षिण या पश्चिम की ओर होना बेहतर माना जाता है। 6. वास्तु शास्त्र के अनुसार शोरुम या दुकान का कैशबाक्स हमेशा दक्षिण और पश्चिम दीवार के सहारे होना उपयुक्त माना जाता है। 7. वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान के मालिक या मैनेजर को दुकान के दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए। 8. दुकान में कैश काउंटर, मालिक या मैनेजर के स्थान के

लाल किताब के अनुसार ग्रह पीड़ा से बचने के टोटके - graho ke totke hindi mai

लाल किताब के अनुसार ग्रह  पीड़ा से बचने के टोटके - lal kitab ke totke  surya ke liye totke सुर्य (Sun): सूर्य के अशुभ होने पर या कुण्डली में सुर्य के दूषित प्रभाव होने पर पेट, आंख, हृदय का रोग होवे, सरकारी बाधा आवे । ऐसे में तांबा, गेंहू एवं गुड का दान करें, आग को दूध से बुझावें, प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें , हरिवंश पुराण का पाठ करें , ताबें का बराबर दो तुकडा काटकर एक को पानी में बहा दें एक को जीवन भर साथ रखें । आइये जानते है अन्य ग्रहों की परेशानी से बचने के उपाय chandra ke liye totke चंद्र (Moon): चंद्र के कुण्डली में अशुभ होने पर दुधारी पशु की मृत्यु हो जावे, स्मरण शक्ति का ह्रास हो, धर में पानी की कम पड़ जावे । ऐसे में भगवान शिव की आराधना करें , दो मोती या दो चांदीं का तुकड़ा लेकर एक तुकड़ा पानी में बहा दें एक को अपने पास रखें । चंद्र यदि कुण्डली में छठे भाव में हो तो दूध या पानी का दान कदापि नकरें , यदि वारहवां हो तो धमात्मा या साधु को भोजन न करावें न ही दूध पिलावें यदि ऐसा करेंगे तो जीवन भर कष्ट भोगेंगे । mangal ke totke - मंगल (Mars): मंगल के अशुभ होने पर बच्चे जन्म

घर में ब्रह्म स्थान का महत्व - brahmsthan significance in vastu shastra

किसी भी घर में ब्रह्म स्थान बड़ा महत्व रखता है। ये घर का बिलकुल बीच वाला स्थान होता है. इसी स्थान से  ऊर्जा पुरे घर में प्रवाहित होती है. वास्तु शास्त्र में इसे सूर्य का स्थान माना जाता है. आइये जानते है क्यों जरूरी है ब्रह्मस्थान  why brahmsthan is important - क्यों जरूरी है ब्रह्मस्थान    घर में brahmsthan एक तरह से हमारे पेट की तरह होता है. खाना हम खाते तो मुँह से है लेकिन distribution का काम पेट का है इसी तरह से ऊर्जा उत्पन्न north-east यानि के ईशान से होती है लेकिन circulation ब्रह्मस्थान से ही होता है. भवन में open area अथवा आॅगन का होना शुभ माना जाता है क्योंकि जिससे हमें सूर्य का प्रकाश एंव हवा अधिक से अधिक मात्रा में मिल जाती है। आंगन का प्रयोजना घर को हवादार एंव प्रकाश युक्त बनाना होता है। health problems  घर में ब्रहम स्थान अथवा आंगन न होने से प्रचुर मात्रा में हवा व प्रकाश नहीं मिल पाता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और हमारे शरीर की हडिड्यां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण आपको हड्डी रोग से संबंधित बीमारियां घेर लेती है। खासकर वह महिलायें जो घरे

पढ़ाई में कॉनसन्ट्रेशन बढ़ाने के वास्तु टिप्स vastu tips for concentration in studies in hindi

पढ़ाई में कॉनसन्ट्रेशन बढ़ाने  के वास्तु  टिप्स  ऐसा देखा जाता है की कई बार बच्चे का पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता? पड़ने के वक्त उसका ध्यान इधर उधर हो सकता है. लेकिन ऐसा हो सकता है के कहीं न कहीं से negative energy  आ रही हो। पढ़ाई में कॉनसन्ट्रेशन बढ़ाने, याददाश्त बढ़ाने के लिए इन साधारण वास्तु टिप्स को फॉलो करें। शायद आपकी चिंता दूर हो जाए... vastu tips for concentration  1 . स्टडी टेबल रेग्युलर शेप का होना चाहिए। यानी टेबल आयताकार, वर्गाकार या गोलाकार होना चाहिए। टेबल का आंकार आड़ा-तिरछा होगा तो बच्चा concentrate  नहीं कर पाएगा, कन्फ्यूज्ड रहेगा। टेबल के कोने कटे हुए नहीं होने चाहिए। always face north while studying 2. उत्तरी दिशा से आने वाली ऊर्जा सकारात्मक होती है। पढ़ते समय children's का face  उत्तर की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से कॉनसन्ट्रेशन बना रहता है। इस दिशा को block  न करें, घर के अंदर इस दिशा से एनर्जी को आने दें। take a back support ३. जब आप पढ़ने के लिए बैठते हैं आपकी पीठ के पीछे दीवार होनी चाहिए। पीठ के पीछे कोई खिड़की या ओपनिंग आपको एनर्जी support  तो देती

विवाहित जीवन में झगडे से बचने के लिए कुछ वास्तु टिप्स vastu tips for happy married life

विवाहित जीवन में झगडे से बचने के लिए कुछ वास्तु टिप्स  सभी लोग चाहते हैं की  उसका विवाहित जीवन सुखमय गुजरे। लेकिन, कई बार रिश्तों में खटास आ जाती है  उसका  कारण समझ नहीं आता। हो सकता है कि घर में कोई वास्तु दोष हो जो आपके विवाहित जीवन पर नकारात्मक असर डाल रहा है। यदि आपको कोई ऐसी परेशानी आ रही है जाने कुछ  वास्तु सिद्धांतों के बारे में जो विवाहित जीवन पर सकारात्मक असर डालते हैं.. दंपति का बेडरूम घर की दक्षिण-पश्चिम  दिशा में होना चाहिए। यदि दक्षिण-पश्चिम में नहीं है तो अपने कमरे का बेड कमरे के दक्षिण-पश्चिम में करें।  बेडरूम की दीवारों का रंग गहरा नहीं होना चाहिए, लाल और नील रंग से बचना चाहिए.  बेड का आकारः बेड वर्गाकार(स्क्वेयर/रेक्टैंगुलर) या आयताकार होना चाहिए। बेड के लिए एक गद्दा: बेडरूम के बेड के लिए एक गद्दा का इस्तेमाल करें, बेशक बेड डबल हो। बेडरूम में कबाड़ः बेडरूम में कबाड़ और फालतू सामान न रखें। इसे साफ सुथरा रखें और सामान बिखरा न रहे। कोशिश करें कि बेडरूम में आइना न हो। यदि है उसे कवर कर के रखे. कमरे में कोई पानी का फव्वारा या मछलीघर ना रखे.  कमरे में गुलाब का जोड़ा रख सकते ह

लाल किताब में सूर्य को ठीक करने के उपाय - surya ko theek karne ke upay

लाल किताब में सूर्य को ठीक करने के उपाय लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता हें, वही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसकेदूष्प्रभाव की शान्ति होती है. इस लेख के माध्यम से सूर्य ग्रह के प्रत्येक भाव मेँ स्थित होने पर उसके उपाय कीजानकारी दी गई है. प्रत्येक व्यक्ति जिनका सूर्य जिस-2 भाव में स्थित है वह यहाँ दी गई सूची के आधार परउपाय कर सकता है. प्रथम भाव में स्थित सूर्य का उपाय (Remedies of Sun in first house)1) शराव, मांस, अण्डा के सेवन से परहेज करे़. 2) उड़द की दाल जल में प्रवाहित करें. 3) गले में सोने की चेन पहनें. 4) मसूर की दाल, गुड़, मिर्च, इत्यादी दान करें. द्वितीय भाव में स्थित सूर्य का उपाय (Remedies of Sun in second house) 1) अनावश्यक झगडा से बचें. 2) परोपकार करते रहें लाभ में रहेगें. 3) कभी भी दान न ले, तथा मुफ्त में किसी से भी कुछ ना लें. 4) तेल, बादाम व नारियल मन्दिर में दान करें. 5) घर हो या मन्दिर कहीं भी घी का दिया न जलाएं. तृ्तीय भाव में स्थित सूर्य का उपाय (Remedies of Sun in third house)1) बुरे य

लाल किताब - what is lal kitab

लाल किताब ज्‍योतिष की कुछ महत्‍वपूर्ण पुस्‍तकों में से एक है। यह किताब सभी वर्गों को ध्यान में रख कर बनाई गयी थीं. आसान और कम खर्चीले उपायों के कारण यह जनसाधारण में हाल के वर्षों में बहुत प्रसिद्ध हुई है। इंटरनेट पर इस किताब के बारे में लिखा तो हुआ है लेकिन पूरी तरह से खुलके नहीं लिखा जाता। केवल बाजार में बिकने वाली किताबो की नक़ल करी जाती है. लाल किताब द्वारा की गई भविष्यवाणी वैदिक ज्योतिष से बेहद अलग होती है।  लाल किताब में कुंडली (Lal Kitab Kundali in Hindi) में स्थित राशियों को नहीं माना जाता है। केवल भावों को ही माना जाता है। साथ ही लाल किताब में लग्न का कोई महत्व नहीं होता, लाल किताब में मेष राशि को ही लग्न मान लिया जाता और यह सभी पर एक समान लागू होता है। लाल किताब में लग्न या पहला घर हमेशा मेष राशि रहता है, दूसरा घर वृषभ, और तीसरा मिथुन और क्रमानुसार, इस श्रृंखला में कभी कोई बदलाव नहीं आता। फिर कारकों को और स्वामी ग्रहों को अपने अनुसार बनाकर लिख लेते हैं। आगे हम इस साइट में इन सब बातों का खुल कर उल्लेख करेंगे।

अच्छी सेहत के लिए वास्तु उपाय vastu-tips-for-health-in-hindi

आधुनिक चिकित्सा पद्धती से मनुष्य  ने बहुत हद तक बीमारियों पर विजय हांसिल कर ली है। लेकिन आप चाहें तो वास्तु के उपायों को अपनाकर भी स्वस्थ रह सकते हैं। आइये जानते है वास्तु के अनुसार अच्छी सेहत के कुछ उपाय। sehat ke liye vastu tips- upay mirror in bedroom यदि आपके room mai  Mirror  लगा है तो शयन के दौरान सिर शीशों की ओर नहीं होना चाहिए। शीशा अग्नि तत्व का प्रतिरोधक है। अग्नि तत्व के प्रभाव को कम कर देता है, जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पडता है। do not place water element in bedroom while sleeping शयन कक्ष से जल तत्व को भी दूर रखें। कोशिश करें कि पानी से संबंधित कोई पेंटिग या टेलीविजन भी शयन कक्ष में न हो। do not place head towards washing machine or toilet in vastu शौचालय अथवा जहां वाशिंग मशीन रखी हो, शयन के दौरान उस तरफ सिर न करें।     do not sleep under the beem as per fengshui छत में लगे लोहे के बीम के नीचे नही सोना चाहये । यह सिरदर्द और चिडचिडेपन का कारण बन सकता है। यही नहीं, इससे आपसी संबंधों में भी तनाव उत्पन्न होता है। जिस कक्ष का दरवाजा सीढियों के सामने खुलता हो,

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