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Showing posts from March, 2023

crystal class 2/50 amethyst

एमेथिस्ट क्रिस्टल असलियत में स्फटिक का ही एक रूप है जिसमे मेगनीज धातु की वजह से रंग नीला होता है जो की लोहे का ही एक रूप है. एमेथिस्ट शब्द यूनानी शब्द अमेथिस्टोस से आया है जिसका मतलब होता है शराब से दूर रहने वाली लड़की. यूनानी ये मानते थे की ये रत्न व्यक्ति को शराब और अन्य लतो से दूर रख सकता है जबकि प्राचीन यूरोप के  सैनिक ये मानते थे की ये बहुत जल्दी स्वस्थ कर देता है इसलिए वे इसे युद्ध के समय पहन कर निकलते थे.  इसे नीले, बैंगनी, हरे, गुलाबी रंग में भी प्राप्त किया जाता है लेकिन सबसे फेमस बैंगनी ही है. 

बैडरूम का वास्तु शास्त्र से संबंध - bedroom as per vastu shastra

   बैडरूम हमारे जीवन का एक अति महत्वपूर्ण अंग है, वास्तु शास्त्र की अगर हम बात करें तो ये इतना महत्वपूर्ण विषय है के बेड कैसे बने, उसका साइज कैसा हो ये भी महत्वपूर्ण वास्तु ग्रंथों में लिखा गया है. हालाँकि ये बहुत ज्यादा रिसर्च का विषय है जिसे एक अकेला वास्तु कंसलटेंट खोज नहीं सकता पूरी team की जरुरत पड़ती है. 

vastu lecture 1

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन  ग्रन्थ है जिसका मुख्य संबंध जीवन जीने के तरीके से है. वास शब्द रहने से जुड़ा है और तू शब्द नियम से जुड़ा है. वास्तु का एक मुख्य ग्रंथ समरांगण सूत्रधार के अनुसार एक वास्तु शास्त्री यानी जो वास्तु शास्त्र की प्रैक्टिस करता है वो व्यक्ति जभी वास्तु को जान सकता है जब वो वास्तु में खोना सीख जाए. ये इतना गहरा विज्ञानं है जो मात्र प्रॉपर्टी के नक़्शे से जुड़ा हुआ नहीं है इसमें बहुत छोटी छोटी चीज़ो का ध्यान रखा गया है.  जैसे ज्योतिष, त्रिकोणमिति, ज्यामिति और यंहा तक की ह्यूमन बेहेवियर तक का वर्णन वास्तु ग्रंथो में देखने को मिलता है. तो एक वास्तु की प्रैक्टिस करने वाला व्यक्ति नेचुरल रूप से अन्य विषयों में पारंगत अपने आप ही हो जाता है.  जैसे एक छोटी सी चीज़ बताता हूँ राहु काल, इसका मुख्य संबंध ज्योतिष से है लेकिन वास्तु शास्त्र में बहुत शुरुआत में ही इसे समझ दिया जाता है के किसी दिन यानी किस वार को किस दिशा में दोष होगा। यदि क्लाइंट आपको किसी वार को बुलाये तो आपको पता हो के क्या दोष है ऐसा वास्तु ग्रंथो में पहले ही लिखा गया जिसका बेस राहु काल था.  इस तरह से वास्तु विद्या

शादी का वास्तु शास्त्र से संबंध - vastu shastra and marriage

  शादी जिंदगी का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है, शास्त्रानुसार जिंदगी चार विषय धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को पूर्ण करने के लिए घर के साथ शादी भी जरूरी है. 

crystal class 1/50 - black tourmaline

Black Tourmaline को आयुर्वेद में तुरमुली कहा जाता है. पहले बात करते है तुरमुली की रासायनिक प्रॉपर्टी की. ये पत्थर सिलिकेट खनिज से बनता है.  सिलिकेट क्या होता है  सिलिकेट - ऑक्सीजन और सिलिकॉन में जब ऋणायन (negative ion) मिल जाता है तब सिलिकेट का निर्माण होता है और सिलिकेट पत्थर धीरे धीरे कठोर होता जाता है और फिर तुरमुली का निर्माण करता है जो अलग अलग रंग में होते है लेकिन सबसे फेमस काला तुरमुली है.  ऋणायन किसी भी विद्युत् यानी इलेक्ट्रिक तरंग को बढ़ाते नहीं है अपने अंदर रोक लेते है. जैसे किसी काले तुरमुली में यदि इलेक्ट्रिक करंट का तार लगाया जाए तो ये करंट को आगे नहीं बढ़एगा बल्कि उसे वंही रोक देगा, ऐसी स्थिति को ऋणायन कहते है.  तुरमुली की विशेषताएं    विशेषताएं टूमलाइन ऊर्जा को साफ, शुद्ध और रूपांतरित करती हैं, एक भारीपन को हलकी सी ऊर्जा में ये बदलता है.। यह इंसान की आध्यत्मिक ऊर्जा को बैलेंस करता है आध्यत्मिक का मतलब है असलियत में जीना।  यह आध्यात्मिक ऊर्जा को आधार बनाता है, सभी चक्रों को साफ और संतुलित करता है और शरीर के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है। प्राचीन समय से टूमलाइन एक शमनिक(

साउथवेस्ट में मुख्य द्वार का वास्तु - vastu of southwest main entry

    साउथ-वेस्ट जिसे नैऋत्य कोण भी कहते है. ये दिशा  वास्तु शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण दिशा होती है. माना जाता है के इस दिशा के कारक ग्रह राहु देव होते है.  वास्तु ग्रंथो के अनुसार इस दिशा में घर के मुख्य द्वार का होना एक बड़ा  वास्तु दोष माना जाता है जो की आपको हर तरह की परेशानी देने की क्षमता रखता है. आइये जानते है क्या परेशानियां आती है और क्या हो सकता है इस वास्तु दोष का उपाय।

वास्तु अनुसार मंदिर कैसे रखे - temple as per vastu rules

   कहते है जिस घर में रोज भगवान की पूजा होती है उस घर में देवी- देवता खुद साक्षात निवास करते है और उनकी कृपा हमेशा घर परिवार पर बनी रहती है। लेकिन वास्तु के अनुसार घर में मंदिर सही ना हो तो दुष्परिणाम भी सामने आते है. आइये जानते है क्या है वास्तु में घर में मंदिर बनाने के नियम

वास्तु शास्त्र और किचन - vastu shastra and kitchen

किचन हमारे घर का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण पार्ट होता है, अग्नि तत्व का कारक होने के कारण किचन जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ा होता है, 16 ज़ोन्स में किचन का अपना एक अलग इफ़ेक्ट होता है और इसके उपाय आपको बताता हूँ जो की बेहद सरल और कारगर है.

पूर्व दिशा के लिए वास्तु उपाय - vastu remedies for east direction

    इस पोस्ट में हम समझेंगे के पूर्व दिशा में क्या उपाय कराये जा सकते है. जब आपको पूर्व दिशा को ऊर्जावान बनाने की जरूरत हो. 

वास्तु अनुसार तत्वों के बनने और खत्म होने की प्रक्रिया - element cycle according vastu

   आज इस पोस्ट में हम तत्वों के बनने और बिगड़ने की प्रक्रिया को समझेंगे. वास्तु शास्त्र में हम 5 तत्व लेकर चलते है - जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, फेंगशुई में भी 5 तत्व लिए जाते है - जल, लकड़ी, अग्नि, धरती, धातु.

मुख्य द्वार और वास्तु शास्त्र - main entrance in vastu shastra

मुख्य द्वार घर का बहुत महत्वपूर्ण अंग माना गया है वास्तु शास्त्र के ग्रंथों के अनुसार एक प्रॉपर्टी में 32 तरह के मुख्य द्वार हो सकते है जिनका अलग अलग असर मिलता है. टेक्निकल भाषा में बात करें तो एक प्रॉपर्टी 360 डिग्री की होती है यदि 32 से भाग करें तो एक द्वार तक़रीबन 11. 25 डिग्री का हुआ, और हर द्वार को एक देवता का नाम दिया गया है. इन सबका  उल्लेख हमे वास्तु शास्त्र में मिलता है. 

उत्तरपश्चिम वास्तु जोन - north-northwest vastu zone

  नार्थ-नार्थवेस्ट (sex and attraction) - 326.25-348.75 degree का ये एरिया होता है, लगभग सभी वास्तु से जुड़ीं प्राचीन किताबें इस जोन को रति क्रीड़ा के लिए उपयुक्त बताती है. ये जगह नए couple के लिए सबसे अच्छी मानी गई है. इसमें वो आपस में जुड़ाव महसूस करते है व उसका आनंद भी उठाते है. 

वास्तु शास्त्र में इलेक्ट्रिसिटी कैसे कार्य करती है. vastu shastra and electric ions

आज चर्चा करते है आयन की, 6th कक्षा में आपने पढ़ा होगा, धनात्मक ऋण और ऋणात्मक ऋण, आज पहले इन्हे समझते है फिर वास्तु से इनका क्या संबंध ये जानते है.

वास्तु अनुसार कटे हुए जोन को कैसे जगाये - how to enhance a area according vastu

कभी कभी आप महसूस करते है या कभी कभी question भी करते हैं  के कोई particular zone को enhance कैसे किया जाए. तो आज इस लेक्चर में आपको यही बताता हूँ. 

वास्तु शास्त्र में टॉयलेट गलत दिशा में होने पर कैसे सही करे - vastu treatment of toilet

आज बात करते है वास्तु शास्त्र के ऐसे भाग पर जो वास्तु शास्त्री के सबसे पहले मुख होता है - टॉयलेट. जब  कोई व्यक्ति घर बनाता है तो सबसे पहले वो टॉयलेट का ही ध्यान रखता है. आइये जानते टॉयलेट और वास्तु नियम के बारे में. 

बिज़नेस और वास्तु का सीधा संबंध - business and Vastu Shastra relation

वास्तु शास्त्र का व्यवसाय से सीधा लेना देना होता है चाहे वो फैक्ट्री वास्तु हो या इंडस्ट्री वास्तु या कोई दूकान का वास्तु।  वास्तु के नियम हर बिज़नेस को मानने ही पड़ते है. इस पोस्ट में हम जानेंगे के कैसे वास्तु बिज़नेस को प्रभावित करता है. 

ड्राइंग रूम और वास्तु का संबंध - drawing room and vastu rules

वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारा ड्राइंग रूम हमारी मान सम्मान और प्रतिष्ठा से सम्बन्ध रखता है इसलिए ड्राइंग रूम  की सजावट पर विशेष ध्यान दिया जाता है. । लोग ड्राइंग रूम में काफी पैसा खर्च करते है लेकिन मेहमान अच्छी खातिरदारी के बाद भी संतुष्ट नही होते व् आपस में वाद- विवाद का माहौल बन जाता है. आइये जानते है क्या वास्तु दोष होता है इसमें और कैसे ठीक करें इस दोष को.

तत्वों के देवता से भी कर सकते है वास्तु उपाय - God of the elements

वैदिक शास्त्रों के अनुसार हमारी पृथ्वी और हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है जिन्हे पंचमहाभूत भी कहा जाता है. ये पंचतत्व है अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु और आकाश है. इन तत्वों पर अलग देवताओं का आधिपत्य बताया गया है. शास्त्रो के अनुसार इन देवी देवताओं की पूजा अर्चना के द्वारा इन तत्वों की शुद्धि की जा सकती है. जाने कौन से है पञ्च तत्वों के देवी देवता

वास्तु शास्त्र के दस दिशाएं - दिकपाल और योगिनी vastu shastra ten directions dikpaal and yogini

  वास्तु शास्त्र में आपने कई बार सुना होगा दस दिशाएं। लेकिन जब किसी प्रॉपर्टी का वास्तु करने की बात आती है तो दिशा के नाम तो याद होते है लेकिन उनके दिकपाल सबको याद नहीं रहते. तो जानते है दस दिशाए और उनके मालिक 

वास्तु शास्त्र में क्यों है कछुआ शुभ - why we should keep tortoise as per vastu shastra

 कछुआ वास्तु शास्त्र में उपयोग में होने वाले सबसे प्रमुख उपायों में से एक है. इसे एक शुभ जीव व् नकारात्मकता भगाने वाला माना जाता है. लेकिन इसके बहुत गहरे कारण भी है जिनकी वजह से कछुआ रखने की सलाह प्राचीन समय से वास्तुशास्त्री देते है. आइये जानते है इसके बारे में 

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