Skip to main content

पिछला जन्म और केतु - ketu and our past life curse




नमस्कार आज बात करते है केतु और पिछले जन्म के संबंध के बारे में. देखिये कुंडली का हर ग्रह किसी न किसी पिछले जन्म की घटना से जुड़ा होता है लेकिन कुछ घटनाये ऐसी होती है जो इस जन्म में दोष या एक लोन बनकर सामने आकर खड़ी हो जाती है जिनका यदि निवारण ना किया जाए तो बाकी उपाय भी काम के नहीं रहते। 

कुंडली में केतु चौथे भाव में होने पर या चतुर्थ भाव के स्वामी के साथ होने पर ऐसा माना जायेगा के व्यक्ति पर माता से संबंधित पिछले जन्म का कोई दोष चलता आ रहा है इसे जल से जुड़ा दोष भी माना जाता है एक तरह से चौथे भाव की जो चीज़े उनमे कोई ना कोई प्रॉब्लम आती है. जन्म पत्रिका में केतु का संबंध माता से जुड़े किसी दोष को बताता है


अगर वैदिक सूत्र भी देखे तो केतु मोक्ष का ग्रह है और वक्री भी, ऐसे में चतुर्थ भाव पीड़ित माना जाता है. इस सूत्र में ऐसा माना जाता है के जातक ने पिछले जन्म में अपनी माता के साथ बुरा व्यवहार किया होगा, माता के सुख दुःख की चिंता ना करते हुए अपने आप को माता से अलग कर लिया होगा जिससे माता को बहुत कष्ट मिलता है. 


अब ये दोष अपना बुरा प्रभाव अभी दे रहा है तो कैसे चेक करे. अगर ऐसे लोगो को किसी ऐसी जगह घर ले जहां पानी रुका रहता हो और उसमे गंदगी जमा रहती हो तो या तो इन्हे बहुत दुःख होगा और ये उसे और गन्दा करेंगे बस वहीं से आप समझ सकते है के ये दोष किस हद तक प्रभावी है. 


आप देखिएगा जिनकी कुंडली में केतु चौथे भाव में हो और शुभ अवस्था में हो तो उन्हें किसी पवित्र नदी के पास खड़ा कर दिया जाए जहां कूड़ा बहुत ज्यादा होता हो इनका मन बुरी तरह काँप जाएगा और इनका ये मन करेगा के इसे साफ़  कर दिया जाए या यहाँ से चला जाए. ऐसे लोग खुद कभी जल को गन्दा या waste होते हुए नहीं दे पाएंगे 


बुरा होने पर क्या होगा की ऐसे में ना केतु के अच्छे फल मिलते है ना ही चंद्र के, एक तरह से चंद्र ग्रहण की स्थिति बन जाती है. व्यक्ति का मन कभी भी शांत नहीं हो पा रहा होता और किसी को भी शान्ति से नहीं रहने देता। 

केतु की स्थिति ज्यादा खराब हो जाए तो जातक को कोई बीमारी लग जाती है जिस पर लगातार खर्चे होते है. इसकी एक खासियत और भी है के ऐसे में जातक को अपने दम पर ही आगे बढ़ना पड़ता है और चाह कर भी उसे किसी का साथ नहीं मिल पता. 

ध्यान रखे जब भी कुंडली में चंद्र ग्रहण होगा तो सूर्य अपनी पूर्ण ऊर्जा नहीं दे पाता जिसे सूर्य ग्रहण की स्थिति भी बनती है और सरकारी दंड बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है. 


अब इसमें सुधार कैसे किया जाए. देखिये बृहस्पति ग्रह चंद्र और केतु दोनों को शांत कर सकते है और एक नेचुरल गंदगी को दूर करने वाले ग्रह है. यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति जहा भी वही अच्छी की जाए बृहस्पति इस तबाही को रोकने में सक्षम है और अगर ये तबाही रोक ली जाए तो चौथे भाव के बहुत शुभ फल मिल भी सकते है यानी बड़ा घर, बड़ी गाडी और बड़ा सुकून क्यूंकि कुत्ता अब पानी से बाहर आ जायेगा तो कुत्ता भी खुश और पानी भी साफ़ होगा. आप बहुत बड़े बड़े लोगो की कुंडलियों में ये दोष देख सकते है लेकिन फिर भी उनकी लाइफ काफी अच्छी आपको मिलेगी क्यूंकि ऐसा नहीं है के ये दोष उनपर अप्लाई नहीं हो रहा, पूरे तरह हो रहा है लेकिन चाहे प्राकृतिक रूप या अप्राकृतिक रूप से उपाय तो हुआ है. 


माता से संबंध कम से कम मौखिक रूप से अच्छे रखे क्यूंकि केतु बोलेगा नहीं भौंकेगा अपनी बातो से डरायेगा, गन्दा बोलेगा तो  ऐसे में चुप रहना आपको अति धनवान बना सकता है. कभी जिंदगी में मौका मिले तो किसी गन्दी नदी को साफ़ करने में अपना योगदान जरूर दे. 


लाल किताब का एक उपाय है वो भी कर सकते है के परिवार के सभी सदस्यों थोड़ी थोड़ी चांदी इकट्ठी करे और बहते पानी में बहा दें, हालाँकि इस उपाय में भी कहीं ना कंही जल साफ़ करने का इंडिकेशन पंडित जी दे रहे है. 


English translation 


Namaskar, today let's talk about the relation between Ketu and previous birth. See, every planet in the horoscope is related to one or the other event of the previous birth, but some incidents are such that they stand in front of us as a fault or a loan in this life, if they are not redressed, then the rest of the measures are also of no use. 

If Ketu is in the fourth house in the horoscope or is with the lord of the fourth house, it will be considered that the person is carrying some defect related to his mother from his previous birth. It is also considered to be a defect related to water. Those things which have some problem or the other. The relation of Ketu in the birth chart indicates some defect related to the mother.

If we look at the Vedic sutras, then Ketu is the planet of salvation and is also retrograde, in such a situation the fourth house is considered afflicted. In this sutra, it is believed that the person must have misbehaved with his mother in his previous life, without worrying about her happiness and sorrow, he must have separated himself from his mother, due to which the mother suffers a lot.


Now this defect is giving its bad effect now, so how to check. If such people take home to a place where water stagnates and dirt accumulates in it, then either they will feel very sad and they will make it more dirty, only from there you can understand to what extent this dosha is effective.


You will see that those who have Ketu in the fourth house in their horoscope and are in an auspicious position, if they are made to stand near a holy river where there is a lot of garbage, their mind will tremble badly and they will feel like cleaning it or Go away from here. Such people themselves will never be able to give water that gets dirty or wasted.


What will happen if it is bad, in such a situation neither Ketu nor Moon get good results, in a way a situation of lunar eclipse is created. The person's mind is never able to remain calm and does not allow anyone to live in peace.


If the condition of Ketu becomes worse then the person suffers from some disease on which there are continuous expenses. Another specialty of this is that in such a situation the person has to move forward on his own and even if he wants to, he does not get anyone's support.


Keep in mind that whenever there is a lunar eclipse in the horoscope, then the Sun is not able to give its full energy, which also creates a situation of solar eclipse and government punishment affects it very badly.


Now how to improve it. See Jupiter can pacify both Moon and Ketu and is a natural dirt removing planet. If the position of Jupiter in the horoscope is done well, then Jupiter is able to prevent this destruction and if this destruction is stopped, then very auspicious results of the fourth house can also be found, that is, big house, big car and great peace because the dog is now Once it comes out of the water, the dog will be happy and the water will also be clean.


You can see this defect in the horoscopes of very big people, but still you will get a very good life because it is not that this defect is not being applied on them, it is being done completely, but whether it is natural or unnatural remedy Has happened.


Maintain good relations with your mother at least verbally because Ketu will not speak, will bark, will scare you with his words, will speak dirty, so remaining silent in such a situation can make you very rich. If you ever get a chance in your life, do contribute in cleaning a dirty river.


There is a solution of Lal Kitab, that can also be done that all the family members should collect a little silver and throw it in the flowing water, however, in this solution also Pandit ji is giving indication to clean the water somewhere.

Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.