कभी कभी कई कारणों से जन्मकुंडली गलत बन जाती है जैसे घडी की गड़बड़, लोकल समय या सूर्य समय में अंतर से, पृथ्वी के ऊँचे-नीचे शहरों से, सूर्योदय के फर्क से, किसी भी कारण से अक्सर जन्म कुंडली गलत बन जाती है. काफी बार ज्योतिषी आपकी कुंडली लक्षण बताता है जो आपसे मेल नही खाते। ऐसे में कुंडली 1 घंटे और 1 घंटे पीछे या लगन आगे पीछे करके देखना चाहिए। फिर जातक के हाव=भाव व् लक्षणों से सही जन्मकुंडली बनानी चाहिय. हर लगन की अपनी विशेषतायें होती है जो जातक से जरूर मेल खायेंगी। अभी हमारी संस्था vastu-shastra.org में ही एक वयक्ति की जन्म कुंडली विश्लेषण के लिए आई जो की तुला लगन की कुंडली थी लेकिन कुछ भी लक्षण तुला लगन के नही थे जैसे की कम बोलना, ईगो ज्यादा होना आदि. जब कुंडली सिर्फ 10 मिनट पीछे लेके जाना पड़ा तब नक्षत्र बदलने के कारण वो कुंडली कन्या लगन की बनी और सभी लक्षण व् समस्याए मेल खाने लगी.
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