वैदिक ज्योतिष में पहला भाव को लग्न भाव भी कहा जाता है. लग्न भाव कुण्डली का बल होता है. एक janmpatri में लगन को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है. ये जितना शुभ अवस्था में होगा उतना ही व्यक्ति लम्बा अच्छा व्यतीत करेगा. vedic jyotish में first house से क्या क्या पता चलता है आइये जानते है. कुंडली में लग्न भाव की विशेषताएं कौन सी है. | What are the basic qualities of Ascendant's House और first house एक तरह से लग्न एक birth chart का प्रतिनिधत्व करता है . इस भाव से हेल्थ , उम्र , शारीरिक बनावट, character , शारीरिक बनावट , ज्ञान, आनन्द, समृ्द्धि, स्थिति, स्वभाव, सम्मान , सफलता या विफलता जानी जाती है. एक तरह से ये हमारा शरीर है, lagan represents our physical conditions. लग्न भाव से सिर (head), गरदन, चेहरे का उपरी भाग के बारे में बताता है. प्रथम भाव में जब शुभ ग्रह बैठे हो, तब वह बली (strong) होता है या फिर लग्न भाव को लग्नेश (lagnesh) देखता हो. लग्न भाव में जब अशुभ ग्रह बैठें हो या लग्न भाव को अशुभ ग्रह देखते हों तो ऐसे में लगन को कमजोर (weak) माना जाता है. what is lag
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