वैदिक jyotish में राहु ग्रह की कोई भी भी राशि नहीं बताई गयी है, राहु जिस राशि में बैठे उसके अनुसार ही फल देता है. vedic jyotish के हिसाब से जब राहु छठे भाव में हो और साथ ही kendra में गुरू होता है तब यह अष्टलक्ष्मी योग नामक शुभ योग का निर्माण करता है. इस चित्र की सहायता से आप जान सकते है अष्टलष्मी योग कैसे बन रहा है. इस योग में राहु बुरा प्रभाव नहीं देता। ऐसा व्यक्ति भगवान में विश्वास रखता है. मान सम्मान इन्हे मिलता है. इसमें गुरु की राशि भी देखी जाती है. क्या होता है जन्म कुंडली में दूसरे भाव - what is second house in kundli परिभाषा योग - paribhasha yoga in kundali कपट योग - kapat yoga in astrology गुरु -चांडाल योग - what is guru chandal yoga
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