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फेंगशुई में बेहद दिलचस्प है नारंगी बतख - mandarin ducks placement in fengshui

  फेंगशुई में नारंगी बतख का जोड़ा घर में रखने की सलाह दी जाती है, इसे mandarin ducks भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है के इससे प्यार आता है और बढ़ता है. लेकिन ये बतख का जोड़ा ही  क्यों रखा जाता है ये बड़ा ही दिलचस्प है. आइये जानते है कहाँ और कैसे रखे mandarin ducks का जोड़ा। 

वास्तु शास्त्र में बेहद फायदेमंद है बांस का पौधा - bamboo plant uses in vastu shastra

  आज कल जहाँ भी जाते है चाहे रेस्टोरेंट हो, दुकान या होटल हर जगह बांस के पौधे जिन्हें बम्बू प्लांट भी बोला जाता है, लगे होते है. फेंगशुई में इसे बहुत फायदेमंद माना गया है.

लोटस से बनाये बिगड़े हुए संबंध - lotus crystal benefits in vastu-fengshui

  फेंगशुई के प्रोडक्ट्स में एक प्रचलित चीज़ है लोटस क्रिस्टल (lotus crystal). कुछ वास्तु शास्त्री इसे लक्ष्मी माता से जोड़ देते है और कुछ बुद्धि से. वैसे तो क्रिस्टल पृथ्वी तत्व का प्रतीक होता है जो की स्थायित्व से संबंध रखता है. let see कैसे इस्तेमाल करें lotus crystal  how to use lotus crystal  क्रिस्टल बहुत शक्तिशाली गैजेट्स माने जाते है. ये किसी भी स्थान की ऊर्जा को 100 गुणा से भी ज्यादा बढ़ा देते है. एक activate क्रिस्टल को स्थापित करने से positive energy अपने आप बढ़ने लगती है. अब बात आती है इसे  रखे कैसे ? वैसे तो इसे ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ इस पर सूर्य की रौशनी पड़े क्यूंकि इसमें से होकर जब सूर्य की रौशनी निकलती है तो अच्छी ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए खिड़की के पास रखना अच्छा रहता है.  लेकिन यदि आप रिलेशनशिप्स में परेशानी महसूस कर रहे है या कुछ हद तक दुर्भाग्य से घिरे हुए है तो ऐसे में इसे घर के दक्षिण-पश्चिम (225 डिग्री) पर रख सकते है.  इसके अलावा आप इसे अपने ऑफिस में भी रख सकते है, अच्छी सफलता देता है. इसमें खुली पंखुड़ी वाला lotus क्रिस्टल ही लाना अच्छा रहता है. नार्थ-ईस्ट दिशा मे

वास्तु अनुसार नवरात्री में कैसे पाएं कृपा

 सबकी अपनी अपनी कामनाएं होती है, हिन्दू धर्म में नवरात्री के दिन शुभ माने जाते है जिन्हे हम अपनी इच्छापूर्ति के लिए उपयोग कर सकते है. आज आपको बताते है वास्तु शास्त्र अनुसार हम कैसे इन दिनों का उपयोग अपनी कामना पूर्ति के लिए कर सकते है.  नवरात्री में सभी अपने घर में जौ का पौधा लगाते है जिसे अलग अलग नाम से पुकारा जाता है. धन कामना के लिए अपना नवरात्री पौधा उत्तर दिशा के 0 - 11.25 डिग्री पर लगाएं, जिनको संतान बाधा है वो ये पौधा 56-67 डिग्री पर लगाएं, जिन्हे वर-वधु की तलाश है वो ये पौधा 90 -101 डिग्री पर लगाएं और अपनी कामना मन में करे. माता की हमेशा कृपा बनी रहे तो 22-33 डिग्री पर ये पौधा लगाएं।    इसे लगाते समय आप आँख बंद कर  सिर्फ नवरात्री माताओं पर ध्यान दें, अपने दिमाग को बिलकुल शांति की ओर ले जाएं। ऐसा करने से आपका दिमाग व् मन  विज्ञानमय कोष की ओर चलता जाता है जो की सीधा अवचेतन मन से जुड़ा होता है और अचेतन मन आपकी इच्छापूर्ति करने वाला माना गया है. शुभ दिन होने के कारण ये प्रक्रिया हम आसानी से कर सकते है.  सुनिश्चित असर 9 दिन में आपको मिलेगा.  जय माता दी 

वास्तु अनुसार रंग चुने - use colors as per vastu norms

कुछ लोगों को वास्तु शास्त्र के अनुसार रंगो का उपयोग करने की चाहत रहती है, आज आपको बताता हूँ किस दिशा में कौन सा रंग तत्व ज्ञान के अनुसार अच्छा रहता है.  वास्तु शास्त्र पांच तत्व पर आधारित विद्या है, हर तत्व का अपना एक रंग बताया गया है और तत्वों में भी कुछ तत्व एक दूसरे के पूरक है और कुछ एक दूसरे के नाशक। इन्ही तत्वों के रंगो की चीज़ों को हम इनसे जुड़ा मानते है जैसे पौधे हरे रंग के होते है इन्हे लकड़ी तत्व (वायु तत्व) लेते है. इसको हम थोड़ा जान लेते है  जल तत्व - जल तत्व को आकाश तत्व बढ़ाता है जबकि जल तत्व लकड़ी तत्व या वायु तत्व को बढ़ाता है, अग्नि तत्व इसे कमजोर करता है धरती तत्व इसे खत्म करता है. इसी तरह रंगो का चयन हम कर सकते है.  जल तत्व - रंग नीला, दिशा उत्तर यहाँ हम आकाश का रंग सफ़ेद भी उपयोग कर सकते है.  वायु - पूर्व दिशा, रंग हरा, यहाँ जल तत्व (नीला रंग) भी ले सकते है.  अग्नि - दिशा दक्षिण, लाल रंग यहाँ हरा रंग भी ले सकते है.  धरती - दिशा दक्षिण-पश्चिम, पीला रंग, क्रीम कलर, लाल रंग इसे बढ़ाता है लेकिन फिर भी लाल रंग इधर यूज़ नहीं करते, पीले रंग या हल्के पीले से ही बैलेंस करते है क्यूंकि

वास्तु शास्त्र और सूर्य - sun in vastu shastra

चर्चा  करते है वास्तु शास्त्र में सूर्य ग्रह की, वैदिक शास्त्रों में सूर्य को पूर्व दिशा का स्वामी माना है. पूर्व दिशा के वास्तु दोष सूर्य पूजा व् सूर्य यन्त्र द्वारा भी समाप्त किये जा सकते है. आइये जानते है सूर्य देव वास्तु का संबंध.  सूर्य रोशनी और सच्चाई दिखाने वाला ग्रह माना गया है सभी ग्रहों और ब्रह्माण्ड का कारक माना जाता है. अगर बात घर की करें तो सूर्य देव पूर्व दिशा के स्वामी माने  जाते है. सूर्य से प्रभावित होने के कारण east दिशा vastu में social connections, power, authority, government से जुडी मानी जाती है.   इसके अलावा सूर्य से जुड़े कुछ अन्य हिस्से भी होते है जैसे spine, सीधी आँख, गर्दन, appendix, circular सिस्टम. ये समस्याएँ आने पर वास्तु पुरुष  के साथ इनकी भी स्थिति देखी जायेगी.  घर में पूर्व दिशा balance हो तो सामाजिक स्थिति अच्छी होती है, अपने अच्छे links बनते है और उनसे फायदा है और east disha खराब होने पर हमारे links हमारा धन खराब कराते हैं. प्राण शक्ति का भी नाश होता देखा गया है.  politics   से जुड़े लोगों को सबसे पहले अपने घर व् दफ्तर का पूर्व balanced रखना अति आवश्यक

दक्षिण दिशा के टॉयलेट का प्रभाव - south toilet in vastu shastra

आज चर्चा करते है दक्षिण दिशा के टॉयलेट की, क्या असर मिलेगा घर में रहने वाले लोगों को यदि दक्षिण दिशा में toilet आ जाये तो आइये जानते है.  effects of toilet in south zone as per vastu shastra दक्षिण दिशा अग्नि से जुडी दिशा मानी जाती है, अग्नि का कार्य शारीरिक ऊर्जा, पोषण, मंगल कार्य, गर्भ, wealth, नाम आदि. उनमे से जिस zone में टॉयलेट आ जाये उससे सम्बन्धित परेशानी निश्चित ही आएगी.  dakshin disha me toilet - अब zone के हिसाब से बताता हूँ, दक्षिणपूर्व - ये कोण वेल्थ, नगद धन, से जुड़ा होता है इस कोण में टॉयलेट आने से कई बार अपने ही पैसे या प्रॉपर्टी से कोई फायदा नही होता. अभी recently एक वास्तु visit में मैंने देखा के कई सारी प्रॉपर्टी होने के बाद भी उन property से कोई फायदा नही हो रहा. साथ ही बिज़नस उधार में भी दिक्कत रहती है हालाँकि entrance  वास्तु के मुख्या और भल्लाट दोनों जोन में थी तो पैसे की आवक में कोई कमी नही है.  दक्षिणपूर्व-दक्षिण = ये कोण आपकी शारीरिक क्षमता, courage, साहस से जुड़ा होता है, इसमें टॉयलेट आने से व्यक्ति में साहस नही होता और आलस से भरा  रहता है. साथ ही ऐसा  देखा जाता

उपायों द्वारा पाएं डरावने सपनों से छुटकारा - How to Avoid Nightmares and Bad Dreams

कुछ लोगों को हमेशा सपने आने की दिक्कत रहती है या कई बार लगातार सपने आने लगते है ऐसे में परेशानी होने लगती है. ऐसा खासकर महिलाओं के साथ होता है. आज जानते है के कैसे सपनों से मुक्ति पाई जाये.  Timing of nightmare - dreams स्वप्न ज्योतिष के अनुसार रात के पहले पहर यानि के  12 बजे से २ बजे के बीच  में देखे गए सपने का result  एक साल के अंदर मिलता है। दूसरे पहर (2 - 4) में देखे गए सपने का फल छ: महीने में मिलता है।  तीसरे पहर में (4 - 6 ) देखे गए सपने का फल तीन महीने में मिलता है और चौथे पहर यानी के morning में  देखे गए सपने का फल बहुत जल्दी  मिलता है। tips for avoid nightmare or bad dreams  सिरहाने के पास में चाकू को रखें (place knife near bedhead) जिन लोगों को अक्सर रात में बुरे सपने आते रहते है और इस कारण अचानक नींद खराब होतु रहती हो तो उन्हें रात में अपने सिरहाने के नीचे एक चाकू रखना चाहिए। चाकू न होने पर कैंची, नेल-कटर, कांटा आदि भी pillow के नीचे रख सकते हैं। पीले रंग के चावल (yellow rice for avoid nightmare and dreams) तकिये के नीचे पीले चावलों को एक कपड़े की छोटी सी पोटली  में बांधकर स

अपनी बातों की वैल्यू बनानी है तो ठीक कीजिये सत्य वास्तु जोन - vastu tips for goodwill

वैदिक वास्तु में "वास्तु पुरुष मंडल " में सूर्य देव अगला स्थान है "सत्य" देव का. वास्तु शास्त्र में इनका उल्लेख किसी व्यक्ति की समाज में इज़्ज़त बनाने वाले देवता की तरह किया गया है.  Satya vastu zone  इस picture में आप देख सकते है जहाँ पर round mark किया है.. vastu purush mandala में सूर्य देव से बिलकुल आगे सत्य देव का स्थान है ये east की तरफ होता है. vastu shastra में इन्हें इज़्ज़त, मान देने वाला देवता माना गया है. सूर्य देव के साथी की तरह इन्हें देखा जाता है.  वास्तु अनुसार यदि के zone घर या ऑफिस में खराब है या disturb है तो ऐसे में व्यक्ति अपनी ज़बान की value खो देता है कोई भी उसकी बातों पर विश्वास नही करता, साथ ही व्यक्ति अपनी खुद की बात पर भी नहीं टिका रहता.  जब ये जोन ठीक रहता है तो व्यक्ति कोई भी बात सही time पर और सही तरह analyse करके बोलता है जिससे उसकी बात सुनी भी जाती है और मानी भी जाती है. साथ ही ऐसे लोग अपनी बातों से ही society में अपनी प्रतिष्ठा भी बना लेते  है. 

लोगों व् सोसाइटी की सहायता लेने के लिए वास्तु टिप्स

बहुत बार ऐसा देखा जाता है के लाइफ में कभी भी किसी की हेल्प नहीं मिलती, जबकि कुछ लोगों को जैसे ही जरूरत होती है सहायता मिल जाती है, और कुछ को तो बिना मांगे ही दूसरों से मदद मिलती है. वास्तु शास्त्र में इसके लिए भी दिशा बताई गई है, आज चर्चा करते है के कैसे बाहरी दुनिया से सहायता मिलती है.  vastu tips for support from society  vastu  shastra के अनुसार उत्तर-पश्चिम (northwest) दिशा सहायक दिशा होती है. अगर हम बात करते है सहायक की तो उसमे जैसे हमारे दोस्त, employee and co-employee , banks (loan), debtor, creditor  और अन्य लोग जिनसे हमे कोई न कोई जरूरत पड़ती है.  यदि हम कोई घर ले रहे है या property sell कर रहे है तो हमे एक अच्छी deal की जरूरत होती है जिसके लिए एक broker या property dealer चाहिए इसके लिए भी northwest direction देखी जाएगी.  no help from society as per vastu shastra  अगर इस दिशा में green color, blue, orange का use है तो बाहरी support कम मिलेगा, इस दिशा में plants( पौधे) रखने से भी  banking problem देखी गई है. के कोण cut होने से भी ये परेशानी आती है.  help at a time  अगर ये दिशा

लगातार तरक्की के लिए वास्तु का पृथ्वी तत्व - earth element importance in vastu shastra

आज चर्चा करते है पृथ्वी तत्व की, ये तत्व वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है. इसका सीधा सम्बन्ध स्थायित्व से होता है चाहे वो करियर हो या रिलेशनशिप। आपकी बातों में कितना वजन है कितना लोग सुनते है ये सब भी पृथ्वी तत्व से देखा जाता है. आइये जानते है और क्या क्या देखा जाता है पृथ्वी तत्व से earth element in vastu shastra अगर ध्यान से समझे तो पृथ्वी का काम क्या है - " हमें टिकाये रखना" पृथ्वी पर खड़े होकर ही हम आकाश की तरफ देखते है इससे आप समझ सकते है के यदि आपको तरक्की भी करनी है तो एक base तो चाहिए जो की पृथ्वी तत्व देता है. पहले इस तत्व के तथ्य बता देता हूँ , पृथ्वी तत्व दक्षिण-पश्चिम दिशा को represent करता है, इसका रंग पीला या ब्राउन माना जाता है. कुछ जगह इसे मेहरून भी लिया जाता है. square shape की चीज़े इसके कारक माने जाते है. किसी भी तरह की चीज़े जिनमे अच्छा खासा weight हो earth element से related होती है. दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य) का सम्बन्ध ख़र्चो से (southwest-south), stability से (southwest) और हमारे skill से होता है. इसके अलावा रिलेशन भी नैऋत्य कोण से देखे ज

उत्तर-पश्चिम वास्तु दिशा क्यों जरूरी है

आज चर्चा करते है उत्तर-पश्चिम कोण की, वायु तत्व का ये कोण महत्वपूर्ण होता है. इसका सीधा सम्बन्ध बाहरी दुनिया से मिलने वाले support से है. आइये जानते है और किस किस से जुड़ा हुआ है ये कोण  northwest vastu direction  नार्थवेस्ट कोण को वायव्य कोण भी कहा जाता है. वास्तु शास्त्र में इस कोण को outer world के support system से देखा जाता है. जैसे हमारे नौकर, staff, banks, clients आदि. इसमे दोस्त और रिश्तेदारों से मिलने वाला support भी शामिल है.  इस दिशा में vastu dosh होने पर किसी का सपोर्ट नहीं मिलता। इस दिशा में bedroom होने पर लोग आपकी help कर देते है. हालाँकि फिर भी ये बैडरूम ज्यादा अच्छा नही है मेरी नज़र में. इसका कारण ये है के northwest- west का area depression देता है. और साथ ही वायु तत्व ज्यादा होने के कारण mind relax नही रहता। हां अगर घूमने फिरने में मज़ा आता है या marketing जैसा काम है तो ये रूम लिया जा सकता है.  God related to northwest  वास्तु शास्त्र में इस zone को कुलदेवी - कुलदेवता के लिए बताया गया है. जिनसे हमे support मिलता रहता है. अगर कुलदेवी की pic इस zone में लगाई जाये तो फायद

घर में ख़ुशी के लिए वास्तु नियम - vastu zone for happiness and joy

कई बार देखा जाता है के सब कुछ होने के बावजूद घर में ख़ुशी नही होती। सारे काम अपने समय पर हो रहे है लेकिन फिर भी घर में happiness नही है.  वास्तु शास्त्र में इसके बारे में भी बताया गया है. आइये जानते है क्या होते है इसके कारण और कैसे लाएं घर में ख़ुशी और मस्ती।  vastu for happiness  vastu shastra में northeast-east के portion को joy और fun का zone माना गया है. vedic vastu में इसे जयंत देव का स्थान माना गया है इनका काम मन को हमेशा ताजगी और ख़ुशी का एहसास देना है.  कई बार ऐसा देखते भी है के कोई व्यक्ति अपनी life में बहुत मस्त रहता है हर पल को enjoy करता है. ऐसा jayant vastu  जोन के balanced होने से होता है. यदि ये जोन ठीक है तो व्यक्ति किसी भी बात से परेशान नही होकर आगे बढ़ने के बारे में ही सोचता है.  ऐसा देखा गया है के balanced northeast-east के घर  में रहने वाले लोगों के positive  attitude के कारण इनका social circle बहुत अच्छा और काम आने वाला बनता है, और इन्हें successful बना देता है.  अब बात आती है यहाँ defects क्या क्या हो सकते है  toilet, clutter किसी भी प्रकार की गन्दगी, लाल रंग यहाँ पर

धन-सम्पति के लिए छोटे छोटे वास्तु नियम

हर व्यक्ति माँ लक्ष्मी की कृपा उस पर बना रहे. इसमें वास्तु की भी बहुत भूमिका होती है. आज आपको वास्तु की बहुत छोटी सी बाते बताते है जिनसे आपके घर में धन का आगमन होता रहता है.  vastu tips for placing almirah and cash वास्तु नियम कहता है के पूजन स्थान पर रोशनी का होना बहुत जरुरी है. वास्तु के अनुसार पूजा घर ईशान कोण में ही बनाया जाना चाहिए क्योंकि यही स्थान देवताओं के लिए निश्चित किया गया है. पश्चिम दिशा में धन-संपत्ति और आभूषण रखे जाएं तो साधारण ही शुभता का लाभ मिलता है. वायव्य कोण : यहां धन रखा हो तो खर्च जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल होता है. ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया रहता है और कर्जदारों से सताया जाता है. सीढ़ियों के नीचे तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है. सीढ़ियों या टायलेट के सामने भी तिजोरी नहीं रखना चाहिए. तिजोरी वाले कमरे में कबाड़ या मकड़ी के जाले होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. दक्षिण दिशा में धन, सोना, चाँदी और आभूषण रखने से नुकसान तो नहीं होता परंतु बढ़ोत्तरी भी विशेष नहीं होती है.  दक्षिण-पूर्व दिशा में  धन रखने से धन घटता है, क्योंकि घर के मुखिया की आमदनी घर के खर्चे

लगातार तरक्की के लिए ठीक करें पितृ वास्तु दिशा

वैदिक वास्तु शास्त्र में हर कोण अपना महत्व रखता है. आज बात करते है "पितृ" वास्तु जोन की. ये कोण बहुत ज्यादा महत्व पूर्ण बताया गया है. वास्तु के इस जोन में कोई खराबी relationships बर्बाद  कर सकती है आइये जानते है "पितृ" वास्तु जोन के बारे में.  vastu for continued success in life किसी घर के दक्षिण-पश्चिम कोण के पश्चिमी कोण के जोन को "पितृ" देवता बताया हुआ है. दिए हुए  चित्र से आप समझ सकते है इसकी दिशा कौन सी है.  ये जोन कई तरह से महत्वपूर्ण है एक word बहुत बड़ा होता है "सुख", इस कोण से मिलता है. हमारे वंश का आगे चलना यानि के पुत्र का जन्म भी pitra vastu zone से ही operate होता है.   इसके बाद जो आज के time में नहीं रहा वो है प्यार और आपस में लगाव। family members में इसकी कमी साफ़ देखी का सकती है. आपस में लड़ाई झगड़ा, divorce cases , इसी जोन के defects से होते है.  earth element होने के कारण लगातार बने रहना, हमेशा आगे बढ़ते ही रहना इसी दिशा से हम देखते है. life में एक टिकाव यही से मिलता है चाहे वो relations में हो या business में. किसी व्यक्ति की लाइफ म

वास्तु शास्त्र के अनुसार सबसे अच्छे प्रवेश द्वार - which are the most suitable entrances of a house

वास्तु शास्त्र में  ज्यादा महत्व घर के main entrance को दिया गया है. वैदिक वास्तु के ग्रंथो में भी मुख्य प्रवेश द्वार को घर के जरूरी समस्याओं का कारण माना है. वास्तु में एक plot के 8 दरवाज़े बेहद शुभ माने गए है आज चर्चा करते है कौन से है ये द्वार  best entrances for a house as per vastu shastra  vastu के अनुसार एक घर में बाहरी side  32 types of energies का निर्माण होता है, एक घर को 360 डिग्री का मानते है तो इस हिसाब से एक एनर्जी लगभग 11. 25 डिग्री की होती है.  हर द्वार पर एक energy का निर्माण होता है. वास्तु में इसे हर एक देवता का नाम दिया गया है. और उसके अनुसार एंट्रेंस होने पर होने वाले प्रभाव भी बताए गए है.  अब आपको vedic vastu purush mandala के हिसाब से सबसे अच्छी entrance बताते है. इसमें east direction  में jayant और indra के द्वार, south में vitath और grahakshat के द्वार, west में sugreev or pushpdant के द्वार, north में mukhya और bhllaat entrance सबसे अच्छा फल देने वाली मानी गयी है. इन दिशाओं में द्वार शुभ ही रहता है. vastu purush mandal की pic में आप देख सकते है हर देवता का जोन

अगर घर में रहती है बीमारी तो देखें ये वास्तु जोन - vastu zone for health

health is wealth, ये बात सबसे जरूरी होती है. यही कारण है के आज भी वैदिक शास्त्रों में सबसे  ज्यादा ध्यान हेल्थ पर ही दिया गया है. वास्तु शास्त्र में भी health के लिए जोन बताया गया है जहाँ पर immunity power सबसे ज्यादा होती है. आज चर्चा करते है vastu health zone की.  vastu tips for health and immunity in hindi  कोण के हिसाब से नार्थ-northeast यानि उत्तर-उत्तरपूर्व का जोन हेल्थ से संबंधित माना जाता है. immunity power इसी जोन से देखि जाती है. अगर घर में कोई न कोई सदस्य बीमार रहते है तो यही जोन खराब होने का अंदेशा रहता है.  इस जगह पर toilet या kitchen होना बहुत ज्यादा नुकसान देने वाला माना गया है. ऐसे घरों में बीमारी चलती रहती है.  इस जगह पर दवाई रखना बेहद फायदेमंद होता है. अगर आपके घर में कोई व्यत्कि बीमार रहता है तो north of northeast में medicine रखने से दवा का असर जल्दी होता है.  बीमार व्यक्ति को इस जगह सुलाने से जल्द राहत मिलती है. लेकिन वही एक energy zone होने के कारण इस जगह लगातार नहीं रहना चाहिए.  1 2 3

वास्तु अनुसार कहाँ होना चाहिए आपका टॉयलेट - WHICH DIRECTION FOR TOILET IN VASTU

toilet वास्तु शास्त्र  में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है अगर ये गलत स्थान पर  बना है तो ये उस zone के हिसाब से परेशानियां देता है. जैसे यदि दक्षिण-पश्चिम में जाए तो relations को खराब कर देता है. आज चर्चा करते है वास्तु शास्त्र में टॉयलेट किस दिशा में होना चाहिए.  toilet direction in vastu shastra in hindi  वास्तु शास्त्र के प्रमुख ग्रन्थ "vishwakarma prakash"  में इसका उल्लेख मिलता है   है  " या नैऋत्य मध्य पुरीष त्याग मन्दरम् ", इसका मतलब है  हमारा toilet दक्षिण व् नैऋत्य कोण (south - southwest) में मध्य होना चाहिए. इसका कारण ये है के ये जोन जाने के लिए ही होता है (zone of expenditure and disposal). कुछ लोग इसे दक्षिण-पश्चिम भी बोलते है लेकिन इसे समझने की बात है ये हिस्सा दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा के बीच का होता है. बिलकुल दक्षिण-पश्चिम में toilet नुकसान देता है.  इसके अलावा वास्तु शास्त्र में दो और दिशा negative zone मानी गयी है पश्चिम वायव्य (west-northwest) और पूर्व आग्नेय (east-northeast).  वायव्य कोण की पश्चिम दिशा चिंता की दिशा मानी जाती है, और आग्नेय कोण

ईशान में शौचालय देता है बहुत परेशानियां - north-east (ishan kon) toilet

vastu शास्त्र के अनुसार शौचालय बनाते समय ध्यान देना जरूरी है. शौचालय गलत होने से  आर्थिक दिक्कतें  होना, हर काम में रुकावट आना जैसी समस्याए आती है. आज बात करते है यदि आपके घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में टॉयलेट है तो क्या समस्याए आती है.  northeast toilet vastu  घर का नार्थ-ईस्ट कोना जिसे हम ईशान कोण कहते है वास्तु का सबसे महत्व पूर्ण कोण होता है. ये corner god से relate करता है. वास्तु जोन में इसे दिमाग से जुड़ा हुआ माना जाता है. clarity of mind ईशान कोण से देखी जाती है.  toilet in north-east Ishaan kon  ईशान में टॉयलेट होने से सबसे पहले वयक्ति की सोच प्रभावित होती है. ऐसा देखा जाता है के इस कोण में टॉयलेट होने से व्यक्ति अपने गलत फैसलों कारण डूबता चला जाता है.  effect of toilet in north-east  वास्तु शास्त्र में ऐसा माना जाता है के सकरात्मक ऊर्जा  ईशान कोण से ही निकलती है लेकिन यदि ये ही जगह defect आ जाये तो अन्य तत्व भी प्रभावित होंगे जिस कारण हर तरह की समस्याए इस टॉयलेट के कारण आती देखी गयी है. financial problems ऐसा घरों में देखी जाती है, दिमागी सुकून गायब रहता है.  अगर टॉयलेट उत्त

vastu tips for prosperity in hindi

vastu shastra mai wealth ke liye or prosperity ke liye bahut saare upay btaye gaye hai. unme se aaj aapko paanch mukhya upay btate hai.  vastu tips in hindi for prosperity and wealth 1. dakshin-paschim kon me koi gadhha, pitt, boring, toilet nhi hona chahiye. is kone ki taraf slope nhi hona chahiye. naritya kon ko hamesha heavy rakhna chahiye. 2. north-east corner jise hum ishaan kon bhi bolte hai waha toilet hona bahut bura mana jata hai.  3. ghar mai hamesha saaf safai rakhni chahiye. is se sakaratmk urja ka sanchar hota hai or ghar mai shanti bani rehti hai. fengshui ke anusar bhi aisa karna acha rehta hai. is se chi power ka nirman hota hai jo bahut positive maani jati hai.  4. north disha mai pani ka fountain ya aquarium rakhna achha hota hai. is upay se paisa ka flow start hota hai. agar aapke business mai paisa ruka hua hai to bhi aap ye remedy use kar skte hai.  5. south-east direction jise hum aagnay kon bhi kehte hai yaha par kitchen hona shubh hota hai. agar yaha par kitche

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