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बृहस्पति गोचर 2025

 बृहस्पति गोचर 2025 में बृहस्पति 15 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और 19 अक्टूबर 2025 को कर्क राशि में जाएगा। यह गोचर "अतिचारी" होगा, यानी बृहस्पति अपेक्षाकृत तेज़ गति से राशि परिवर्तन करेगा।

नीचे प्रत्येक लग्न (Ascendant) के लिए इस गोचर का संक्षिप्त प्रभाव दिया गया है:


1. मेष लग्न (Aries Ascendant)

  • गोचर भाव: 3rd

  • प्रभाव: साहस, संचार कौशल और छोटे भाई-बहनों के साथ संबंधों में सुधार। यात्रा और नेटवर्किंग के अवसर बढ़ेंगे।

2. वृषभ लग्न (Taurus Ascendant)

  • गोचर भाव: 2nd

  • प्रभाव: धन-संपत्ति में वृद्धि, पारिवारिक सुख और वाणी में मधुरता। निवेश के लिए अनुकूल समय।

3. मिथुन लग्न (Gemini Ascendant)

  • गोचर भाव: 1st (लग्न)

  • प्रभाव: आत्मविश्वास में वृद्धि, व्यक्तिगत विकास और स्वास्थ्य में सुधार। नए अवसरों की प्राप्ति।

4. कर्क लग्न (Cancer Ascendant)

  • गोचर भाव: 12th

  • प्रभाव: विदेश यात्रा, आध्यात्मिकता में रुचि और खर्चों में वृद्धि। ध्यान और साधना के लिए उत्तम समय।

5. सिंह लग्न (Leo Ascendant)

  • गोचर भाव: 11th

  • प्रभाव: लाभ, मित्रता और सामाजिक नेटवर्क में विस्तार। इच्छाओं की पूर्ति के योग।

6. कन्या लग्न (Virgo Ascendant)

  • गोचर भाव: 10th

  • प्रभाव: करियर में उन्नति, प्रतिष्ठा में वृद्धि और नई जिम्मेदारियाँ। पेशेवर सफलता के संकेत।

7. तुला लग्न (Libra Ascendant)

  • गोचर भाव: 9th

  • प्रभाव: भाग्य में वृद्धि, उच्च शिक्षा और लंबी यात्राओं के योग। गुरु और पिता से संबंधों में सुधार।

8. वृश्चिक लग्न (Scorpio Ascendant)

  • गोचर भाव: 8th

  • प्रभाव: गूढ़ विद्याओं में रुचि, अचानक लाभ या हानि के योग। स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर ध्यान दें।

9. धनु लग्न (Sagittarius Ascendant)

  • गोचर भाव: 7th

  • प्रभाव: वैवाहिक जीवन में सुधार, साझेदारी में लाभ और नए संबंधों की शुरुआत के संकेत।

10. मकर लग्न (Capricorn Ascendant)

  • गोचर भाव: 6th

  • प्रभाव: स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ, ऋण और शत्रुओं पर विजय। कार्यक्षेत्र में मेहनत का फल मिलेगा।

11. कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant)

  • गोचर भाव: 5th

  • प्रभाव: संतान सुख, प्रेम संबंधों में प्रगति और शिक्षा में सफलता। सृजनात्मक कार्यों में रुचि।

12. मीन लग्न (Pisces Ascendant)

  • गोचर भाव: 4th

  • प्रभाव: घर-परिवार में सुख, माता से संबंधों में सुधार और संपत्ति से लाभ। भावनात्मक स्थिरता।


विशेष ध्यान दें: यह गोचर "अतिचारी" है, यानी बृहस्पति अपेक्षाकृत तेज़ गति से राशि परिवर्तन करेगा। इसलिए, प्रभाव भी तीव्र और स्पष्ट होंगे। इसके अलावा, बृहस्पति 9 जून से 9 जुलाई तक "अस्त" रहेगा, और 11 नवंबर से वक्री होकर 4 दिसंबर को पुनः मिथुन में प्रवेश करेगा। इन अवधियों में निर्णय लेते समय सावधानी बरतें।

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