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विंड चाइम का कैसे करे उपयोग - wind chimes in vastu

विंड चाइम एक पॉपुलर फेंगशुई यन्त्र है. इसे उपयोग में लाने के कई तरीके है. विंड चाइम के द्वारा हम अपने घर में से नकरात्मक ऊर्जा को हटाके अपने घर में पॉजिटिव माहोल बना सकते है. इसके लिए हमें विंड चाइम में लगी हुई रोड की संख्या पर ध्यान देना होता है।  इसे घर के किसी भी हिस्से में नही लगाना चाहिए। इसे घर के उत्तर-पश्चिमी या पश्चिमी दिशा में ही लगाना चाहिए.  विंड चाइम धातु, लकड़ी या सिरेमिक पाइप से बनी होती है। इसमें छोटे-बड़े आकार की घंटियों को इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि हवा के झोंके से वह बजने लगती हैं। ध्यान रहे की इसमें लगे पाइप खोखले होने चाहिए जिससे इसमें से नेगेटिव ऊर्जा निकल कर पॉजिटिव जाये। पांच या सात पाइप वाली विंड चाइम नेगेटिव एनर्जी दूर करती है। छह या आठ पाइप वाली विंड चाइम ड्राइंगरूम के उत्तर-पश्चिम में लगाने से पश्चिम दिशा में लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है.

वास्तु में सैंधा नमक का प्रयोग - rock salt benefit

भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है जो की शरीर के लिए हानिकारक होता है इसके अलावा एक और नमक का उपयोग किया जाता है सैंधा नमक (rock salt) जिसका प्रचलन धीरे धीरे कम होता जा रहा है.   click to read in english - rock salt benefit  आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये भी अच्छा होता है, दस्त में काफी उपयोगी होता है। इसका उल्लेख आयुर्वेद में अनेक जगह मिलता है. लेकिन क्या जानते है वास्तु शास्त्र में भी इसे बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है.  वास्तु शास्त्र के अनुसार जो की अब वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है के सेंध नमक वातावरण में ऑक्सीजन की मात्र बढ़ाता है इसके लिए rock salt lamp का उपयोग किया जाता है जो की बाजार में उपलब्ध होता है जिन स्थानो पर शुद्ध वायु नही आती उस स्थान पर इसे रखने से उस स्थान की वायु शुद्ध हो जाती है. आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से बीपी, डाइबिटीज, लकवा जैसी बीमारियो होने का खतरा बना रहता है। लेकिन  सेंधा नमक एक नमक होने के बाद भी बीपी पर नियन्त्रण रहता है ।   रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने

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