वास्तु शास्त्र के दूसरे लेक्चर में बात करते है वास्तु पुरुष की जिसके बिना वास्तु शास्त्र की शुरुआत भी नही की जा सकती, प्राचीन काल में अंधकासुर नाम का राक्षस हुआ जिससे युद्ध करते समय भगवान शिव को पसीना आ गया, पसीने की बूँद जब पृथ्वी पर गिरी तो भयानक सा प्राणी उतपन्न होने लगा. देवताओं ने मिलकर उसे जमीन पर टिक दिया औंधे मुह और उस पर निवास किया।
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