Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2016

रूद्राक्ष धारण के नियम Rules For Wearing Rudraksha

बहुत से लोगों को रुद्राक्ष धारण करने को लेकर बहुत उत्सुकता रहती है लेकिन इसे धारण करने के नियम व् मान्यताएं नही पता होती। रुद्राक्ष से सम्बन्धित उपनिषद "रूद्राक्षजाबालोपनिषद" में इसे धारण करने के नियम बताये गए है.  Rudraksha Jabala Upanishad  के अनुसार   रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को तामसिक पदार्थों  से दूर रहना चाहिए उसे मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी चीज़ों के सेवन से बचना चाहिए, यदि घर में सूतक लगा है या कही मृत्यु वाले घर या जगह पर जाना पड़ गया है ऐसे  इसकी शुद्वि जरूरी है.   रुद्राक्ष को बड़े नियम के अनुसार और रुद्राक्ष के मुख के अनुसार ही धारण करना सही रहता है.  रुद्राक्ष शुद्धीकरण  रुद्राक्ष शुद्ध करने के लिये सबसे पहले अपने हाथ साफ कर के रुद्राक्ष को गंगा जल मे डाल कर मन्दिर मे रख दे और अपने इष्ट या भगवान शिव की पूजा करे, चार पहर रखने के बाद इसे आप उपयोग में ले और गंगा जल को किसी पौधे मे डाल दे।

कृतिका नक्षत्र में जन्मे लोगों का स्वभाव - kritika nakshatra characteristics in hindi

कृतिका नक्षत्र नक्षत्र गणना में तीसरे स्थान पर आता है. सूर्य स्वामी और देवता अग्नि देव से सम्बन्ध होने के कारण  ये स्वाभिमानी होते हैं , छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित होना इनका स्वभाव होता हैं. आइये जानते है इनके अन्य गुण    नाम   - कृतिका नक्षत्र  krittika nakshatra English name of  krittika nakshatra -  Alcyone/Tauri degree - स्थिति = 26 डिग्री 40 मिनट से 30 डिग्री मेष उसके बाद 0 डिग्री से 10 डिग्री वृष राशि  राशि स्वामी - lord of rashi of  krittika nakshatra =  पहले  पद का मंगल स्वामी और बाकी तीन का  का शुक्र। nakshatra lord  = सूर्य  देवता   = अग्नि देव  गण   = राक्षस  लिंग   = स्त्री  मित्र नक्षत्र – अश्विनी, भरणी, माघा, पूर्व फाल्गुणी,मूला,पूर्वाषाढ़ व्यवहार = तेज़, आलस नही होता  अक्षर – अ,इ,उ,ए

नाक की शेप से जाने व्यक्ति का स्वभाव - know nature by nose shape

किसी व्यक्ति की नाक उसकी लुक्स बनाने या बिगाड़ने के साथ साथ उस व्यक्ति की personality के बारे में भी बताती है.  kya naak ki shape se aap vyakti ke baar me yaa uske character ke baare me bta sakte hai ? jii haan, samudrik shastra ke anusaar possible hai, yehi vidya hai jiske dwara kisi person ki naak se uske baare me bataya jaata hai.  सामुद्रिक शास्त्र में नाक के कई प्रकार बताये गए है उनमे से कुछ के बारे में आज हम आपको बताते है.  1. सीधी नाक - straight nose  ऐसे लोगों का अपनी भावनाओं पर इनका अच्छा control  होता है. ऐसे लोग आसानी से अपना आपा नही खोते।  2. चपटी नाक ऐसे लोग creative होते हैं. honest होते है और हमेशा पॉजिटिव रहते है.  3. ऊपर उठी नाक दिल अच्छा होता है, एक नंबर के दोस्त होते है.  4. तीखी नाक  greek nose से मशहूर ऐसी नाक वाले romantic होते है लेकिन अपने आप को express नही कर पाते। 5 . चोंच के शेप की नाक ऐसे लोग अपनी सोच पर अड़े रहते है. लेकिन प्यार जिससे करते है बहुत ज्यादा करते है.  6 . छोटी नाक ये लोग energetic  होते हैं लेकिन इनके गुस्से से बचना चाहिए।

पर्सनल साल नंबर 2 - personal year number 2 numerology

पर्सनल ईयर 2 - personal year 1 के तेज़ changes के बाद ये समय थोड़ा अपने आप को थोड़ा धीरे करने का होता है. आपको ऐसा लग सकता है के आप दो तरफ जा रहे है. इस साल आपके emotions बहुत ज्यादा बढ़ सकते है और आप अति संवेदनशील हो सकते है. किस की भी बातो को दिल पे ले जा सकते है.  इस साल आपको ये सोचना चाहिए के आपको क्या जरूरत है और सच्चाई  क्या है. ये समय ये सोचने का है के आप अपनी ऊर्जा सही जगह लगा रहें है या नही. कुछ ऐसा तो नही जो आपको थीड़ा ज्यादा चाहिए। इस समय में आपकी intuition power बेहद अच्छी हो जाती है इसका फायदा लेना चाहिए.       नयी relationships के लिए अच्छा समय हो सकता है. 

अंकशास्त्र के अनुसार क्या बताता है personal year number 1

अंक ऊर्जा देते है. जैसे ग्रह हमारे बाहरी और आंतरिक जीवन को प्रभावित करते है वैसे ही हमसे जुड़े अंक भी. ये अंक हमारे जीवन में बदलते रहते है जैसे घर का एड्रेस बदलना, टेलीफोन नंबर. इसी तरह से हर साल का हमारा अंक भी बदल जाता है जिसे हम "personal year number" भी बोलते है. आज इस सीरीज में हम personal year 1 से   शुरू करते है.  how to calculate personal year in numerology  personal year निकालने के लिए अपनी जन्म तारीख और जन्म महीना ले ले और उसमे जो साल चल रहा है उसे जोड़ दे. इससे आपका personal year निकल जाएगा। example of personal year calculation -  मान लीजिये आपका जन्म 12 मार्च को हुआ है (इसमें जन्म वर्ष नही लेते),  तो इसका जोड़ इस तरह से करेंगे 1 + 2 + 3(मार्च) = 6.  अब इस 6 में साल जोड़ेंगे - 2016 + 6 = 2022  2+0+2+2 = 6 6 आपका इस साल पर्सनल नंबर माना जाएगा।  personal year number 1  अब बात करते है पर्सनल नंबर 1 की. article बहुत बड़ा हो जाएगा इसलिए हर अंक अलग अलग ही बताना पड़ेगा. आज पर्सनल year number 1 का जानते है.  अगर आपका personal year ank 1 बनता है ऐसे में ये साल एक बिलकुल नयी शुरुआ

कुंडली के अनुसार मोती किसे पहनना चाहिए आइये जानते है

ज्योतिष के रत्न विज्ञान में मोती (pearl) का बहुत महत्व है। ये चन्द्रमा का रत्न माना जाता है. कुंडली में   चंद्रमा कमज़ोर  होने पर मोती पहनने की सलाह दी जाती है मगर हर व्यक्ति के लिए ये नही होता  है। ज्योतिष के अनुसार कब  पहनना चाहिए मोती रत्न  आइये जानते है.  when  to wear pearl stone in astrology  जन्म कुंडली जिनमें चंद्रमा शुभ स्थानों (केंद्र या‍ त्रिकोण) का स्वामी होकर निर्बल हो, ऐसे में ही मोती पहनना लाभदायक होता है। नहीं तो मोती मृत्यु का कारक भी बन जाता है.  conditions for wear pearl   लग्न कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थानों का स्थायी हो मगर, 1. 6, 8, या 12 भाव में चंद्रमा हो तो मोती पहनें। 2. नीच राशि (वृश्चिक) में हो तो मोती पहनें। 3. चंद्रमा राहु या केतु की युति में हो तो मोती पहनें। 4. चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो मोती पहनें। 5. चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तो भी मोती धारण करना चाहिए। 6. चंद्रमा की महादशा होने पर मोती अवश्य पहनना च‍ाहिए। 7. चंद्रमा क्षीण हो, कृष्ण पक्ष का जन्म हो तो भी मोती पहनने से लाभ मिलता है।

भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों का स्वभाव - bharni nakshatra in hindi

नक्षत्रों की श्रेणी  में भरणी को दूसरा नक्षत्र माना जाता है, इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है. शुक्र के प्रभाव के कारण ऐसे लोग आराम से और शांति से जीना पसंद करते है और क्या है भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों का स्वभाव आइये जानते है.  bhrani naksahtra facts  राशि - मेष  अंश - 13. 20 - 26.40 डिग्री  नक्षत्र स्वामी  - शुक्र  लिंग        - पुरुष  दिशा     - पश्चिम  गुण    - राजसिक  nature of person born in bhrani nakshatra  venus effective होने के कारण ये लोग  देखने में आकर्षक व सुन्दर होते हैं. इनका नेचर  भी सुन्दर होता है जिससे ये किसी  का भी मन मोह लेते हैं। इनके जीवन में  प्रेम आता जाता रहता है. ये लोग अपने दोस्तों से बिलकुल honest होते है. लेकिन ये सच्चाई को बड़ा मानते है और किसी कमी को सामने ही बीते देते है. इन्हें समाज में इज़्ज़त जरूर मिलती है.  bharani nakshatra के जातक उर्जावान होते   हैं. मेष राशि का अंश होने के कारण ये लोग जो   ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही मानते  हैं। किसी भी परिस्थिति को शांति से सुलझाना चाहते है लेकिन कूटनीति भी करने में पीछे नही हटते।  luxury की तरफ इनका झ

लगन के स्वामी का छठे भाव में फल - Lord of Ascendant in the sixth house

यदि लगन का स्वामी यानि के कुंडली में पहले भाव का lord छठे भाव में आ जाये तो अक्सर ऐसा देखा जाता है जातक का अपनी हेल्थ के ऊपर विशेष ध्यान रहता है.  छठा घर बीमारी का बताया गया है लेकिन वो बीमारी जिसका इलाज़ सम्भव होता है. ऐसा जातक छोटी छोटी बीमारी में भी careful रहता है.  astrology के अनुसार ऐसे लोग लिखने वाले काम में अच्छा करते है. अपनी life में ये लोग competition और दुश्मनों से घिरे रहते है लेकिन बचाव भी होता है. नौकरी या service business ऐसे लोगो को फायदा देता है. 

उपायों द्वारा पाएं डरावने सपनों से छुटकारा - How to Avoid Nightmares and Bad Dreams

कुछ लोगों को हमेशा सपने आने की दिक्कत रहती है या कई बार लगातार सपने आने लगते है ऐसे में परेशानी होने लगती है. ऐसा खासकर महिलाओं के साथ होता है. आज जानते है के कैसे सपनों से मुक्ति पाई जाये.  Timing of nightmare - dreams स्वप्न ज्योतिष के अनुसार रात के पहले पहर यानि के  12 बजे से २ बजे के बीच  में देखे गए सपने का result  एक साल के अंदर मिलता है। दूसरे पहर (2 - 4) में देखे गए सपने का फल छ: महीने में मिलता है।  तीसरे पहर में (4 - 6 ) देखे गए सपने का फल तीन महीने में मिलता है और चौथे पहर यानी के morning में  देखे गए सपने का फल बहुत जल्दी  मिलता है। tips for avoid nightmare or bad dreams  सिरहाने के पास में चाकू को रखें (place knife near bedhead) जिन लोगों को अक्सर रात में बुरे सपने आते रहते है और इस कारण अचानक नींद खराब होतु रहती हो तो उन्हें रात में अपने सिरहाने के नीचे एक चाकू रखना चाहिए। चाकू न होने पर कैंची, नेल-कटर, कांटा आदि भी pillow के नीचे रख सकते हैं। पीले रंग के चावल (yellow rice for avoid nightmare and dreams) तकिये के नीचे पीले चावलों को एक कपड़े की छोटी सी पोटली  में बांधकर स

अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोगों का स्वभाव - ashwini nakshatra born person in hindi

आज बात करते है सबसे पहले नक्षत्र की अश्विनी, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोगों की  राशि मेष व जन्म नक्षत्र स्वामी केतु बनता है। इनके जीवन पर मंगल और केतु ग्रह का पूरा प्रभाव रहता है.  अश्विनी नक्षत्र के पहलु  प्रतीक चिन्ह (symbol) : घोड़ा रंग : रक्त लाल वृक्ष : आंवला। राशि स्वामी : मंगल। देवता : केतु, अश्विनी कुमार। राशि अंश - मेष - 0 - 13.20 डिग्री  ashwini nakshatra persons features  अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग सुंदर व मजबूत शरीर के होते है. इनका माथा चौड़ा होता है. धन और  भाग्य दोनों का सुख इनके जीवन में देखा जाता है. positive -negative  points of ashwini nakshahtra born in hindi  ऐसे लोग  independent, सेवा करने वालेम सच बोलने वाले, भगवान को मानने वाले और साथ में धर्म में रूचि रखने वाले  होते है. ऐसे लोग 30 साल की उम्र के बाद success पाते है, इनका जिद्दी होना इनकी निशानी है. ऐसा देखा जाता है के यदि कुंडली में मंगल या केतु की स्थिति खराब हो तो ऐसे लोग बहुत ज्यादा गुस्सा करने वाले व् बहुत बड़े बड़े ख्वाब देखने वाले हो जाते है. रोग पीछा नहीं छोड़ते ऐसे लोगों का. 

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व - venus in astrology in hindi

शुक्र ग्रह दूसरा ग्रह है जो सूर्य के सबसे नज़दीक होता है और धरती के सबसे पास का ग्रह होता है. आज चर्चा करते है ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह की. क्या है इसके अंग, अंश और कार्य आइये जानते है.  venus (shukra grah) planet in astrology   astronomical introduction of venus - astronomy science के अनुसार शुक्र ग्रह सूर्य से कभी भी 48 डिग्री दूर नही जाता हालाँकि ये बात ज्योतिष शास्त्र में हजारों साल पहले ही बता दी थी. venus ग्रह का एक दिन धरती के 11 दिन के बराबर होता है. इसे sunrise से 5 घण्टे पहले और sunset के 5 घण्टे बाद देखा जा सकता है (48 डिग्री सूर्य से दुरी के अनुसार).  shukra in astrology  jyotish में शुक्र ग्रह स्त्री, राजसिक और जल तत्व से जुड़ा माना गया है, दिशाओ के अनुसार इस दक्षिण-पूर्व (southeast) का मालिक माना गया है. इसे विनम्रता, कोमलता, तमीज, love, devotion, शांति, आराधना का प्रतीक माना गया है. एक main point ये भी है के ये diplomacy (कूटनीति) में भी जरूरी ग्रह माना गया है.  ये अच्छी अच्छी dresses, fashion और भाई चारे में विश्वास रखता है. अच्छे शुक्र वाले लोग दूसरों को खुश करना

वैदिक ज्योतिष में लव अफेयर और लव मैरिज

आज के समय में सबसे ज्यादा लोग ये ही पूछते है के हमारी लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज. वैदिक ज्योतिष में लव मैरिज के लिए भी योग बताये गए है जिनसे बताया जा सकता है के लव मैरिज होगी या नहीं. आइये जानते है इन योगो के बारे में.  love marriage conditions in vedic astrology वैदिक astrology में इन बातों का अनुमान लगाया जाता है के जातक का मन किस ओर जा सकता है. कुछ लोग सिर्फ affair करते है और कुछ उस affair को marriage में convert करते है. आज बात करते है love affair और love marriage की.  love affair and love marriage   5th house love, creativity, relation, social circle से सम्बन्ध रखता है, इस भाव में राहु आने पर व्यक्ति लव अफेयर की और जा सकता है, इस भाव का सम्बन्ध 9 भाव से होने पर या 9th lord के साथ होने पर affair होता है, इसके अलावा 5th lord या 9th lord की दशा या अन्तर्दशा आने पर भी affair देखे गए है.  राहु का सम्बन्ध 5th lord की राशि या उच्च राशि से भी हो जाये तो भी affair होगा.  लेकिन अब बात आती है शादी की 7th house या उसका स्वामी इसमें शामिल नही हो रहा तो सिर्फ affair ही होगा शादी नहीं.  5th lo

अपनी बातों की वैल्यू बनानी है तो ठीक कीजिये सत्य वास्तु जोन - vastu tips for goodwill

वैदिक वास्तु में "वास्तु पुरुष मंडल " में सूर्य देव अगला स्थान है "सत्य" देव का. वास्तु शास्त्र में इनका उल्लेख किसी व्यक्ति की समाज में इज़्ज़त बनाने वाले देवता की तरह किया गया है.  Satya vastu zone  इस picture में आप देख सकते है जहाँ पर round mark किया है.. vastu purush mandala में सूर्य देव से बिलकुल आगे सत्य देव का स्थान है ये east की तरफ होता है. vastu shastra में इन्हें इज़्ज़त, मान देने वाला देवता माना गया है. सूर्य देव के साथी की तरह इन्हें देखा जाता है.  वास्तु अनुसार यदि के zone घर या ऑफिस में खराब है या disturb है तो ऐसे में व्यक्ति अपनी ज़बान की value खो देता है कोई भी उसकी बातों पर विश्वास नही करता, साथ ही व्यक्ति अपनी खुद की बात पर भी नहीं टिका रहता.  जब ये जोन ठीक रहता है तो व्यक्ति कोई भी बात सही time पर और सही तरह analyse करके बोलता है जिससे उसकी बात सुनी भी जाती है और मानी भी जाती है. साथ ही ऐसे लोग अपनी बातों से ही society में अपनी प्रतिष्ठा भी बना लेते  है. 

लग्न का स्वामी आठवें भाव में - Ascendant in the eighth house astrology

आज चर्चा करते है यदि लगन का स्वामी लग्न कुंडली के अष्टम भाव यानि के आठवें भाव में बैठा हो तो क्या प्रभाव होता है.  Lord of Ascendant in the eighth house in hindi  यह placement होने पर जातक थोड़ा  mysterious type का होता है, अपनी बाते सीक्रेट रखता है, अद्रश्य ताकतें इससे जुडी रहती है. ऐसे लोग परा विज्ञानं में माहिर हो सकते है.  ऐसे देखा जाता है के ये लोग अच्छे सलाहकार होते है खासकर lifestyle या मानसिक बातों से जुड़े विषयों में. education की बात की जाये तो पढ़ाई ठीक रहती है. ऐसे लोग कभी कभी धन खर्चने में कंजूसी दिखाते है.  अगर इसमें बैठा ग्रह कमजोर है तो बीमारियां पीछा नहीं छोड़ती, मानसिक विकार उत्त्पन्न होते है, लेकिन यदि इसमें बैठा ग्रह अच्छा है strong है तो दूसरों के मन में जगह बहुत जल्दी मिलती है. ऐसे लोगों से बार बार सलाह लेने का मन करेगा.  अनैतिक रिश्ते भी से लोगों के देखे जा सकते है but ये आजकल society में नार्मल बात है. कभी कभी ऐसा देखा जाता है के इनका बचपन परेशानी में निकलता है. अगर ये स्थिति कुंडली में है तो ऐसे लोगों को occult science या किसी consultancy activity से जुड़ना फायदा दे

लगन का स्वामी पहले भाव में - ascendant in first house astrology

जन्म कुंडली में यदि लगन का स्वामी लगन में ही बैठा है यानि के पहले भाव में ही बैठा है ऐसे में health अच्छी रहती है, कुछ हद तक आयु भी अच्छी रहती है. (if ascendant sit in first house in kundli it gives good health) ऐसे लोग दिमागी और शारीरिक तौर पर मजबूत होते है. खुश रहते है और कामयाब भी होते है. ऐसे लोग कुछ भी करने से पहले सोचना ज्यादा पसन्द करते है हालाँकि ऐसा करना हर बार अच्छा साबित नही होता। astrologically ऐसे लोग अपने ऊपर ही ज्यादा ध्यान देते है आत्म सम्मान हो या self-recognition. जन्म लगन का स्वामी अष्टम भाव में हो तो क्या हो उसके लिए पढ़े   लग्न का स्वामी आठवें भाव में - lagan lord in the eighth house astrology

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व - JUPITER IN ASTROLOGY IN HINDI

ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह सबसे बड़ा ग्रह है, एस्ट्रोलॉजी में इसे पुरुष ग्रह, सात्विक प्रवृति का ग्रह माना गया है. ज्योतिष में क्या है गुरु ग्रह का महत्व आइये जानते है.  jupiter and astronomy ये solar system में सबसे बड़ा ग्रह है और सूर्य से दुरी में पांचवे नंबर पर आता है. इसकी sun से distance 7783 million kms है. इसमें earth की तरह magnetic fields होती है.  juptier and astrology in hindi  astrology में इसकी direction northeast मानी  गई है. jyotish में इस ग्रह को बुद्विमानी और विस्तार से जोड़ कर देखा जाता है (jupiter relates with wisdom & expansion). यह  ग्रह बड़े होने की भावना, status की चाहत उतपन्न करता है.  कोई भी शुभ कार्य, रीती रिवाज़ jupiter से जुड़ा होता है (it is related with ceremony and rituals). इसकी हंसी गर्जने वाली व्  दिल से होती है. एक अच्छा character गुरु ग्रह ही देता है.  ये बहुत ज्यादा खाने-पीने, मोटे होने, और बहुत ज्यादा शिकायत करने से जुड़ा ग्रह माना गया है. तुच्छ और cheap लोगों से जुड़ कर अपने आप को fail कर लेना नीच बृहस्पति की निशानी है.  किसी व्यक्ति की जड़ो से ये ग्रह

ज्योतिष में क्या होते है नक्षत्र - nakshatra in hindi

आज ज्योतिष पर एक सीरीज शुरू करते है - नक्षत्र।।।।। जितना असर व्यक्ति पर राशि और लगन का पड़ता है उतना  असर या उससे कहीँ ज्यादा जिस नक्षत्र में व्यत्कि पैदा होता है उसका नक्षत्र पड़ता है. आइये जानते है क्या है नक्षत्र.  what is nakshatra in astrology in hindi वैदिक ज्योतिष में nakshatra की गणना की जाती है. हमारे ऋषि मुनियों ने राशियों का ग्रहों पर कितना असर है जानने के लिए राशि चक्र को 27 भागों में बाँट दिया.  ये चक्र  360º का होता है अब इसे 27 भागों बांटा तो  13º-20' एक भाग आया अब ये  13º-20' का हिस्सा नक्षत्र कहलाता है. astrology में नक्षत्र को star, constellation और asterism भी कहते है.  एक नक्षत्र normally  24 घंटो तक रहता है. परन्तु कभी-कभी 13º-20' पार करने में नक्षत्र कम या ज्यादा  टाइम भी ले लेता है. चन्द्रमा को जो समय 13º-20' पार करने में लगता है उसे नक्षत्र कहते हैं. अब ये हम जानते है कुल राशि 12 होती है इस प्रकार सवा दो नक्षत्रों की एक चन्द्र राशि बनती है ये आपको आगे  समझ आ जायेगा.  वेदों के अनुसार नक्षत्र से ही हमारे कर्मों का फल, अच्छा या बुरा पता चलता है. हर नक

वैदिक ज्योतिष और राहु - rahu in vedic astrology

आज बात  करते है राहु की, राहु कोई ग्रह नही है इसका कोई शेप या बॉडी नही मानी जाती. ये सिर्फ दो  बिंदु है  जिसे moon orbit कहते है, उसे काटने वाले. एक को राहु और दूसरे को केतु कहते है. हालाँकि एस्ट्रोलॉजी में राहु और केतु को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है.  rahu in vedic astrology  राहु और केतु दोनों ही कार्मिक ग्रह माने गए है, इनका अपना कोई घर नही होता। जिस राशि में ये बैठे होते है उसी का फल ये दे देते है. हालाँकि राहु का स्वभाव शनि ग्रह के सामान माना गया है.  nature of rahu in hindi  राहु का सम्बन्ध बॅटवारे, मुक्ति (किसी भी चीज़ से), चमक, उमंग और बहुत ज्यादा समझदार जैसी बातों से होता है. इसे एक रॉयल planet भी माना जाता है.  इसके अलावा जेल, ज़हर, चोरी, घाटा, किसी जरूरतमंद महिला की तरफ झुकाव ये भी राहु के लक्षण है.  diseases by rahu   अचानक होने वाली परेशानियां जैसे accidents, heart attack , लकवा ये सब राहु के कारण होते है.  education by rahu  अच्छा राहु जातक को brilliant बनाता है. इसके अलावा उसके subjects radiology, photography, अंतरिक्ष ज्ञान आदि में अच्छा नाम कराता है.  इसके अलावा

ads