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उत्तर-पश्चिम वास्तु दिशा क्यों जरूरी है

आज चर्चा करते है उत्तर-पश्चिम कोण की, वायु तत्व का ये कोण महत्वपूर्ण होता है. इसका सीधा सम्बन्ध बाहरी दुनिया से मिलने वाले support से है. आइये जानते है और किस किस से जुड़ा हुआ है ये कोण  northwest vastu direction  नार्थवेस्ट कोण को वायव्य कोण भी कहा जाता है. वास्तु शास्त्र में इस कोण को outer world के support system से देखा जाता है. जैसे हमारे नौकर, staff, banks, clients आदि. इसमे दोस्त और रिश्तेदारों से मिलने वाला support भी शामिल है.  इस दिशा में vastu dosh होने पर किसी का सपोर्ट नहीं मिलता। इस दिशा में bedroom होने पर लोग आपकी help कर देते है. हालाँकि फिर भी ये बैडरूम ज्यादा अच्छा नही है मेरी नज़र में. इसका कारण ये है के northwest- west का area depression देता है. और साथ ही वायु तत्व ज्यादा होने के कारण mind relax नही रहता। हां अगर घूमने फिरने में मज़ा आता है या marketing जैसा काम है तो ये रूम लिया जा सकता है.  God related to northwest  वास्तु शास्त्र में इस zone को कुलदेवी - कुलदेवता के लिए बताया गया है. जिनसे हमे support मिलता रहता है. अगर कुलदेवी की pic इस zone में लगाई जाये तो फायद

वास्तु अनुसार पड़ते समय किस तरह बैठे - vastu tips for sitting while studying

कई बार लोग पूछते है के पढ़ाई करते  वक़्त किस तरफ बैठे या किस तरह से बैठें। वास्तु शास्त्र का उपयोग  दैनिक जीवन की छोटी छोटी  बातों के बारे में भी किया जा सकता है. हम आपको  बताते है के किस तरफ बैठना चाहिए यदि आप concentration बनाना चाहते है.  vastu tip for how to sit while studying  पढ़ते समय आपकी sitting रूम के साउथ-वेस्ट की वेस्ट दीवार पर होनी चाहिए। इसे साउथवेस्ट - वेस्ट भी कहते है. आपका फेस ईस्ट या नार्थ की तरफ हो सकता है. इससे आपको अपनी study पर focus करने में ज्यादा परेशानी नही आएगी।  यदि आप इस तरफ नही बैठ पा रहे है तो कम से कम एक पैन स्टैंड इस corner में रख दीजिये।  तनाव का कारण हो सकता है वास्तु दोष - vastu tips for stress शिवलिंग घर में रखें जरा संभलकर - shivling at home precautions संतान और धन देती है वास्तु गाय - benefits of vastu cow करियर में नए अवसर प्राप्ति के लिए छोटा सा वास्तु उपाय - simple vastu tip for gaining new opportunities

वास्तु में कैसे परेशान करते है इलेक्ट्रॉनिक सामान

आयन (ion) ऐसे परमाणु या अणु है जिसमें इलेक्ट्रानों और प्रोटोनों की संख्या असामान होती है। इस से आयन में विद्युत आवेश (चार्ज) होता है।  हो गयी साइंस की लेकिन ये ions modern वास्तु शास्त्र में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है, आज के समय शायद ये ions ही नयी नई परेशानियां घर में लाते है. आइये जानते है क्या और कैसे  परेशान करते है ये और क्या है समाधान  ये बात तो हमने school में भी पड़ी है के दो तरह के ions या ऋण होते है. अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से अधिक हो तो आयन में ऋणात्मक (नेगेटिव) आवेश होता है और उसे ऋणायन (negative Ion ) भी कहते हैं। इसके विपरीत अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से कम हो तो आयन में धनात्मक (पोज़िटिव) आवेश होता है और उसे धनायन (cation, कैटायन) भी कहते हैं। positive ion हमारे शरीर के लिए बहुत नेगेटिव होते है और कैंसर, tumor, restless रहना ये सब इसके कारण ही होता है. positive आयन बिजली के सामान, कंप्यूटर, laptop से सबसे ज्यादा निकलते है. घर के स्विच बोर्ड या मीटर से ये लगातार निकलते रहते है. उसके अलावा हमारा मोबाइल फ़ोन जो सोते हुए भी हमारे साथ रहता है. पॉजिटिव ion का सीधा असर ह

पश्चिममुखी प्लाट/ भवन का वास्तु

जिन भवनो के सिर्फ पश्चिम दिशा की तरफ मार्ग होता है वह पश्चिम दिशा के भूखण्ड कहे जाते है । ऐसे भूखण्ड का शुभ अशुभ प्रभाव उस भवन में रहने वाली संतान पर पड़ता है। यहाँ पर हम आपको कुछ Vaastu rules  बता रहे है जिसका पालन करते हुए कोई भी अपने पश्चिम मुख वाले भवन को अपने लिए बहुत ही शुभ बना सकता है। west facing house/plot vastu tips west facing वाले भवन मुख्य द्वार पश्चिम की तरफ ही होना चाहिए । नैत्रत्य कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा एवं वायव्य कोण अर्थात उत्तर पश्चिम दिशा में main entrance नही होना चाहिए । नैत्रत्य कोण में मुख्य द्वार होने पर घर में बीमारी, धन हानि एवं आकाल मृत्यु का भय रहता है । पश्चिम मुख वाले भवन में अगर आगे की तरफ खाली हो तो पीछे पूर्व की तरफ और यदि संभव हो तो उत्तर दिशा की तरफ भी खाली स्थान अवश्य ही छोड़ना चाहिए । पूर्व दिशा की जगह पश्चिम दिशा में ज्यादा open space  होने पर संतान को परेशानी उठानी पड़ती है । पश्चिम व् दक्षिणी हिस्से हमेशा उत्तर व् पूर्वी हिस्से से भारी रहने चाहिए west facing plot  के भवन में अगर सामने के भाग में ऊँची दीवार के साथ निर्माण किया जाय तो यह बहुत

वास्तु शास्त्र में फव्वारे का महत्व

पृथ्वी के पांचों तत्वों में संतुलन बनाना जीवन के विकास के लिए आवश्यक रहता है। फव्वारा जल तत्व को बढ़ावा देता या संतुलित करता है। जल का सम्बन्ध हमारे दैनिंक कार्यों से होता है आइये जानते है फव्वारे का महत्व व् उपयोग इसके अलावा जल का सम्बन्ध कमाई के साथ देखा जाता है।व्यवसाय से धन प्राप्त होता है। विज्ञानं के हिसाब से एक फव्वारा सकारात्मक माहौल भी बनाता है. पानी धन का प्रतीक होता है। विज्ञानं के हिसाब से चलते हुए पानी का फव्वारा जिस स्थान में रखा होता है वहाँ पर नेगेटिव आयन (negative ions) बड़ा देता व् पॉजिटिव आयन (positive ions) कम कर देता है. नेगेटिव आयन हमारे शरीर के लिए अचे होते है व् हमारे शरीर में ऑक्सीजन व् इम्युनिटी (immunity) बढ़ता है. लेकिन फव्वारा हर जगह या हर दिशा में नही रखा जा सकता। इसको रखने के लिए किसी वास्तु विद सलाह अवश्य ले. फव्वारे को कैसे उपयोग मे लाये आइए जाने. व्यक्ति जब तनाव में घर लौटता है तो उसको फव्वारा देखकर सुकून मिलता है। खुशी मिलती है। अगर आपके पैसे का आवागमन रुक गया है तो भी आप इसे उपयोग मे ला सकते है. कार्यालय में टेबिल पर फब्वारा कार्य से होने वाले तनाव

साउथ-वेस्ट में मुख्य दरवाज़ा - बड़ा वास्तु दोष

साउथ-वेस्ट (नैऋत्य कोण) वास्तु शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण दिशा होती है. इस दिशा के  कारक ग्रह राहु देव होते है. इस दिशा में घर के मैन गेट का होना एक बड़ा  वास्तु दोष माना जाता है जो आपको हर तरह की परेशानी देने की क्षमता रखता है. आइये जानते है क्या परेशानियां आती है और क्या हो सकता है इस वास्तु दोष का उपाय।।।।। जैसा की मैंने आपको बताया के इस दिशा के  कारक ग्रह राहु देव होते है राहु देव का सम्बन्ध स्थायित्व से होता है, कोई भी अचानक आने वाली परेशानी या धन लाभ भी राहु से देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को गति का कारक माना जाता है. हालाँकि यही दिशा कुछ लोगो को अनगिनत पैसा व् समृद्धि देती है. लेकिन इसके बारे में बाद में चर्चा करेंगे। यदि इस दिशा में आपका मुख्या द्वार आ जाये तो ये चिंता की बात होती है.   वास्तु टिप्स- ये तस्वीरें घर में नहीं लगानी चाहिए सबसे बड़ी जो परेशानी आती है वो ये के जिंदगी में स्थायित्व (stability) नही रहती आदमी इधर उधर ही भागता रहता है. काफी लोगो से सुनने को मिलता है के इस तरह के घर में प्रवेश करते ही काम-धंधा बिलकुल रुक गया है. मानसिक शांति नही रहती।  क़र्ज़ का बो

वास्तु- घर में कहां कौन सी चीज रखें और कौन सी चीज न रखें?

जानिए वास्तु से जुड़ी छोटी-छोटी बातें, जिनका दैनिक जीवन में काफी अधिक महत्व माना गया है। इनकी मदद से बुरे समय को भी दूर किया जा सकता है। 1. कभी भी तिजोरी के ऊपर कोई भी सामान नहीं रखना चाहिए। तिजोरी के एकदम ऊपरी वाले खाने (हिस्से) में पैसा नहीं रखना चाहिए। 2. घर में स्टोर रूम और बाथरूम के पास पूजा कक्ष नहीं होना चाहिए। 3 . कुछ वृक्ष और पौधे दूध वाले होते हैं जैसे- आंकड़े का पौधा, बरगद। इस तरह के वृक्ष घर-आंगन में नहीं होना चाहिए। इनसे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। ये हमारे स्वास्थ्य के हानिकारक भी होते हैं। 4 . घर में बंद या खराब घड़ी भी नहीं रखना चाहिए। इसके अशुभ प्रभाव से भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। 5 . घर के पूजन स्थल पर सुबह-शाम घी का दीपक लगाने चाहिए। इससे भाग्य संबंधी लाभ मिलते हैं और इस दीपक का धुआं वातावरण की हानिकारक तरंगों और सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करता है। नौकरी में सफलता पाने का उपाय  6 . पलंग के नीचे फालतू सामान या जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए। इससे ऊर्जा का मार्ग अवरुद्ध होता है। 7 . तिजोरी में मुकदमे या वाद-विवाद से संबंधित कागजात नहीं रखना चाहिए। इन कागजों को ईशान कोण म

दक्षिण मुखी प्लाट व् वास्तु - south facing plot vastu

दक्षिण मुखी प्लाट को ज्योतिष व् वास्तु शास्त्र अशुभ माना  जाता है, जबकि असलियत में ऐसा कुछ नहीं है ये  केवल भ्रांति है. कुछ लोग दक्षिणमुखी प्लाट लेने  डरते है यहाँ  तक की बिल्डर्स भी दक्षिण मुखी प्लॉट्स के कम दाम लगाते है. हम आपको बता दे की दक्षिण मुखी मकान कोई तरह का दोष या अशुभ नही होता। south facing plot vastu myth अन्य दिशाओ के अलावा  दक्षिण मुखी प्लाट का निर्माण करवाते समय हमें कुछ सावधानियां अधिक रखनी पड़ती है.क्युंकि दक्षिण मुखी प्लाट पर थोड़ा सा गलत निर्माण का खामियाज़ा हमें भुगतना पड़ सकता है. आइये हम बताते है क्या हो सकते वे दोष vastu tips for south facing plot in hindi यदि आप दक्षिण मुखी प्लाट का निर्माण करवा रहे है तो मैं गेट भूलकर भी दक्षिण-पश्चिम कोने में ना बनवाये,  किसी भी कारण से बोरिंग और सीवेज दक्षिण-पश्चिम में ना करवाए, दक्षिण-पूर्व ले. कुछ मकान आगे से खुले व् पीछे से बने होते है, दक्षिण मुखी प्लाट में ऐसा निर्माण न करे .  दक्षिणमुखी प्लाट का निर्माण हमेशा सड़क से ऊपर ही करें  ऐसे प्लाट में फ्लोर का ढलान एक सामान होने चाहिए अगर फ्लोर का ढलान दक्षिण की तरफ है तो परेशानी न

वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम ( नैऋत्य कोण) का महत्व- south-west in vastu

वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम ( नैऋत्य कोण) सबसे महत्वपूर्ण दिशाओं में से एक है यहाँ तक की कुछ वास्तु  विद (Vaastu experts) इसे ही सबसे जरूरी दिशा मानते है. इसे नैऋत्य कोण से भी जाना जाता है. इस दिशा का स्वामी राहु ग्रह  होता है. अब हम जानते है की क्यों ये जरूरी दिशा है - विज्ञानं (Science) कहता है के समस्त ऊर्जा जो नार्थ-ईस्ट (north-east) से निकलती है वो साउथ-वेस्ट में ही जाकर रुक जाती है या स्थिर (stable) हो जाती है. विज्ञानं के अनुसार इस कोने में सबसे ज्यादा चुम्बकीय ऊर्जा होती है. इसीलिए वास्तु विद इस दिशा में पैसा रखने की सलाह देते है ताकि वो रुक जाये व् इसी कोने में अपने बुजुर्गो को भी कमरा देते है ताकि उन्हें स्थिरता मिले।  vastu shastra के अनुसार यही दिशा जिंदगी में स्थायित्व प्रदान करती है चाहे वो relationships हो या financial matters.  ज्योतिष में इस कोने का स्वामी राहु ग्रह बनता है जो आकस्मिक लाभ व् हानि का कारक होता है इसी लिए कुछ वास्तु विद इस कोने को भारी व् भरा हुआ रखने की सलाह देते है जिससे राहु ग्रह शांत रहे. इसी कोने शौचालय होना पितृ दोष भी माना जाता है. अब जानते ह

5 सबसे बड़े वास्तु दोष- 5 biggest vastu dosh

वास्तु शास्त्र में अनेक तरह के दोष बताय गए है लेकिन उनमे से कुछ दोषों को ज्यादा महत्व दिया गया है.   (5 biggest vastu dosh) जिनके कारण घर में रहने वाले लोगों को बहुत ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ता है आइये जानते उसमे  से 5 मुख्य दोषा कोण से जो घर में होने पर सबसे ज्यादा परशानी देते है. 1. नार्थ-ईस्ट (ईशान) - इस कोने में टॉयलेट (toilet) होना सबसे बड़ा वास्तु दोष होता है, इसके अलावा रसोईघर होना भी गलत माना गया है. इस दिशा में toilet होने से आमदनी में काफी problems आती है जबकि kitchen होने से आमदनी तो ठीक रहती है लेकिन health related issues या harmony में कमीं आ जाती है  2. कटा हुआ प्लाट - अगर किसी प्लाट का ईशान या नैऋत्य कोना कटा  हुआ है ऐसे घर को भी वास्तु में मना किया जाता है.     ऐसे प्लाट में financial problems आती है और disputes बढ़ते है  3  साउथ-वेस्ट (नैऋत्य ) - इस कोने में बोरिंग या कुआँ होना वास्तु में बड़ा दोष समझा जाता है. इसके अलावा इसी दिशा से घर का मुख्या द्वार होना वास्तु में पूरी तरह वर्जित है। इस दिशा में boring होने से पुश्तैनी सम्पति समाप्त हो जाती है उसके बाद आपका जोड़ा

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