लिटिल फिंगर यानि के सबसे छोटी अंगुली को कनिष्ठिका कहा जाता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अन्य अंगुलियों की तरह इसका भी महत्व माना गया है. यह अंगुली व्यक्ति के दिमाग के बारे में बताती है. आइए जानते है है इस ऊँगली के पोर क्या क्या बताते है. कनिष्ठिका अंगुली पहला पोर। meaning of First Phalange in Little Finger अंगुली का पहला पोर यदि अन्य पोर के मुकाबले लंबा हो तो ऐसे में व्यक्ति ज्यादा वाकपटु नहीं होता है. अपनी बात रखने के अन्य तरीके use करता है. कनिष्ठिका अंगुली का दूसरा पोर | Second Phalange in Little Finger इस अंगुली का दूसरा पोर बड़ा होने पर व्यक्ति अनेक विद्याओं में कुशल होता है, साथ ही इन्ही से अपनी पहचान बना लेता है. व्यवहारिक होना ऐसे जातकों की निशानी है. कनिष्ठिका अंगुली का तीसरा पोर | Third Phalange in Little Finger इस अंगुली का तीसरा पोर लंबा होने पर व्यक्ति का दिमाग बिज़नस वाला हो जाता है हर बात में हर काम में फायदे या नुकसान की calculation करता है. हालाँकि ऐसे लोगों का दिमाग तेज़ होता है. कनिष्ठिका का सिरा | meaning of Top End of Little Finger इस ऊँगली के सिरे से
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