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Showing posts from October, 2015

योग जिनसे मांगलिक दोष नही बनता

जन्मकुंडली में अगर मंगल 1, 4, 7, 8, 12 भाव में बैठ जाये तो ऐसे में मंगली दोष माना जाता है. ऐसा माना जाता है के ये दोष वयक्ति के वैवाहिक जीवन में बाधा उत्त्पन्न करता है. लेकिन  क्या आप जानते है के कुंडली में मांगलिक दोष का बनना आसान नही होता ऐसे बहुत सारे योग कुंडली में बनते है जिनसे मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है आइये जानते है इनमे से कुछ योगों के बारे में SITUATIONS WHEN MANGLIK DOSH CANCELS ITSELF कुछ लोगों का मानना है के MANGLIK DOSHA कुछ नही होता ऐसे में आपको कुछ कुण्डलियाँ भी मई जाएंगी जिसमे मंगल दोष बन रहा है लेकिन असल में ऐसा नही होता। पहली नज़र में किसी वयक्ति को मंगली बता देना आसान होता है लेकिन इसके प्रभाव उस पर होंगे या नही या मंगल कोई  राजयोग का निर्माण कर रहा है बताना मुश्किल होता है. अभी हम आपको मांगलिक दोष के उपाय नही बता रहे है सिर्फ ये साफ़ कर रहे है के कुंडली में मांगलिक दोष का प्रभाव किस अवस्था में घट जाता है ये समाप्त हो जाता है   जिस कन्या की कुण्डली में मंगल 1, 2, 4, 7, 8,12 भाव में हो उस कन्या की शादी ऐसे वर से की जाए जिसकी कुण्डली में उसके मंगल के समान भाव म

वास्तु के सरल उपाय - easy vastu tips for home

कुछ वास्तु उपाय बड़े महंगे व् वास्तु विद के द्वारा ही कराये जाते है लेकिन हम आपको कुछ easy से वास्तु उपाय बता रहे है जो हर वयक्ति कर सकता है और इन उपायों का कोई भी  नेगेटिव असर भी नही होता  9 easy tips for vastu  1. घर में तुलसी के पौधे लगायें इससे आसपास का environment    clean होता है  2. घर एवं आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें इससे positive energy        का circulation आसानी से हो जाता है 3. घर में नियमित गौ मूत्र का छिड़काव करें या गंगा जल का भी उपयोग     कर सकते है 4.  घर में कंडे को प्रज्ज्वलित कर धुना एवं लोबान से धूप दिखाएँ। ये घर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर  करता है ऐसा हफ्ते में एक बार कर सकते है  5.   अपने धर्म के अनुसार भजन,  सात्त्विक नाम जप करे. जिस धर्म का भी आप पालन करते है उसके अनुसार भजन जप सकते है या कोई c d का या कोई अन्य music instrument का उपयोग कर सकते है  6.   घर में कलह-क्लेश टालें,कोशिश करे की कोई भी विवाद या झगड़ा ज्यादा न बढ़े इससे वास्तु दोष बढ़ जाता है.घर में शांति बनाएँ रखे. क्लेश से कष्ट और बढ़ता है एवं धन का नाश होता है |  7.   प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें, घर के स

ग्रह के अनुसार रत्न - gemstones as per planets in astrology

ज्योतिष के प्रमुख ग्रंथ वृहद्संहिता जिसे आचार्य महर्षि वराहमिहिर ने लिखा है में सर्वप्रथम रत्नों के बारे में उल्लेख मिलता है| ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रह के कुछ रत्न होते है जिन्हे धारण करने से समबन्धित ग्रह का प्रभाव बढ़ जाता है. हालाँकि कुछ ज्योतिष ग्रन्थ Gemstones   को महत्व नही देते। आइये जानते है ग्रहो के अनुसार रत्न कौन से होते है ज्योतिष शास्त्र में नौ प्रमुख रत्न तथा शेष उपरत्न माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त 84 अन्य उपयोगी रत्नों का भी वृहद्संहिता में संपूर्ण विवरण दिया गया है |  इन रत्नो के  औषधीय उपयोग में भी होते  है|  इन नौ प्रमुख रत्नों का नवग्रहों से संबंध माना जाता है आइये जानते है इनके बारे में  GEMSTONE FOR SUN सूर्य का stone माणिक  है। SUN  को बल देने के लिए  माणिक को सोने की अंगूठी में, अनामिका अंगुली में रविवार के दिन पुष्य योग में धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है । GEMSTONE FOR MOON चन्द्रमा को शक्तिशाली बनाने में मोती का विशेष महत्व है। इसे चांदी की अंगूठी में शुक्ल-पक्ष सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है GEMSTONE FOR MAR

नामांक 3 - namank 3 numerology

नामांक 3 वाले लोगो पर बृहस्पति का प्रभाव ज्यादा होता है. इस नामांक वाले व्यक्ति साहसी और महत्वाकांक्षी होते हैं. इस नामांक वालों की अपने मूलांक वालों से अच्छी मित्रता होती है तथा यही अंक इनके लिये लाभदायक भी रहता है. गुरु का प्रभाव होने के कारन व्यक्तियों का स्वभाव एकदम सरल, स्पष्ट होता है इनमें साहस और महत्वाकांक्षा का अदभुत संगम देखा जा सकता है.ये लोग गलती होने पर भी लोगों को माफ़ कर देते है. ईमानदार होना इनका सबसे बड़ा गुण होता है namank 3 numerology वाला जातक जो भी कार्य-क्षेत्र चुनता है उसमें वह उच्च शिखर तक पहुँचता है. विश्वसनीयता तथा उत्तरदायित्व से युक्त कामों को करने में यह लोग पूर्ण निष्ठा का पालन करते हैं. लोग इनकी ईमानदारी और सच्चाई से बहुत प्रभावित होते हैं. कर्तव्य-पालन के प्रति यह लोग बहुत ही निष्ठावान होते है तथा यह सभी के समक्ष अच्छा स्थान पाते हैं. इनके लिए परेशानी ये है के नामांक 3 वाले व्यक्ति बहुत स्वाभिमानी होते हैं इन्हें किसी प्रकार कि मदद या एहसान लेना अच्छा नहीं लगता. कभी कभी ऐसे लोग में अहंकार ज्यादा बढ़ जाता है जो गलत असर डालता है.

पश्चिममुखी प्लाट/ भवन का वास्तु

जिन भवनो के सिर्फ पश्चिम दिशा की तरफ मार्ग होता है वह पश्चिम दिशा के भूखण्ड कहे जाते है । ऐसे भूखण्ड का शुभ अशुभ प्रभाव उस भवन में रहने वाली संतान पर पड़ता है। यहाँ पर हम आपको कुछ Vaastu rules  बता रहे है जिसका पालन करते हुए कोई भी अपने पश्चिम मुख वाले भवन को अपने लिए बहुत ही शुभ बना सकता है। west facing house/plot vastu tips west facing वाले भवन मुख्य द्वार पश्चिम की तरफ ही होना चाहिए । नैत्रत्य कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा एवं वायव्य कोण अर्थात उत्तर पश्चिम दिशा में main entrance नही होना चाहिए । नैत्रत्य कोण में मुख्य द्वार होने पर घर में बीमारी, धन हानि एवं आकाल मृत्यु का भय रहता है । पश्चिम मुख वाले भवन में अगर आगे की तरफ खाली हो तो पीछे पूर्व की तरफ और यदि संभव हो तो उत्तर दिशा की तरफ भी खाली स्थान अवश्य ही छोड़ना चाहिए । पूर्व दिशा की जगह पश्चिम दिशा में ज्यादा open space  होने पर संतान को परेशानी उठानी पड़ती है । पश्चिम व् दक्षिणी हिस्से हमेशा उत्तर व् पूर्वी हिस्से से भारी रहने चाहिए west facing plot  के भवन में अगर सामने के भाग में ऊँची दीवार के साथ निर्माण किया जाय तो यह बहुत

मंगल और शनि की क्रूरता में अंतर - difference between mangal and shani

मंगल और शनि की क्रूरता में अंतर ( difference between mangal and shani's negative effects) मित्रों ज्योतिष में mangal और shani दोनों को क्रूर ग्रह माना गया है लेकिन इनकी क्रूरता में basic  अंतर होता है. jyotish के अनुसार की शनि क्रूर होते हुवे भी उसका अंतिम परिणाम (conclusion) सुखद होता है जैसे अग्नि gold को जलाकर pure  बना देती है उसी प्रकार shani dev जातक को दुखो की अग्नि में जलाकर लोहे को कुंदन बनाने का कार्य करते है जबकि मंगल उतेजना बढ़ाने  वाला उमंग हिंशा और अंहकार (ego) से जातक को परिपूर्ण कर जातक के दुःख को Increase करने वाला कार्य करवाता है| गुरु और शुक्र की शुभता में अंतर ग्रह के अनुसार रत्न

गुरु और शुक्र की शुभता में अंतर

ज्योतिष शास्त्र में  गुरु और शुक्र शुभ ग्रह माने गये है | गुरु ग्रह देवताओं के गुरु है तो शुक्र देव राक्षशों के| लेकिन दोनों ग्रहों के शुभ फल में काफी अंतर होता है.  शुक्र जातक में सांसारिक गुणों में वृद्धि करता है तो गुरु अध्यात्मिक गुणों में | शुक्र जातक को स्वार्थी, भोगी, विलासी  बनाता है तो गुरु आध्यात्मिक,परमार्थी| शुक्र भोग विलास में रूचि लगवाता है तो गुरु भक्ति में | मंगल और शनि की क्रूरता में अंतर

कालसर्प योग को दूर करने के लिए कुछ उपाय

कालसर्प योग से तात्पर्य है 7 ग्रहों का राहू और केतु के बीच में आ जाना उदाहरण के लिए सूर्य, चन्द्र , मंगल, बुध, गुरु शुक्र, शनि अगर राहू और केतु के बीच में आ जाते हैं तो कालसर्प योग का निर्माण हो जाता है जन्म कुंडली में. जब सभी गृह राहु केतु के बीच में आ जाते है तो कुंडली में राहु केतु का effect बढ़ जाता है जो किसी बुरे योग को या किसी राज योग को जन्म देता है. ये राहु केतु की स्थिति पर निर्भर करता है kaal sarp remedies in hindi ऐसा माना जाता है ये योग एक प्रकार का रोक पैदा करता है अर्थात जातक को कार्यो को करने में मेहनत ज्यादा करना होता है और उसका फल कम मिलता है. जिसके कारण उदासीनता, क्रोध, विषाद आदि आ जाते हैं, सही कार्य नहीं मिल पता, सही पारिश्रमिक नहीं मिल पाता है, .  सही जीवन साथी सही समय पर नहीं मिल पाता है, विद्यार्थी सही नंबर नहीं ला पाते है, संतान समस्या उत्पन्न होती है आदि. हालाँकि कई बार कालसर्प के कारण भी वयक्ति को famous बनते देखा गया है. इसकी चर्चा हम आगे करेंगे अभी आपको बताते है के यदि आपकी janmkundli में काल सर्प दोष बताया गया है और आपको ऐसा लगता है के इसके कारण आपका भाग्

"O" अक्षर नाम के वयक्ति की विशेषताएं

अंग्रेजी वर्णमाला में इसका स्थान 15वां है इसलिए यह अंक छः के प्रभाव में होता है। जिनका नाम इस अक्षर से शुरू होता है ऐसे लोग दर्शन एवं आध्यत्मिक विषयों में अधिक रूचि रखते हैं। विज्ञान विषयों में इनकी बुद्धि खूब चलती है। qualities of person name starts with letter O ये लोग जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखते हैं, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के कारण कभी हार नहीं मानते हैं। इसी विशेषता के कारण ये लोग दूसरों से अलग नजर आते हैं।  ओ अक्षर वाले लोगों के मित्रों की संख्या बहुत अधिक होती है, लेकिन इनके enemies भी अधिक होते हैं। इन्हें कई बार अन्य लोगों द्वारा छला भी जाता है और इसी कारण कई परिस्थितियों में ये स्वार्थी बन जाते हैं।यह काफी उर्जावान होते हैं और social activities में बढ-चढ़कर भाग लेते हैं। प्रेम एवं रिश्ते इनके लिए काफी महत्वपूर्ण होता। सेक्स लाईफ को काफी पंसद करते हैं। इस अक्षर के व्यक्ति काफी महत्वाकांक्षी होते हैं। जीवन में शीघ्रता से ऊंचाई को छू लेने की इनमें प्रवृति होती है।   इनकी महत्वकांक्षाओं के कारण जीवन में कई achievements  हासिल करते हैं और समाज में एक खास मुकाम बनाते हैं। इन लोग

बच्चों के कमरे का वास्तु - vastu tips for children bedroom

घर बनवाते वक़्त या खरीदते समय आजकल बच्चों के बैडरूम को भी ध्यान में रखा जाता है. वास्तु शास्त्र में भी छोटे बच्चो व् teenager children's के रूम के बारे में बताया गया है. इसके अलावा fengshui में भी इसे महत्व दिया गया है. यदि बच्चों का कमरा सही दिशा में है तो बच्चे भी सही दिशा में बढ़ते है और पढ़ाई - लिखाई व् अन्य competition में कोई मुश्किल नही आती. आइये जानते है बच्चो का bedroom कहाँ और  कैसा होना चाहिए   things to see while making children bedroom बच्चे के कमरे में उसका पलंग, उसकी study table, उस कमरे का रंग, उसके कमरे में दीवारो पर चित्र, घडी, कमरे में रौशनी की व्यवस्था, खिड़कियां, दरवाजे आदि की दिशा बिलकुल सही होनी चाहिए । यहाँ पर हम आपको बच्चो के कमरे के वास्तु टिप्स बता रहे जिन्हे अपनाकर आप अपने बच्चो के भविष्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है । Vastu tips for kids bedroom colors for children bedroom बच्चो के कमरे की दीवारों के लिए हल्के रंग का प्रयोग करें । उनके बैडरूम के लिए light green color best माना जाता है। क्योंकि हरा रंग कल्पनाशीलता, ताजगी और एकाग्रता को बढ़ाने मे

राशि के अनुसार जानिये किसके साथ अच्छी रहेगी दोस्ती

ज्योतिष में हर राशि की मित्र राशि व् शत्रु राशि होती है. राशि के हिसाब स्त्री हो या पुरुष, हमारी दोस्ती किस व्यक्ति के साथ कैसी रहेगी इस बात की जानकारी ज्योतिष से मिल सकती है. आइये जानते है अपनी नाम राशि के अनुसार जानिए आपकी दोस्ती किस राशि के साथ अच्छी रहेगी... मेष- इस राशि का स्वामी मंगल है। शनि और मंगल एक-दूसरे से शत्रु भाव रखते हैं इसीलिए शनि की राशि मकर र कुम्भ से इनके विचार अलग हो सकते है. वृष एवं तुला राशि के लोगों के साथ इनकी मित्रता सामान्य रहती है। इसके अलावा अन्य राशि के लोगों के साथ इनकी मित्रता अच्छी रहती है। वृष- इस राशि का स्वामी शुक्र है। शनि की मकर एवं कुंभ राशि वालों से इनकी दोस्ती अच्छी रहती है। बुध की मिथुन एवं कन्या राशि वालों से इनकी मित्रता सामान्य रहती है। शेष राशियों के साथ इनकी मित्रता आपसी तालमेल के आधार पर ही टिकी रहती है।  मिथुन- इस राशि का स्वामी बुध है। आमतौर पर इनकी दोस्ती चंद्र की कर्क राशि के लोगों के साथ ठीक नहीं रहती है। बुध ग्रह चंद्र से शत्रुता का भाव रखता है। शेष सभी राशि के लोगों के साथ ये अच्छी तरह दोस्ती निभा लेते हैं। कर्क- चन्द्र प्रभाव के का

मेष राशि की विशेषताएं - mesha rashi characteristics in hindi

मेष राशि का स्वामी मंगल है. मंगल अग्नि तत्व प्रधान होता है, ये मंगल की शुभ राशि होती है. मेष राशि वाले व्यक्ति दबंग और कुछ क्रोधी भी होते है. कुछ हद तक जिद्दी भी होते है.यह स्फूर्तिवान व उच्काकांक्षी होते है. अनुशासन व व्यवस्था बनाएं रखना इनकी प्रकृति होती है. मेष राशि की विशेषताएं  mesh rashi characteristics - Aries zodiac sign    मेष राशि वाले माध्यम कद के अक्सर होते है.इनका चेहरा लंबा व लाल रंग का होता है.स्वभाव से independent  nature वाले व स्पष्ट वक्ता होते है, इनके दांत चमकीले और पुष्ट होते है. नेत्र चंचल और दृष्टि तीव्र होती है. जोखिम के कार्य करने में माहिर व हमेशा प्रसन्न रहते है. भूरे मिश्रित बाल व दृढ शरीर के होते है.  mesh rashi persons  के स्वभाव में तेजस्विता का भाव विद्यमान रहता है. दूसरों के नीचे काम करना  इन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं होती है. इस राशि वाले दूसरों के अधीन रह कर विकास के कार्य नहीं कर सकते, स्वतंत्र कार्य करने में ही इनको सफलता प्राप्त होती है.  अपने भावों पर नियंत्रण करना इस राशि वालों के लिए अत्यंत आवश्यक होता है. मेष राशि वाले अपने गुणों से इच्छित उन्नति

वृष राशि की विशेषताएं - vrishab rashi in hindi

वृष  लग्न के लोग  आकर्षक वयक्तित्व  वाले होते है.पुष्ट शरीर, बैल के समान वेग, मस्त चाल, स्वाभिमानी एवं स्वछन्द विचरण करने वाले होते है.इनका शीतल स्वभाव होता है.होंठ मोटे, कान एवं गर्दन कुछ लंबी होती है. इस राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है. यह पृथ्वी तत्व के होते है. ऐसे व्यक्ति उदार तथा सहिष्णु स्वभाव के होते है. इनकी वाणी में मिठास होती है. अगर वयक्ति पर वृष राशि का पूर्ण प्रभाव है तो  वयक्ति अत्यंत सुंदर होता है. यही प्रभाव वृष लगन वालों पर भी होता है  vrish rashi meaning in hindi character - ऐसे व्यक्ति  शांत स्वभाव के होते है. सभी लोग इनसे प्रभावित होते है. अपनी आकर्षक बोली  से शुभ और महत्वपूर्ण सांसारिक कार्यों को सिद्ध करने में भी सफल रहते है.यह जल्दबाज़ी  में कोई भी कार्य नहीं कर सकते है. ये लोग हमेशा मौके का इंतज़ार करते है तभी कदम आगे बढ़ाते  है. vrish rashi ke log  अच्छा और स्वादिष्ट भोजन पसंद करते है. सभी तरह काम ये लोग कर सकते है . ऐसे व्यक्ति कला, संगीत, नृत्य, सिनेमा, गायन इन गतिविधियों में विशेष झुकाव रखते है.  धर्म के प्रति श्रद्धावान होते है. अवसरानुकूल धार्मिक अनुष्ठानो तथा

चिंता व् नज़र दोष दूर करने का उपाय

आज के दौर में चिंता ज्यादा होना  एक आम बात है, 80% लोगो को व्यक्तिगत बाधा रहती है । कभी कभी व्यर्थ  चिंता दिमाग पर बहुत ज्यादा असर करती है  । दरअसल ये नकारात्मक ऊर्जा होती है. इस नकारात्मक ऊर्जा को    दूर करने के कुछ आसान उपाय है एक बार अवश्य करके देखे आपको इसका फायदा अवश्य मिलेगा - चिंता दूर करने  के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें (anti clockwise) और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें।  यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। इससे जो नकारात्मक ऊर्जा आपके ऊपर हावी हो गयी वो कट जाएगी ये प्रयोग किसी वयक्ति को अगर नज़र लग गयी है तो  भी ये उपाय लाभकारी सिद्ध होता है.  सूर्य के अनुसार कुछ वास्तु उपाय कभी कभी छोटे बच्चे अचानक रोने लगते है या बीमार पड़ जाते है जो की नज़र दोष हो सकता है ऐसे में ये उपाय तुरंत लाभ देता है.  अच्छी नींद के लिए वास्तु  ये उपाय वयक्तिगत बाधा या वयक्तिगत नज़र के लिए ही काम करता है यदि घर पर या या काम पर नज़र है तो उसका उपाय अलग होगा।

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