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जन्म कुंडली और मकान का संबंध





आज कल मेरे पास एस्ट्रोवास्तु को लेके बड़े सारी क्वेरीआती है की कुंडली को देखकर मकान के बारे में कैसे बताया जा सकता है या मकान को देखकर कुंडली के बारे में कैसे बताया जा सकता है.

देखिए हम सब एक ही पिंड से मिलके बने चाहे वो पहाड़ हो चाहे वो नदी हो चाहे वो घर हो चाहे वो इंसान हो पंच तत्व की थ्योरी सब पर एक समान या एक जैसी लागू होती है. उसी थ्योरी को पकड़कर लाल किताब में मकान कुंडली बतायी गई और ये कोई बोहोत लंबा चौड़ा सब्जेक्ट नहीं है अगर किसी व्यक्ति को कुंडली पर अच्छी पकड़ है या किसी व्यक्ति को वास्तु शास्त्र पर अच्छी पकड़ तो वो आसानी से बता सकता है. यदि हम वास्तु  की ग्रन्थ उठाते हैं तो उसमें भी कुंडलियों के बारे में उल्लेख है और यदि हम ज्योतिष के ग्रंथ उठाते स्पेशली लाल किताब तो उसमें तो मकान बहुत ज़रूरी चीज़ है


अब जैसे मैं आपको एग्जाम्पल देता हूँ तो मुझे लगा कि मुझे ब्लॉग में लिखना चाहिए जब भी आप किसी घर के अंदर एंटर करते हैं तो हर ग्रह अपने बारे में बता देता है कि कौन सा ग्रह इस घर में ज़्यादा बोल रहा है यानी ज़्यादा ताक़तवर है हम इसे क्षेत्रपाल भी बोल सकते हैं और जो ज्योतिषी होंगे वो ग्रहफल बोल देंगे.

उदाहरण के लिए यदि किसी घर में घुसते ही आपको टॉइलेट मिलती है तो आप और राहू के फल ज़्यादा पढ़ सकते हैं और यदि घर में घुसते ही आपको कोई पानी का सोर्स मिलता है तो अब चंद्रमा के बारे में बोल सकते है चंद्रमा सफ़र का कारक है तो आप ये भी बोल सकते हैं कि आपके घर में से कोई विदेश में जाएगा. 

घर में घुसते ही यदि किचन देख रही है तो मंगल का असर दिखेगा उसमें आप बोल सकते हैं कि आपको बोहोत ज़्यादा तर्कवादी होंगे और आप लोगों का भला करने के बारे में बोहोत सोचते होंगे या आपका प्रोफ़ेशन ही ऐसा होगा इससे लोगों का भला होता होगा. 


ऐसे ही अलग अलग ग्रह अपने बारे में बताता रहता है और जो ज्योतिषी होता है या वास्तु वाला होता है वो इनको जानने की कोशिश करता है इसलिए एस्ट्रोवास्तुर ज़्यादा अब चलन में आ गई है मैं मोस्टली स्टूडेंट्स को सलाह देता हूँ की आप मकान कुंडली पढ़िए मकान कुंडली लाल किताब का ही हिस्सा है यदि आप लाल किताब का ढंग से पड़ते हैं तो आपको astrovastu नाम की चीज़ अपने आप ही आ जाती है.


यदि आपके घर में मुख्य दरवाज़ा पश्चिम की ओर कोई शनि का घर माना जाएगा और यदि घर में घुसते ही आपको गणेशजी की मूर्ति दिखती है या आपका घर कॉर्नर का है तो वो केतु का घर हो जाएगा.

 कॉर्नर से बराबर वाला घर गुरु का हो जाएगा और जो घर गुरु के होते हैं ना वहाँ पर गुरू से सम्बंधित काम ही चल पाते हैं वरना लोग दुखी मिलते आपको और यदि ऐसे घर में कोई टीचर है जो अच्छी है तो वो ख़ूब तरक़्क़ी करेंगे.


घर लंबा गहरा हो रहा है जहाँ सूर्य की रोशनी नहीं आ सकती है ऐसे घर शुक्र के घर हो जाएंगे शुक्र के घर है तो अफेयर भी आपको मिलेंगे शुगर भी आपको मिलेगी, और बीमारियां क्योंकि शुक्राचार्य जी बीमारियों से संबंध रखते हैं

अगर किसी घर में घुसते ही आपको रॉयल्टी दिखने लगें तो आप सूर्य का घर उसे मान सकते हैं घर में घुसते ड्राइंगरूम बड़ा चकाचक बना पड़ा हो सूर्य की रोशनी पूरे पूरे वेग से आ रही हो तो ये सूर्य का घर बन जाएगा ऐसे ही छोटे छोटे रूल अक्सर वास्तु में  चलते रहते हैं और इनको अगर सही से फ़ॉलो किया जाए और कुंडली से लगाकर यदि चलाया जाए तो बहुत कुछ देखा जा सकता है.


जैसे यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शनि का योग है या शनि पंचम भाव में हैं अब पंचम भाव क्या होता है घर में घुसने का रास्ता होता है घर में हवा आने की जगह होती है तो कभी कभी ऐसे घरों में घुसते लोहे का जाल दिखता है शाफ़्ट दिखती है और वहाँ से सूर्य की रोशनी छन के आ रही होती है और यही बीमारियों का कारण बन जाती है. दूसरा एग्जाम्पल किसी के गुरु दसवें भाव में है तो ऐसे घर में जो पेशाब घर होते हैं वो बड़ी ज़्यादा गंध देते है या गंदे रहते  और उसका उसको साफ़ रखना ही उसका उपाय बन जाता है.


लेकिन एस्ट्रो वास्तु का जो सब्जेक्ट ना जो मकान कुंडली का सब्जेक्ट है ये एक शफ़ा माँगता है ये इस तरह नहीं बना की आपने कोई कोर्स कंटेंट लिया या किसी  से पढ़ा और अब शुरू हो गए हैं, क्योंकि ज़िंदगी इतनी तेज़ी से बदल रही है इधर नए नए गैजेट आ रही है कि एक शफ़ा और डेडिकेशन आपको चाहिए होती है.


प्रतीक़ गुप्ता
9899002983

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