Skip to main content

एस्ट्रोवास्तु के अनुसार दिशाए और कुंडली - Astrovastu directions and kundli

 काफी लोग आजकल वास्तु के साथ ज्योतिष का संबंध स्थापित करते है और ये होता भी है. दोनों शास्त्र एकदूसरे के बारे में बताते भी है. आज चर्चा  करते है Astrovastu के अनुसार किस भाव का सबंध घर में किस दिशा  से हो सकता है. 



astrovastu analyse 

जन्म कुंडली का पहला भाव आपके घर के ड्राइंग रूम को दर्शाता है.  इसके अलावा पूर्व दिशा को भी दिखायेगा।


 जन्म कुंडली का दूसरा भाव घर की शेप और साइज को दर्शाता है इसके अलावा उत्तरपूर्व दिशा को दर्शायेगा 


तीसरा भाव घर की दक्षिण दिशा और घर में रखे औज़ार के बारे में बताता है. 


चौथा भाव घर में जल से संबंधित सभी चीज़ो जैसे पानी की मोटर, कुआँ, नल,पाइप के बारे में बताएगा। उत्तरपूर्व दिशा के बारे में भी यही से देखते है. 


पांचवा भाव घर के विद्याघर यानी जहां पुस्तक रखते है उस जगह को दिखायेगा और पूर्व दिवार को दर्शाता है. 


छठा भाव घर की बेसमेंट. पेड़ पौधे और  उत्तर दिशा को दर्शाता है. 

सांतवा भाव घर की दक्षिणपश्चिम दिशा, जिस घर में हम पैदा हुए उसके बारे में बताता है. 


आंठवा भाव घर की किचन और celeing को दर्शायेगा इसके अलावा दक्षिणी दीवार की स्थिति ये बताता है. 


नवा भाव घर  का ब्रह्मस्थान और  घर  रखे जाने वाले मंदिर को  दर्शाता 
है. 



दसंवा भाव घर की दीवार खिड़की लोहा लकड़ चौखट को दिखायेगा इसके अलावा पश्चिम दिशा का ये कारक है. 


ग्यारहवा भाव हमारा मुख्य द्वार दिखायेगा दूसरे भाव से भी इसकी गणना  की जा सकती है. इसके अलावा पश्चिमी दीवार और घर की बाहरी दिखावट को ये भाव दर्शाता है. 


बारहवां भाव  आपका बैडरूम,छत्त को बताएगा और दक्षिणपूर्व दिशा दर्शाता है. 



इस प्रकार भावो में कोई दोष हो तो संबंधित भाव की दिशाओं में वास्तु दोष होगा ऐसा माना जाता है जिसके बहुत  सरल से उपाय होते है. 


तो आप भी चेक कीजिये और बताइए 


किसी भी सलाह के लिए सम्पर्क करे (paid) 9899002983 प्रतीक गुप्ता 

Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.