प्रॉपर्टीज में वास्तु दोष होने पर स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक़्क़तों के अलावा मालिक को मुकद्दमा, आयकर छापा, government issues आदि से जूझना पडता है. ऐसा देखा जाता है के पूरी जिंदगी ही किसी court case में निकल जाती है. लोग जितना कमाते है सारा धन कोर्ट के चक्कर लगाने में निकल जाता है. इसके कुछ कारण होते है आइये जानते है
vastu dosh related to government or court cases
यदि main entrance पूर्व-आग्नेयाभिमुखी southeast-east हो तो अदालती विवाद, सरकारी दांवपेच का भय रहता है. अगर गृहस्वामी अग्नि कोण यानि दक्षिण-पूर्व दिशा के कमरे में सोता है.तो जितना धन आता है उससे ज्यादा जाने का भय रहता है.इसलिए मालिक को हमेशा भवन के दक्षिण-पश्चिम भाग में सोना चाहिए. इससे सरकारी offices से कष्ट मिलने का डर कम होता है.
as per vastu shastra यदि भवन का पूर्वी भाग मकान के अन्य कोणों से ज्यादा ऊंचा हो तो Government related legal problems का भय बना रहता है.
घर का मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम कोण में होने पर होने पर अदालती झगड़े, आयकर विभाग द्वारा परेशान किये जाने का भय रहता है.
दर्पणयुक्त अलमारिया दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम कोण में होने पर सरकारी विभागों द्वारा परेशान किये जाने का भय बना रहता है.
उत्तर-पूर्व कोण पर कोई भी अलमारी, शौचालय, कूड़ा करकट, गन्दगी होने पर गवर्नमेंट मैटर्स या लीगल मैटर्स परेशान करते रहते है.
नैऋत्य कोण (साउथ-वेस्ट) बढ़ा हुआ हो तो शत्रु, अदालत, loan related कठिनाईओं का सामना करना पड़ सकता है.
वायव्य कोण ईशान्य कोण की अपेक्षा निचा हो तथा साथ ही कुआं या water pump, गड्ढा भी हो तो अदालती कार्यवाही, तथा बीमारीओं से परेशान ही रहेंगे.
नैऋत्य कोण-siuthwest हमेशा भारी रखना चाहिए यदि वंहा खाली स्थान है तथा जन्मकुण्डली में राहू अकेला है तो गृहस्वामी का खजाना उसके ही काम नही आता.
घर के उत्तर-पश्चिम में यदि पानी का पम्प या कुआं है तो दुश्मनी, मुकद्दमे, छल कपट व धोखे के साथ साथ दैवी प्रकोप भी पैदा करता है.
सफलता के लिए पश्चिम में ठोस दीवार का सहारा लें.
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