Skip to main content

लोटस से बनाये बिगड़े हुए संबंध - lotus crystal benefits in vastu-fengshui

 



फेंगशुई के प्रोडक्ट्स में एक प्रचलित चीज़ है लोटस क्रिस्टल (lotus crystal). कुछ वास्तु शास्त्री इसे लक्ष्मी माता से जोड़ देते है और कुछ बुद्धि से. वैसे तो क्रिस्टल पृथ्वी तत्व का प्रतीक होता है जो की स्थायित्व से संबंध रखता है. let see कैसे इस्तेमाल करें lotus crystal 








how to use lotus crystal 


क्रिस्टल बहुत शक्तिशाली गैजेट्स माने जाते है. ये किसी भी स्थान की ऊर्जा को 100 गुणा से भी ज्यादा बढ़ा देते है. एक activate क्रिस्टल को स्थापित करने से positive energy अपने आप बढ़ने लगती है. अब बात आती है इसे  रखे कैसे ? वैसे तो इसे ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ इस पर सूर्य की रौशनी पड़े क्यूंकि इसमें से होकर जब सूर्य की रौशनी निकलती है तो अच्छी ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए खिड़की के पास रखना अच्छा रहता है. 



लेकिन यदि आप रिलेशनशिप्स में परेशानी महसूस कर रहे है या कुछ हद तक दुर्भाग्य से घिरे हुए है तो ऐसे में इसे घर के दक्षिण-पश्चिम (225 डिग्री) पर रख सकते है. 


इसके अलावा आप इसे अपने ऑफिस में भी रख सकते है, अच्छी सफलता देता है. इसमें खुली पंखुड़ी वाला lotus क्रिस्टल ही लाना अच्छा रहता है. नार्थ-ईस्ट दिशा में इसे नहीं रखना चाहिए. 

Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.