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भगवान कृष्ण ने 8 विवाह किये थे जानते है क्या है कहानी - shree krishanji marriages














 ऐसा माना जाता है के कृष्ण जी ने कुल 8 शादियां की थी जिनमे – रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा को सब जानते है लेकिन बाकियों को ही जानते है ?


1. रुक्मिणी- rukmini



ऐसा माना जाता है के लक्ष्मी जी का रूप रक्मिणी  जो की विदर्भ राज्य की थी. विदर्भ राज्य का भीष्म नामक एक वीर राजा था।  जो मन ही मन श्री कृष्ण को चाहती थी लेकिन उनके भाई रुक्मी ने उनका रिश्ता कहीं ओर तय किया था. लेकिन भगवान गोविन्द ने रुक्मिणी को अपने साथ भगा कर के शादी थी. जिनसे विवाह होना था उसका नाम था शिशुपाल जिसे कृष्ण जी ने ही मारा था. 




2. जाम्बवती-  सत्राजित नाम के एक यदुवंशी ने सूर्य देव की तपस्या कर के एक मणि हासिल की थी. सत्राजित और कृष्ण के बीच किसी बात को लेकर मनमुटाव था.  सत्राजित का भाई मणि सहित जंगल शिकार के  लिए गया जहां उसका वध हो गया और मणि किसी तरह जामवंत जी के पास आ गयी. लेकिन सत्राजित के भाई के वध का दोष कृष्णजी पर आ गया. उस दोष से निजात पाने के लिए कृष्ण जी एक गुफा में गए जहां जांबवंत जी रहते थे और उनकी एक पुत्री भी थी जिसका नाम जाम्बवंती था. मणि को लेकर कृष्ण और जाम्बवंत में भीषण युद्ध हुआ और युद्ध के दौरान ही जांबवंत जी को श्रीकृष्ण के असली रूप का एहसास हो गया और उन्होंने माफ़ी मांगी. उन्होंने अपनी पुत्री श्रीकृष्ण को भेंट कर उसका विवाह कर दिया. 






3. सत्यभामा-  अपने दोष से मुक्त होने के लिए कृष्ण जी द्वारका पहुंचे और सत्राजित को मणि दी, जिससे वह बहुत लज्जित हुआ और माफ़ी मांगी. लेकिन अपनी गलती का पश्चाताप करने के लिए अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह श्रीकृष्ण के साथ किया. ताकि भविष्य में कोई दुश्मनी पैदा ना हो.

4. सत्या (नग्नजिती)- कौशल राज्य के राजा नग्नजित की एक पुत्री थी। जिसका नाम नग्नजिती थी। वह बहुत सुंदर और सभी गुणों वाली थी। अपनी पुत्री के लिए योग्य वर पाने के लिए नग्नजित ने शर्त रखी। शर्त यह थी कि जो भी क्षत्रिय वीर सात बैलों पर जीत प्राप्त कर लेगा, उसी के साथ नग्नजिती का विवाह किया जाएगा। एक दिन भगवान कृष्ण को देख नग्नजिती उन पर मोहित हो गई और मन ही मन भगवान कृष्ण से ही विवाह करने का प्रण ले लिया। भगवान कृष्ण यह बात जान चुके थे। अपनी भक्त की इच्छा पूरी करने के लिए भगवान कृष्ण ने सातों बैल को अपने वश में करके उन पर विजय प्राप्त की। भगवान का यह पराक्रम देखकर नग्नजित ने अपनी पुत्री का विवाह भगवान कृष्ण के साथ किया।

5. कालिन्दी- एक बार भगवान कृष्ण अपने प्रिय अर्जुन के साथ वन में घूम रहे थे। यात्रा की धकान दूर करने के लिए वे दोनों यमुना नदीं के किनार जाकर बैठ गए। वहां पर श्रीकृष्ण और अर्जुन को एक युवती तपस्या करती हुई दिखाई दी। उस युवती को देखकर अर्जुन ने उसका परिचय पूछा। अर्जुन द्वारा ऐसा पूछने पर उस युवती ने अपना नाम सूर्यपुत्री कालिन्दी बताया। वह यमुना नदीं में निवास करते हुए भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। यह बात जान कर भगवान कृष्ण ने कालिन्दी को अपने भगवान विष्णु के अवतार होने की बात बताई और उसे अपने साथ द्वारका ले गए। द्वारका पहुंचने पर भगवान कृष्ण और कालिन्दी का विवाह किया गया।

6. लक्ष्मणा- लक्ष्मणा ने देवर्षि नारद से भगवान विष्णु के अवतारों के बारे में कई बातों सुनी थी। उसका मन सदैव भगवान के स्मरण और भक्ति में लगा रहता था। लक्ष्मणा भगवान विष्णु को ही अपने पति रूप में प्राप्त करना चाहती थी। उसके पिता यह बात जानते थे। अपनी पुत्री की इच्छा पूरी करने के लिए उसके पिता ने स्वयंवर का एक ऐसा आयोजन किया, जिसमें लक्ष्य भेद भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के सिवा कोई दूसरा न कर सके। लक्ष्मणा के पिता ने अपनी पुत्री के विवाह उसी वीर से करने का निश्चय किया, जो की पानी में मछली की परछाई देखकर मछली पर निशाना लगा सके। शिशुपाल, कर्ण, दुर्योधन, अर्जुन कोई भी इस लक्ष्य का भेद न कर सका। तब भगवान कृष्ण ने केवल परछाई देखकर मछली पर निशाना लगाकर स्वयंवर में विजयी हुए और लक्ष्मणा के साथ विवाह किया।





7 . भद्रा- भगवान कृष्ण की श्रुतकीर्ति नामक एक भुआ कैकय देश में रहती थी। उनकी एक भद्रा नामक कन्या थी। भद्रा और उसके भाई भगवान कृष्ण के गुणों को जानते थे। इसलिए भद्रा के भाइयों ने उसका विवाह भगवान कृष्ण के साथ करने का निर्णय किया। अपनी भुआ और भाइयों के इच्छा पूरी करने के लिए भगवान कृष्ण ने पूरे विधि-विधान के साथ भद्रा के साथ विवाह किया।

8. मित्रविंदा-अवंतिका की राजकुमारी मित्रविंदा के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया गया था।  विंद नाम का व्यक्ति अवंतिका का भाई था और दुर्योधन का अच्छा मित्र था वो नहीं चाहता था के कृष्ण जो की वहां पहुंचे थे उनसे अवंतिका का विवाह हो. अवंतिका का मन कृष्ण पर ही था जब विन्द को ये पता चला तो विन्द ने मित्रविन्दा को ऐसा करने से मना कर दिया लेकिन कृष्ण जी ने भरी सभा से अवंतिका को बल पूर्वक उठा लिया और शादी भी की. 






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