भाग्यांक या टैलेंट नंबर हमारी जन्म तारीख, महीना व् साल का जोड़ होता है. अंकशास्त्र में विषम भाग्यांक और सम संख्या के भाग्यांक की अपनी-अपनी विशेषताएँ होती हैं. यह विशेषताएँ क्या होती है और इन विशेषताओं का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है
विषम अंको की विशेषताएँ |
जैसा की हम जानते है के अंक 1,3,5,7 और 9 की गणना विषम संख्याओं में होती है. विषम संख्याएँ 1,3,5,7,9 का एक - दूसरे के साथ बहुत अच्छा तालमेल रहता है. इन अंको वाले लोगों की अपस में अच्छी बनती है.
ये अंक 1,3,5,7 और 9 वाले व्यक्ति अन्तर्मुखी होते है और अपने से ही मतलब रखते हैं. ये अक्सर शांत रहते हैं.
.इन विषम संख्याओं में अंक नौ अंक सबसे अलग होता क्योंकि वह अपने बारे में ही नहीं सोचता अपितु नि:स्वार्थ भावना से दूसरों की भलाई के लिए भी सोचता है. जबकि 1,3,5,7 संख्याओ वाले व्यक्तियो की बुरी बात यह होती है कि ये अपनी खुद की प्रगति की चाह रखते हैं और दूसरो के बारे में ज्यादा नहीं सोचते हैं
विषम संख्या के व्यक्ति बहुत ही सोच विचार कर चीजों को चुनते हैं. सफलता, विकास और अस्तित्व के निखार के लिए इन्हें बहुत लोगो की आवश्यकता नहीं होती है. ये अक्सर एकांत पसंद होते हैं. इन्हें ज्यादा लोगो के मध्य रहने का शौक नही होता है.
सम संख्याओं 2,4,6,8 की विशेषताएँ |
इन सम संख्याओं के प्रभाव वाले लग सभी के साथ घुलना मिलना पसंद करते है. ये लोग सबको साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करते है. ये लोग समूह में काम करना पसंद करते है ये लोग स्वभाव से लोकोपकारी होते हैं. दूसरो के हितो का ध्यान रखते हैं. इनमें आध्यात्मिकता का भाव भी होता है लेकिन इन्हें और आगे जाने के लिए पुरुष अंको 1,5 और 7 के सहयोग की भी जरुरत होती है.
Bahut sateek varnan hai aur kaafii had tak sahii bhii.Gyaan denei ke liyei aabhaarii hain..
ReplyDelete