आजकल के घरो में अटैच टॉयलेट व् बाथरूम होना एक आम बात हो गयी है लेकिन क्या आप जानते है ये एक वास्तु दोष होता है. टॉयलेट व् बाथरूम एक साथ बनाते समय वास्तु नियम के अनुसार घर के सदस्यों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइये जानते है कैसे बनता है दोष और क्या होगी समस्या


attatch toilet-bathroom vastu dosh
वास्तु शास्त्र के प्रमुख ग्रन्थ "विश्वकर्मा प्रकाश " (vishwakarma prakash) में बताया गया है "पूर्वम् स्नान मन्दिरम्" मतलब बाथरूम पूर्व दिशा में बनाना चाहिए वहीं टॉयलेट के बारे लिखा है " या नैऋत्य मध्य पुरीष त्याग मन्दरम् " मतलब दक्षिण व् दक्षिण-पश्चिम के मध्य में टॉयलेट बना सकते है, toilet should be in between south-southwest.
Attach toilet bathroom बनाने से ये वास्तु नियम भंग होता है. वास्तु के अनुसार बाथरूम पर चन्द्र का प्रभाव व् अधिपत्य होता है टॉयलेट से राहु ग्रह का सम्बन्ध है दोनों को मिलाने से चन्द्रमा पर ग्रहण दोष लगता है और moon related vastu problems घर में आ जाती है.
nature of moon and rahu
चन्द्रमा का सम्बन्ध हमारे मन से होता है ये जल का करक भी है, चन्द्रमा को अमृत कहा गया है जबकि राहु का विष से होता है ये अग्नि तत्त्व से सम्बन्ध रखता है. चन्द्रमा और राहु दोनों विपरीत प्रकृति के ग्रह है.
effects of attach toilet bathroom
इससे व्यक्ति को मानसिक कमजोरी आना, परिवार में आपस में मन ना मिलना, शांति भंग होना, हर वक़्त तनाव ग्रस्त होना, ऐसी समस्याए आती है. आजकल आत्महत्या (suicide) की प्रवृति बढ़ना भी इसी कारण से होता है क्यूंकि इंसान मानसिक मजबूती खो देता है. क्यों मना किया जाता है किचन उत्तर या उत्तर -पूर्व में बनाने से
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