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लाल किताब में दूसरा घर - lal kitab me dusra ghar-bhav

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जन्मकुंडली में दूसरा घर हमारी इज्जत और धन के बारे में बताता है. हमारे पास पैसा शुभ कामों से कितना आएगा हमारा सम्मान कितना होगा दूसरे घर से पता चलता है. बुरे कामों से कमाई का दूसरे घर से सम्बन्ध नही होता। ओर क्या बताता है जानते है 




lal kitab mai second house in hindi


हद तक मानसिक प्रेम भी इस घर से सम्बन्ध रखता है. हमारी नेकी या हमारा दुसरो से काम निकलवाने का तरीका भी इसी घर से पता चलता है. हमारे मकान के सम्बन्ध में इस घर से मकान बड़ा या छोटा होने का पता चलता है.


दिशाओ के हिसाब से ये घर उत्तर-पश्चिम दिशा का होता है.. यहाँ बैठे हुए ग्रह शुभ फल ही देते है लेकिन आठवे में कोई अशुभ ग्रह नही होना चाहये। यहाँ का करक बृहस्पति है और चन्द्रमा इस घर में उच्च होता है. ye ghar maan smaan ka hai. yehi baat brahspati ki bhi hoti hai isi vajah se yaha ka karak brihaspati hi hota hai. 


शरीर के अंगो में ये घर गर्दन और माथे पर तिलक लगाने की जगह से सम्बन्ध रखता है. हम अपने रिश्तेदारो से क्या लेंगे या क्या देंगे इसी घर से पता चलता है. ये घर अध्यात्म से भी सम्बन्ध रखता है. 


कुछ हद तक हमारे सम्बन्ध ससुराल से कैसे honge इसी घर से पता चलता है. इस घर को धर्म घर कहा जाता है. 

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