what is nakshatra in astrology in hindi
वैदिक ज्योतिष में nakshatra की गणना की जाती है. हमारे ऋषि मुनियों ने राशियों का ग्रहों पर कितना असर है जानने के लिए राशि चक्र को 27 भागों में बाँट दिया.
ये चक्र 360º का होता है अब इसे 27 भागों बांटा तो 13º-20' एक भाग आया अब ये 13º-20' का हिस्सा नक्षत्र कहलाता है. astrology में नक्षत्र को star, constellation और asterism भी कहते है.
एक नक्षत्र normally 24 घंटो तक रहता है. परन्तु कभी-कभी 13º-20' पार करने में नक्षत्र कम या ज्यादा टाइम भी ले लेता है. चन्द्रमा को जो समय 13º-20' पार करने में लगता है उसे नक्षत्र कहते हैं. अब ये हम जानते है कुल राशि 12 होती है इस प्रकार सवा दो नक्षत्रों की एक चन्द्र राशि बनती है ये आपको आगे समझ आ जायेगा.
वेदों के अनुसार नक्षत्र से ही हमारे कर्मों का फल, अच्छा या बुरा पता चलता है. हर नक्षत्र का स्वामी ग्रह भी बताया गया है. बाद में और accuracy के लिए आचार्य कृष्मूर्ति जी ने हर नक्षत्र को चार और भागों में बाँट दिया।
कुल 27 नक्षत्रो में 6 नक्षत्र गण्डमूल के होते हैं. कुल 9 ग्रह होते हैं तथा 27 नक्षत्र होने से प्रत्येक ग्रह 3 नक्षत्रो का स्वामी होता है.
आगे आपको हर नक्षत्र के बारे में और उनकी क्या विशेषताएं होती है बताएंगे.
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