राम राम दोस्तों आज बात करते है एक छोटे से विषय की के मंगल आपकी कुंडली में किस तत्व में है. मंगल ही क्यों ? जब आपके सामने कोई मुसीबत आती है या कोई काम आपके पास आता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते है वो आपकी कुंडली मंगल की प्रकृति पर निर्भर करता है. लेकिन यंहा प्रकृति का मतलब मंगल के तत्व से है. जन्म पत्रिका में हर राशि के तत्व होते है मूल रूप से 4 तत्व जन्म कुंडली में देखे जाते है. मंगल मूल कुंडली में शुरुआत यानी पहला भाव और अंत यानी के आंठवे भाव का स्वामी है. हम कैसे किसी कार्य की शुरआत करते है कैसे रियेक्ट करते है ये मगल के तत्व से पता चलता है और यदि इस प्रकृति को समझ लिया जाए तो व्यक्ति अपनी कार्य करने के तरीके को जानकार उसमे सुधार कर सकता है जिससे सफलता उसे बहुत जल्दी मिल सकती है. यंहा प्रश्न आता है के मंगल के भाव को भी देखा जाना चाहिए देखिये मंगल जिस भाव में बैठा है उस भाव में हम अपनी ऊर्जा निकालते है वंहा अपना उत्साह व्यक्त करते है. लेकिन प्रेरणा मंगल अपने तत्व अनुसार लेगा और राशि अनुसार मंगल की प्रकृति बनेगी. सबसे पहले बात करते है अग्नि तत्व की, जब मंगल मेष - ...