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वास्तु शास्त्र के अनुसार क्यों जरूरी होता है हवन कराना

यज्ञ करना, हवन करना भारतीय परम्परा का हिस्सा रहा है. वास्तु शास्त्र में भी यज्ञ को बहुत महत्व दिया गया है. इसके कई पहलू सामने आते है आइये जानते है हवन करने का वास्तु पक्ष  benefit of hawan - yagya  in vastu  हर धर्म में घर को शुद्ध करने का कोई न कोई तरीका बताया ही गया है. वास्तु शास्त्र में भी हवन व् यज्ञ को बहुत जरूरी बताया गया है.  जब हम कोई घर बनाते है तो उसमे विभिन्न तरह की energies वर्क करती है. ये उर्जायें circulate होती रहती है, एक दूसरे में परिवर्तित होती है. जैसे जल से लकड़ी बनती है लकड़ी  से आग, अग्नि  लकड़ी की राख बना देती है जिससे पृथ्वी तत्व बनता है इसी तरह cycle चलती  रहती है.  कई बार घर में कुछ ऐसे कार्य होते  जिनसे ये circulation बिगड़ जाता है. ये काम कई बार खुद किये होते है या कई बार natural हो जाते है.  for example, यदि घर में कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा बीमार है तो उसकी बीमारी की tension सबको हो सकती है जिससे घर में  negativity बढ़ जाएगी अब यदि वह व्यक्ति ठीक भी हो जाये तो भी जो negativity थी वो पूरी तर...

लगातार तरक्की के लिए वास्तु का पृथ्वी तत्व - earth element importance in vastu shastra

आज चर्चा करते है पृथ्वी तत्व की, ये तत्व वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है. इसका सीधा सम्बन्ध स्थायित्व से होता है चाहे वो करियर हो या रिलेशनशिप। आपकी बातों में कितना वजन है कितना लोग सुनते है ये सब भी पृथ्वी तत्व से देखा जाता है. आइये जानते है और क्या क्या देखा जाता है पृथ्वी तत्व से earth element in vastu shastra अगर ध्यान से समझे तो पृथ्वी का काम क्या है - " हमें टिकाये रखना" पृथ्वी पर खड़े होकर ही हम आकाश की तरफ देखते है इससे आप समझ सकते है के यदि आपको तरक्की भी करनी है तो एक base तो चाहिए जो की पृथ्वी तत्व देता है. पहले इस तत्व के तथ्य बता देता हूँ , पृथ्वी तत्व दक्षिण-पश्चिम दिशा को represent करता है, इसका रंग पीला या ब्राउन माना जाता है. कुछ जगह इसे मेहरून भी लिया जाता है. square shape की चीज़े इसके कारक माने जाते है. किसी भी तरह की चीज़े जिनमे अच्छा खासा weight हो earth element से related होती है. दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य) का सम्बन्ध ख़र्चो से (southwest-south), stability से (southwest) और हमारे skill से होता है. इसके अलावा रिलेशन भी नैऋत्य कोण से देखे ज...

उत्तर-पश्चिम वास्तु दिशा क्यों जरूरी है

आज चर्चा करते है उत्तर-पश्चिम कोण की, वायु तत्व का ये कोण महत्वपूर्ण होता है. इसका सीधा सम्बन्ध बाहरी दुनिया से मिलने वाले support से है. आइये जानते है और किस किस से जुड़ा हुआ है ये कोण  northwest vastu direction  नार्थवेस्ट कोण को वायव्य कोण भी कहा जाता है. वास्तु शास्त्र में इस कोण को outer world के support system से देखा जाता है. जैसे हमारे नौकर, staff, banks, clients आदि. इसमे दोस्त और रिश्तेदारों से मिलने वाला support भी शामिल है.  इस दिशा में vastu dosh होने पर किसी का सपोर्ट नहीं मिलता। इस दिशा में bedroom होने पर लोग आपकी help कर देते है. हालाँकि फिर भी ये बैडरूम ज्यादा अच्छा नही है मेरी नज़र में. इसका कारण ये है के northwest- west का area depression देता है. और साथ ही वायु तत्व ज्यादा होने के कारण mind relax नही रहता। हां अगर घूमने फिरने में मज़ा आता है या marketing जैसा काम है तो ये रूम लिया जा सकता है.  God related to northwest  वास्तु शास्त्र में इस zone को कुलदेवी - कुलदेवता के लिए बताया गया है. जिनसे हमे support मिलता रहता है. अगर कुलदेवी की...

अग्नि-वायु - पृथ्वी - जल तत्व राशियां - element of zodiac sign in hindi

तत्व के आधार पर राशियों को चार भागों में बांटा गया है, अग्नि, वायु, पृथ्वी, जल राशि. इन राशि तत्वो का किसी व्यक्ति के  स्वभाव पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है. आइये जानते है इन तत्वों की विशेषताएं। elements of zodiac signs  12 राशियों को 4 तत्वों में बांटा गया है  fiery sign - अग्नि तत्व राशि  1. Aries - मेष  5  Leo - सिंह  9  Sagittarius - धनु   character of fiery sign - ये राशि साहस, confidence, आक्रामकता दिखाती है. ऐसे लोग उची उड़न भरने की क्षमता रखते है लेकिन गिरते भी उसी स्पीड से है. ये किसी बात का response बहुत जल्दी करते है. किसी भी काम में अपनी पूरी energy लगा देते है ये लोग और यही चीज़ इन्हें कामयाब बना सकती है.  airy sign  -  वायु  राशि  3  Gemini - मिथुन  7  Libra - तुला  11 Aquarius - कुम्भ  वायु राशि दिमाग और मन से जुडी हुई राशियां मानी गई है. इसके अलावा इसका सम्बन्ध आदर्श नेचर, आर्ट्स, किसी बारे में बारीकी से सोचना इन बातो से होता है. बहुत जल्दी im...

सात्विकम, राजसिक और तामसिक राशियां - movable, fixed, dual zodiac sign

हिन्दू शास्त्रों के आधार पर राशियों को तीन गुणों में बांटा जाता है - राजसिक, तामसिक और सात्विक। ज्योतिष में इन्हें चर, स्थिर और द्विस्वभाव कहा गया है. इन भागो की राशियों के अपने कुछ अच्छे और बुरे हिस्से होते है आइये जानते है.  char - sthir - dwisvbhav zodiac signs  cardinal - movable - char zodiac sign   Aries (मेष) , cancer (कर्क), Libra (तुला), Capricorn (मकर) fixed - sthir  zodiac signs   Taurus (वृष), Leo (सिंह), Scorpio (वृश्चिक), Aquarius (कुम्भ) dual - common - dwisvbhav  zodiac sign  Gemini (मिथुन), Virgo (कन्या), Sagittarius (धनु),  Pisces (मीन)   cardinal - movable - char zodiac sign  की विशेषताएं  ये लोग हिम्मत वाले होते है. ये लोग fame की तरफ जाते है, किसी भी परेशानी से निकलने की क्षमता इनमे होती है. depend होना पसन्द नहीं करते. चर राशि के लोग अपने हिसाब से things को shape देते है. अपने goals को हमेशा ध्यान में रखते है.  fixed - sthir  zodiac signs ...

सकरात्मक और नकारात्मक राशि क्या है - positive and negative zodiac signs

 ज्योतिष में राशियों का बहुत  महत्व है इनके आधार पर ही गणना चलती है. आज बात करते है राशियों के स्वभाव के बारे में, क्या है इनके गुण  what is zodiac ग्रहों के घूमने और longitude और latitude के आधार पर पृथ्वी पर एक पथ का निर्माण होता है जिसे zodiac कहा गया है.  zodiac को astrology के लिए विभिन्न भागों में बांटा गया है जो की scientific है.  इसमें zodiac को 12 हिस्सो में बांटा गया जिसे हम 12 राशियां कहते है. इसके अलावा ये 27 नक्षत्र में भी बांटा गया है. जब हमारा जन्म होता है उस समय चन्द्रमा और सूर्य एक ख़ास zodiac  पर होते है जिसके आधार पर हमारा ascendant और zodiac sign का निर्माण होता है.  जिन राशियों की हम बात करते है ये रशिया कुछ categories में बंटी  होती है. categories of zodiac सबसे पहले  इन 12 राशियों को positive और negative में बांटा जाता है. ये इसका मतलब अच्छा या बुरा नही है सिर्फ एक category है. इसे हम yin -yang भी मानते है जिसे chinese astrology में follow किया जाता है.  positive राशि एक तरह से male energy प्रकट करती है जिसका rule...

घर में ख़ुशी के लिए वास्तु नियम - vastu zone for happiness and joy

कई बार देखा जाता है के सब कुछ होने के बावजूद घर में ख़ुशी नही होती। सारे काम अपने समय पर हो रहे है लेकिन फिर भी घर में happiness नही है.  वास्तु शास्त्र में इसके बारे में भी बताया गया है. आइये जानते है क्या होते है इसके कारण और कैसे लाएं घर में ख़ुशी और मस्ती।  vastu for happiness  vastu shastra में northeast-east के portion को joy और fun का zone माना गया है. vedic vastu में इसे जयंत देव का स्थान माना गया है इनका काम मन को हमेशा ताजगी और ख़ुशी का एहसास देना है.  कई बार ऐसा देखते भी है के कोई व्यक्ति अपनी life में बहुत मस्त रहता है हर पल को enjoy करता है. ऐसा jayant vastu  जोन के balanced होने से होता है. यदि ये जोन ठीक है तो व्यक्ति किसी भी बात से परेशान नही होकर आगे बढ़ने के बारे में ही सोचता है.  ऐसा देखा गया है के balanced northeast-east के घर  में रहने वाले लोगों के positive  attitude के कारण इनका social circle बहुत अच्छा और काम आने वाला बनता है, और इन्हें successful बना देता है.  अब बात आती है यहाँ defects क्या क्या ...

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My Name is Prateek Gupta. I am a professional astrologer and vastu consultant. i am doing practice from many years. its my passion and profession. I also teach astrology and other occult subject. you can contact me @9899002983