नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे 13 जुलाई को शनी देव वक्री होने जा रहे है वो भी मीन राशि में. इसका प्रभाव क्या होगा और हर लगन पर इसका असर होगा ये भी जानेंगे.
नमस्कार, आज हम बात करेंगे गुरु से शनि ग्रह की दूरी का आपकी कुंडली पर क्या प्रभाव होता है. आप जो किस्मत लेकर पैदा हुए है उसका कितना हिस्सा आप ले पाओगे ये भी इस दूरी से पता चल सकता है साथ ही क्या उपाय होने चाहिए ये भी समझेंगे।
लग्न (Ascendant) को वैदिक ज्योतिष में ‘जीवन का द्वार’ कहा जाता है। यह वह विशेष बिंदु होता है जो व्यक्ति के जन्म के समय पूर्व दिशा (East) में आकाश में उदित हो रहा होता है। जिस राशि का यह बिंदु होता है, वही व्यक्ति की लग्न राशि कहलाती है।
बृहस्पति गोचर 2025 में बृहस्पति 15 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और 19 अक्टूबर 2025 को कर्क राशि में जाएगा। यह गोचर "अतिचारी" होगा, यानी बृहस्पति अपेक्षाकृत तेज़ गति से राशि परिवर्तन करेगा। नीचे प्रत्येक लग्न (Ascendant) के लिए इस गोचर का संक्षिप्त प्रभाव दिया गया है:
“ऐसा शत्रु जो सामने न दिखाई दे, लेकिन भीतर से हानि पहुंचाए — शनि की सप्तम दृष्टि से।” शनि की सातवीं दृष्टि (7th aspect) सामने वाले भाव पर होती है, पर यह दृष्टि केवल "सामने के शत्रु" नहीं, बल्कि छिपे हुए karmic शत्रु, रिश्तों में छुपे विरोध , और धीमी गति से नुकसान पहुँचाने वाले लोग भी दर्शाती है। यहाँ भाव अनुसार छुपे हुए शत्रु का संकेत कैसे मिलेगा, सरल भाषा में समझिए:
स्त्रियों में मेकअप की रुचि – राहु और सौंदर्य का ज्योतिषीय रहस्य मेकअप आज सिर्फ सौंदर्य बढ़ाने का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह आत्म-अभिव्यक्ति और रचनात्मकता का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। जिस तरह कलाकार रंगों से कैनवास को सजाता है, उसी तरह एक स्त्री अपने चेहरे को सौंदर्य की अभिव्यक्ति बनाती है। इस कलात्मक प्रवृत्ति के पीछे ग्रहों का भी गहरा प्रभाव होता है, विशेष रूप से राहु , शुक्र , चंद्रमा और बुध ।
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