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हमारी भारतीय संस्कृति में पैर छूने की परम्परा हज़ारों वर्षों से चली आ रही है. सभी वयक्ति अपने से उम्र में बड़े के चरण स्पर्श का उनसे आशीर्वाद लेते है. ऐसा माना जाता है के पैर चुने से वयक्ति का अहंकार समाप्त होता है और साथ ही जिनके चरण स्पर्श किये जाते है उनका भी मन हमारी तरफ झुकता है. लेकिन चरण स्पर्श का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है आइये जानते है क्या है पैर चुने का वैज्ञानिक महत्व
जैसा की हम जानते है के हमारा सिर उतरी ध्रुव व् पैर दक्षिणी ध्रुव होता है. ये ऊर्जा उत्तरी ध्रुव से शुरू होकर दक्षिण ध्रुव में जाकर अपना चक्कर पूरा करती है. हमारे शरीर में ऊर्जा सिर से होकर हमारे दक्षिणी ध्रुव यानि के पैरो में स्थित हो जाती है.
इस कारण जब हम किसी के चरण स्पर्श करते है वो सकरात्मक असीमित ऊर्जा हमें मिल जाती है. चरण स्पर्श करने के कुछ नियम भी बताये गए है. जैसे यदि हम किसी के चरण स्पर्श कर रहे हो तो दनो हाथों से छूने से सजातीय ऊर्जा हमें मिल जाती है.
हमारी संस्कृति में कोई भी कार्य बिना बात के नही किया जाता। हर परम्परा के वैज्ञानिक महत्व भी होते है. कृपया यदि आर्टिकल पसंद आये तो शेयर करें।
 
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