Skip to main content

कार्य की गति के अनुसार नक्षत्र चयन - nakshatra selection as per moving motion

ज्योतिष शास्त्र में बारीक से बारीक बातों का भी अध्ययन किया गया है जो जीवन के हर पहलु से जुड़े होते है. आज बात करते है कार्य की गति के अनुसार कौन सा नक्षत्र अच्छा रहता है जिसमे कार्य शरू करना अच्छा रहता है. 





अधोमुख नक्षत्र  - कुछ कार्य इस तरह के होते है जिनमे ऊपर से नीचे की ओर गति होती है, इन्हे अधोमन कार्य कहते है. इसके कुछ उदहारण आपको बताता हूँ जैसे बेसमेंट बनवाना, कुआँ खुदवाना आज की डेट में बोरिंग ले सकते हो, underground सड़क बनवा या क्रासिंग, underpass, खान की खुदाई, एक तरह ऊपर से नीचे को और प्रकृति के काम हो गए. एक कार्य और जोड़ता हूँ इसमें वो है ज्योतिष का ज्ञान, मैडिटेशन आदि इनमे भी अंदर की ओर ही जाते हैं. 

मूल,श्लेषा,कृतिका,विशाखा, मघा, भरनी और तीनो नक्षत्र जिनके आगे पूर्व लगता है. इन नक्षत्रों में ये कार्य करे. 



ऊर्ध्वमुख नक्षत्र -    जिन कार्यों में नीचे से ऊपर की ओर जाना हो उनके नक्षत्र भी बताये गए आर्द्र,पुष्य,श्रवण,धनिष्ठा,शतभिषा, रोहिणी और तीनो नक्षत्र जिनके आगे उत्तरा लगता है. इनमे ऐसे काम करने चाहिए जैसे नौकरी शुरू,बड़े पद पर बैठना, राजतिलक, गद्दी संभालना, शपथ लेना आदि जिनमे ऊपर की और गति हो. 



तीर्यमुख नक्षत्र -   अब कुछ कार्य ऐसे होते है जिनमे कार्य लगातार अच्छे से चलता रहे वही ठीक है जैसे नाव या विमान चलाना, ट्रेनिंग देना, मशीन शुरू करना, हल जोतना आदि. 

Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.