दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है, ईशान कोण के बाद ये कोण सबसे महत्वपूर्ण होता है. कुछ वास्तु शास्त्री इस स्थान पर टॉयलेट बनाने की सलाह देते है कुछ नही. जबकि दोनों ही सही हैं. आइये जानते है ये भ्रम की स्थिति क्यों आती है.
south-west toilet good or bad or both
वास्तु पुरुष मंडल के अनुसार दक्षिण पश्चिम का कोना चार भागों में बनता है जिन्हें हम 4 देव भी बोलते है ये है - भ्रंगराज, मृग, पितृ, दौवारिक ... इन्हें आप pic में देख कर समझ पाएंगे.
इन देवताओं की शक्तियों का अलग अलग वर्णन मिलता है. इनमे से केवल भृंगराज वास्तु जोन में टॉयलेट बनाना फायदेमंद होता है (ऐसा क्यों है वो आपको अन्य पोस्ट में बताएंगे.) जबकि अन्य कोण में बुरा माना जाता है. पितृ वास्तु जोन में टॉयलेट तलाक की समस्या तक दे देता है पितृ दोष का निर्माण करता है.
कुछ vastu consultant toilet की दिशा southwest बता देते है जो की गलत है, proper degree के हिसाब से बताना जरूरी है एक तरह से southwest-south में टॉयलेट बनाया जा सकता है.
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