राहु की अन्य ग्रहो से युति – रहस्य, विस्तार और परिणाम राहु... एक छाया ग्रह, जिसकी न कोई अपनी राशि है, न कोई स्थूल रूप, लेकिन इसके प्रभाव की गहराई को समझना हर ज्योतिषी के लिए एक रहस्यलोक की सैर जैसा है। आमतौर पर इसे पाप ग्रह माना जाता है, परन्तु जब राहु अनुकूल अवस्था में हो और जातक की वृत्ति या पेशेवर राह से मेल खा जाए, तो यह उसे आसमान की ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है। राहु का स्वभाव विस्तार देने वाला है — एक अनियंत्रित, अस्थिर, लेकिन शक्तिशाली विस्तार। जिस ग्रह के साथ यह जुड़ता है, उसकी करकत्व शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है, परंतु भ्रम, भ्रमित निर्णय और अस्थिरता भी साथ लाता है। इस विस्तार को समझने के लिए राहु के अनिवार्य साथी — केतु — को भी समझना जरूरी है। ये दोनों हमेशा जन्म कुंडली में ठीक 180° पर विराजमान रहते हैं, जैसे जीवन के दो छोर। राहु जहां "बाहर की दुनिया" है, वहीं केतु "भीतर की खोज"। दोनों का संतुलन ही राहु की शक्ति को सही दिशा में ले जा सकता है।
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