आज बात करते है वास्तु शास्त्र में मिटटी के रंग की, भूमि चयन करते समय भूमि का रंग कैसा हिना चाहिए ये बताया गया है लेकिन इस मिटटी का कैसे लाभ ले, आइये जानते है.
गुरु वशिष्ठ के अनुसार सफ़ेद रंग की भूमि यानि के जिस भूमि की मिटटी सफ़ेद हो ऐसी भूमि ब्राह्मण के लोए अच्छी रहती है, लाल रंग की क्षत्रिय, पीत रंग यानि के पिले रंग की मिटटी वैश्य यानि के व्यापारी वर्ग के लिए और कृष्ण वर्ण यानि के काले रंग के मिटटी शुद्र वर्ण के लिए.
इसके अलावा नारदजी के मत अनुसार स्वादानुसार मिट्ठी, कटुक, तिक्त और कषाय स्वाद की मिटटी ब्राह्मण,क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र के लिए अच्छी मानी जाती है.
आधुनिक काल में वर्ण का किसी caste से हम मिलान करने की बजाए कर्म पर ध्यान दे तो ज्यादा अच्छा रहे. जैसे यदि कोई व्यक्ति teacher है या astrologer तो वो ब्राह्मण वर्ण के अंतर्गत ही आएगा. अब इन्हें सफ़ेद मिटटी फायदा देती है लेकिन घर तो बना हुआ है कैसे में सफ़ेद रंग की मिटटी का use घर में करे तो फायदा होगा जैसे कोई showpiece रखे सफ़ेद मिटटी का, सफ़ेद पौधे भी लगा सकता है.
इसी प्रकार पिला रंग वैश्य से जोड़ा गया है, ऐसे लोग जो व्यापार करते है उन्हें पिले रंग की मिटटी पर जोर देना चाहिए. और यदि राजनीती में ज्यादा रूचि रखते है तो क्षत्रिय मिटटी यानि के लाल रंग की मिटटी पर ध्यान दे, लाल फूल भी इसी श्रेणी में आते है. (वास्तु रत्नावली)
इसके अलावा नारदजी के मत अनुसार स्वादानुसार मिट्ठी, कटुक, तिक्त और कषाय स्वाद की मिटटी ब्राह्मण,क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र के लिए अच्छी मानी जाती है.
आधुनिक काल में वर्ण का किसी caste से हम मिलान करने की बजाए कर्म पर ध्यान दे तो ज्यादा अच्छा रहे. जैसे यदि कोई व्यक्ति teacher है या astrologer तो वो ब्राह्मण वर्ण के अंतर्गत ही आएगा. अब इन्हें सफ़ेद मिटटी फायदा देती है लेकिन घर तो बना हुआ है कैसे में सफ़ेद रंग की मिटटी का use घर में करे तो फायदा होगा जैसे कोई showpiece रखे सफ़ेद मिटटी का, सफ़ेद पौधे भी लगा सकता है.
इसी प्रकार पिला रंग वैश्य से जोड़ा गया है, ऐसे लोग जो व्यापार करते है उन्हें पिले रंग की मिटटी पर जोर देना चाहिए. और यदि राजनीती में ज्यादा रूचि रखते है तो क्षत्रिय मिटटी यानि के लाल रंग की मिटटी पर ध्यान दे, लाल फूल भी इसी श्रेणी में आते है. (वास्तु रत्नावली)
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