विश्वकर्मा प्रकाश में एक पंक्ति है
" या पुरीष त्याग दक्षिणनैऋत्य च मध्यं मंदिरम "
मतलब दक्षिण दिशा और नैऋत्य कोण के मध्य टॉयलेट अति उत्तम होता है. कोण के अनुसार ये दिशा साउथ- साउथवेस्ट होगी. अब टॉयलेट के बारे में बात करते है.
टॉयलेट एक dispose के एक्टिविटी है, हम अपनी गंदगी dispose कर देते है और शरीर के अच्छे तत्व संभाल कर रख लेते है. ये काम एक तरह से गन्धर्व से मिलता जुलता है जो की अंगूरों को सड़ा कर शराब बनाने की कला जाते थे, उसमे से बुरी चीज़ निकाल कर सिर्फ एक रस बना लेते थे, इसलिए टॉयलेट सही दिशा में होना हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी है.
अब बात करते है टॉयलेट गलत दिशा में आ जाए तो क्या असर होता है और क्या उपाय बनते है पांच तत्व के अनुसार.
north - करियर संबंधी दिक्क़ते, उलटे कामों से आमदनी संभव
nne - इम्युनिटी कम, बीमारी घर में रहेगी, कैंसर तक संभव
नार्थईस्ट - दिमाग खराब, बहुत ज्यादा खतरनाक, सभी परेशानिया संभव
nee - घर में आलस, ख़ुशी खत्म, गर्भ धारण में परेशानी
east - कोई सोशल दायरा नहीं, contacts के कारण बदनामी
see - मंथन का जोन, यहाँ टॉयलेट अच्छा ही है.
southeast - स्त्रियों को परेशानी, धन का आवागमन रुकेगा
ses - हिम्मत खत्म, मंगल कार्य शुन्य, डरपोक,
south - दिमागी सुकून शुन्य, बदनामी तक हो सकती है, टैलेंट होने पर भी नाम नहीं होगा
sws - यहाँ टॉयलेट अत्यधिक शुभ, दिमाग अत्यधिक तेज़ बनता है.
southwest - रिश्ते खराब, skills जीरो, ग्रोथ नहीं होगी न ही काम की ना ही परिवार की, पितृ दोष
sww - सेविंग नहीं होंगी, ठहराव नहीं होगा जिंदगी में, काम में मन नहीं लगेगा, पढ़ाई में बाधा
west - सब कुछ करने के बाद अंत में प्रॉफिट नहीं होगा, अपने आप को explore करने में परेशानी, प्रॉपर्टी मे नुक्सान
wnw - यहाँ टॉयलेट अच्छा रहता है, घरवालों को डिप्रेशन नहीं होता,
नार्थवेस्ट - कोर्ट केस, वाद विवाद पीछा नहीं छोड़ते, किसी से सहयोग नहीं मिलेगा,
nnw - पति-पत्नी में काम की भावना में तालमेल नहीं होगा, आपका आकर्षण नहीं होगा, आपके काम या सामान में किसी को कोई रूचि नहीं होगी, अपनी तरफ किसी को आकर्षित नहीं कर पाते.
अब हम बात करते है इसके उपायों की, एक तरह से जहाँ टॉयलेट सीट होती है उस तत्व को दूषित कर देती है, हम वहाँ उस दूषित तत्व को दूसरे तत्व की सहयता से कमजोर करके दोष को ठीक करते है फिर टॉयलेट के बाहर या आस पास का हिस्सा जो की दूषित नहीं हुआ उसमे अपने तत्व को बढ़ाते है.
उत्तर-उत्तरपश्चिम - टॉयलेट सीट के चारो और हरी पट्टी कर सकते है, टॉयलेट के अंदर पौधे भी लगा सकते है (दूषित जल तत्व को लकड़ी तत्व कमजोर करेगा), एलुमिनियम या स्टील पट्टी से टॉयलेट सीट को काट सकते है सीट के चारो ओर डलवा कर.
इसके बाद टॉयलेट के बाहर के एरिया में हम अपने जल तत्व को enhance करने की कोशिश करेंगे नीला रंग, पिरामिड, wind-chimes, सफ़ेद रंग (आकाश तत्व जल को बढ़ाता है)
उत्तर - ऊपर वाली रेमेडी ही चलेगी
उत्तर-उत्तरपूर्व - ऊपर वाली रेमेडी ही चलेगी
उत्तरपूर्व - यहाँ पहली सलाह तो यही है के टॉयलेट सीट हटवा दी जाए, नहीं तो टॉयलेट में sea साल्ट रखे, चौड़े पत्ते वाले पौधे रखे, टॉयलेट सीट के चारों और सबसे हलकी रंग की पिली पट्टी लगाए, स्टील पट्टी से सीट कटवा भी सकते है, टॉयलेट के बाहर पिरामिड का उपयोग जरूर करें
नार्थईस्ट-ईस्ट - लकड़ी तत्व है लेकिन फिर भी सम्पूर्ण नहीं है ऐसे में यहाँ भी हम उत्तर दिशाओं के उपाय करेंगे,
ईस्ट - दूषित वायु तत्व को अग्नि सहयता से कमजोर करेंगे, यहाँ लाल बल्ब या लाल पट्टी या कॉपर (अग्नि धातु) के तार या strip का इस्तेमाल करेंगे, टॉयलेट के बाहर जो की अभी ईस्ट ही है वह हरे भरे पौधे लगाकर वायु तत्व बढ़ाएंगे।
southeast-east - वैसे तो ये टॉयलेट ठीक है लेकिन फिर भी दिमाग कोई निर्णय लेने में असमर्थ हो तो ईस्ट के ही उपाय करे.
southeast - दूषित अग्नि तत्व को पृथ्वी सहयता से कमजोर करेंगे, यहाँ पीला या पिली पट्टी या ब्रास (पृथ्वी धातु) के तार या strip का इस्तेमाल करेंगे, टॉयलेट के बाहर जो की अभीदक्षिण ही है वहां अग्नि के लिए लाल रंग के उपयोग करेंगे.
southeast -साउथ - ऊपर वाले उपाय
साउथ - ऊपर वाले उपाय
साउथवेस्ट - साउथ - यहाँ टॉयलेट कोई परेशानी नहीं
साउथवेस्ट - इसे लोहे के तार या स्ट्रिप से काटेंगे, टॉयलेट के बाहर पीला रंग इस्तेमाल करेंगे, कोशिश करे की टॉयलेट का फर्श सफ़ेद ही हो, पिली पट्टी का उपयोग भी कर सकते है.
वेस्ट-साउथवेस्ट - ऊपर वाली रेमेडी ही होगी, सीट सफ़ेद हो लें
वेस्ट - ऊपर वाली रेमेडी ही होगी, सीट और फर्श सफ़ेद हो लें
वेस्ट-नार्थवेस्ट - सीट सफ़ेद हो लें
नार्थवेस्ट - एलुमिनियम तार से काट सकते है, नीली पट्टी का भी उपयोग कर सकते है.
Comments
Post a Comment