वास्तु शास्त्र में आपने कई बार सुना होगा दस दिशाएं। लेकिन जब किसी प्रॉपर्टी का वास्तु करने की बात आती है तो दिशा के नाम तो याद होते है लेकिन उनके दिकपाल सबको याद नहीं रहते. तो जानते है दस दिशाए और उनके मालिक
उत्तर दिशा - कुबेर
उत्तरपूर्व - ईशा - दिव्य शिव
पूर्व - इंद्र
दक्षिणपूर्व - अग्नि
दक्षिण - यम
दक्षिणपश्चिम - नैऋत्य
पश्चिम - वरुण
उत्तरपश्चिम - वायु
ब्रह्मस्थान - ब्रह्मा
पृथ्वी से नीचे का एरिया - वासुकि
इन दिक्पालों का उपाय किये बिना इनकी दिशाओं को छेड़ना गलत प्रभाव दे सकता है.
ये तो है गए प्रॉपर्टी के अंदर के देवता लेकिन जो बाहर से प्रभावित करते है उनका परिचय इस प्रकार है.
पूर्व दिशा - स्कन्द
दक्षिण - अर्यमा
पश्चिम - जम्भक
उत्तर - पिलिपिच्छा
ये प्रॉपर्टी के बाहर की दिशा में दोष होने पर प्रभावित करने वाली शक्तियां है. इसके अलावा कोने से भी योगिनी शक्ति का भी प्रभाव वास्तु ग्रंथो में बताया गया है.
ईशान - चरकी
आग्नेय - विदारिका
नैऋत्य - पूतना
वायव्य - पापया राक्षसी
ये दिक्पाल, बाहर के देवता और कोण की योगिनी शक्ति ये सब ऊर्जाओं के विभिन्न रूप है जिन्हे हम धीरे धीरे समझते रहेंगे।
You have heard ten directions many times in Vastu Shastra. But when it comes to Vastu for a property, the names of the directions are remembered but not everyone remembers their Dikpaal. So know the ten directions and their owners.
North direction - Kuber
Northeast - Isha - Divine Shiva
East - Indra
southeast - Agni
South - Yam
southwest - nairitya
West - Varun
Northwest - vayu
Brahmasthan - Brahma
Area below the earth - Vasuki
Without taking measures for these Dikpaals, teasing their directions can give wrong effect.
These are the deities inside the property, but those who influence from outside, their introduction is as follows.
East direction - Skanda
South - Aryama
West - Jambhak
north – Pilipichha
These are the forces affecting when the defect occurs on the outside of the property. Apart from this, the effect of Yogini Shakti from the corner has also been described in Vastu texts.
Ishan - Charki
southeast - vidarika
Southwest - Putna
Northwest - Papaya Rakshasi
This Dikpaal, the external deity and the Yogini Shakti of the angle, all these are different forms of energies which we will continue to understand in future posts.
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