Skip to main content

साउथवेस्ट में मुख्य द्वार का वास्तु - vastu of southwest main entry

  



साउथ-वेस्ट जिसे नैऋत्य कोण भी कहते है. ये दिशा  वास्तु शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण दिशा होती है. माना जाता है के इस दिशा के कारक ग्रह राहु देव होते है.  वास्तु ग्रंथो के अनुसार इस दिशा में घर के मुख्य द्वार का होना एक बड़ा  वास्तु दोष माना जाता है जो की आपको हर तरह की परेशानी देने की क्षमता रखता है. आइये जानते है क्या परेशानियां आती है और क्या हो सकता है इस वास्तु दोष का उपाय।




जैसा की आपको बताया के इस दिशा के  कारक ग्रह राहु देव होते है और राहु देव का सम्बन्ध स्थायित्व से होता है. हमारी जिंदगी किसी भी अचानक आने वाली परेशानी या अचानक मिलने वाला धन लाभ भी राहु से देखा जाता है. 

ज्योतिष शास्त्र में राहु को गति का कारक माना जाता है. हालाँकि यही दिशा कुछ लोगो को अनगिनत पैसा व् समृद्धि दे सकती है यदि वास्तु नियमों के अनुसार इसका उपयोग किया जाए तो. 

यदि इस दिशा में आपका मुख्य द्वार आ जाये तो ये चिंता की बात होती है. 
सबसे बड़ी जो परेशानी आती है वो ये के जिंदगी में स्थायित्व स्टेबिलिटी  नही रहती। ऐसा देखा जाता है इंसान इधर उधर ही भागता रहता है. 


काफी लोगो से सुनने को मिलता है के इस तरह के घर में प्रवेश करते ही काम-धंधा बिलकुल रुक गया है और  मानसिक शांति बिलकुल नहीं रहती । 

इस एंट्रेंस की वजह से  क़र्ज़ का बोझ ज्यादा परेशान करता है.  वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे  घरवालो को लोन नहीं लेना चाहिए है क्यूंकी ऐसे दोष वाले घरो से ऋण एक बार आने पर समाप्त नही होता। 

ऐसा देखा जाता है के अचानक दुर्घटना की दिशा यही बनती है. 

नैऋत्य कोण में मैन गेट का एक और रहस्य ये है यहाँ पर मुख्य दरवाज़ा होने  से  या इस दिशा में कोई भी वास्तु दोष होने से हमारे शरीर का  मूलाधार चक्र खराब या बिगड़ जाता है.  ये चक्र हमारे शरीर का सबसे पहला चक्र होता है जो की पृथ्वी तत्व को दर्शाता है.  जब वयक्ति का पृथ्वी तत्व बिगड़ता है तो जिंदगी में स्थायित्व आना मुश्किल हो जाता है साथ घर में बचत व् बरकत होना मुश्किल होता है. जिस वयक्ति का पृथ्वी तत्व बिगड़ जाये उसके बाकि चक्र भी बिगड़ना निश्चित है.

                      

इसी लिए वास्तु शास्त्र में नैऋत्य कोण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कोण बनता है यदि ये कोण खराब है तो चाहे आप ईशान कोण की मदद से लाखों रूपया कमा सकते है, लेकिन एक भी रूपया बचा नही सकते और  ना ही अपनी लाइफ से संतुष्ट हो सकते,  वही यदि आपका ईशान कोण खराब है और नैऋत्य कोण अच्छा है तो चाहे आपकी आमदनी मामूली हो लेकिन उसमे भी आपको बचत होगी व् मन में संतुष्टि भाव रहेगा।



अब बात आती है उपायों की.  यदि इस दिशा में मैन गेट बन ही गया है और कोई रास्ता नही नज़र आता तो क्या किया जाए 



उपाय नंबर एक - वास्तु शास्त्र में इस दिशा में यदि मुख्य द्वार आ जाए तो दहलीज़ पर लाल या मेहरून रंग की पट्टी का प्रयोग करने से दोष में कमी आती है. 

दूसरा उपाय ये है के इस दिशा में भारी दरवाज़ा ही उपयोग करे.  कोशिश करे की दरवाज़ा लोहे का हो. 

तीसरा उपाय ये है के इस दिशा में पीले रंग का यहाँ जरूर उपयोग करना चाहिए 

चौथा  उपाय ये कहता है मुख्य दरवाज़े के बाहर एक कोन्वेक्स शीशे का उपयोग करे जिससे बाहर से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा अंदर ना आने पाए. 

इसके अलावा  मुख्य दहलीज़ के नीचे कॉपर की तार लगाने से भी काफी राहत मिलती है. 

यदि हो सके तो उत्तर दिशा में एक दरवाज़ा  बना लें इससे भी दोष कम होगा


घर में अंदर की और कपूर का लैंप का भी उपयोग कर सकते है लेकिन इस दिशा में  किसी भी फव्वारे या पानी की वस्तु  या शोपीस का इस्तेमाल न करे.  

इन उपायों के द्वारा आप साउथवेस्ट दिशा में बनी एंट्रेंस के दुष्प्रभावों से बच सकते है. 

South-West which is also known as Naritya kon . This direction is the most important direction of Vastu Shastra. It is believed that Rahu Dev is the factor of this direction. According to Vastu texts, having the main door of the house in this direction is considered a major Vastu defect, which has the potential to give you all kinds of problems. Let us know what are the problems and what can be the remedy for this Vastu defect.

As told to you that Rahu Dev is the factor of this direction and Rahu Dev is related to stability. Any sudden trouble in our life or sudden monetary gain is also seen from Rahu.

In astrology, Rahu is considered to be the factor of speed. Although this direction can give immense money and prosperity to some people if it is used according to Vastu rules.

If your main door comes in this direction, then it is a matter of concern. The biggest problem that comes is that there is no stability in life. It is seen that a person keeps running here and there.

It is heard from many people that as soon as they enter such a house, the business has come to a complete halt and there is no peace of mind at all.

Due to this entrance, the burden of debt bothers more. According to Vastu Shastra, such family members should not take loan because the loan from houses with such defects does not end once it comes.

It is seen that this is the direction of sudden accident.

Another secret of the main gate in the southwest angle is that due to the presence of the main door here or due to any Vastu defect in this direction, the Mooladhara Chakra of our body gets damaged or deteriorated. This chakra is the first chakra of our body which represents the earth element. When the earth element of a person deteriorates, then it becomes difficult to have stability in life, as well as it is difficult to have savings and prosperity in the house. The person whose earth element deteriorates, his other chakras will definitely deteriorate.


That's why in Vastu Shastra, Southwest angle becomes the most important angle, if this angle is bad, then even if you can earn lakhs of rupees with the help of Ishan angle, but you cannot save even a single rupee, nor can you be satisfied with your life. If your northeast angle is bad and southwest angle is good, then even if your income is modest, but in that too you will have savings and a sense of satisfaction in your mind.


Now it comes to the measures. What should be done if the main gate has already been built in this direction and no way is visible?


Remedy number one - In Vastu Shastra, if the main door comes in this direction, then using a red or maroon colored strip on the threshold reduces the defect.

The second solution is to use only heavy doors in this direction. Try that the door is of iron.

The third solution is that yellow color must be used here in this direction.

The fourth solution says to use a convex mirror outside the main door so that the negative energy coming from outside does not enter inside.

Apart from this, applying copper wire under the main threshold also gives a lot of relief.

If possible, make a door in the north direction, this will also reduce the defect.


You can also use camphor lamps inside the house, but do not use any fountain or water object or showpiece in this direction.

With these measures, you can avoid the side effects of the entrance made in the southwest direction.

Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.