Skip to main content

उत्तर दिशा के मुख्य द्वारों के प्रभाव - north main door effects vastu









आज चर्चा करते है उत्तर मुखी घरों में कौन से मुख्य द्वार कैसा फल देते है. वास्तु पुरुष मंडल के अनुसार उत्तर दिशा के कुल 8 तरह के द्वार बनते है आइये जानते है उनका क्या क्या प्रभाव होता है.






north facing house entrances





उत्तर दिशा compass से 315 डिग्री से शुरू होकर 45 degree तक मानी जाती है. इस 90 डिग्री के फर्क को 8 बराबर भागों में बाँट दे. (360 डिग्री का चक्र होता है. 315 - 360 = 45 + 45 = 90 )


इन आठ हिस्सों में main door होने का अलग अलग असर घर पर पड़ता है. क्या है ये असर आइये जानते है. (पोस्ट में दी हुई pic से इन देवताओं के नाम पढ़ सकते है.)



रोग - इस कोण में मुख्य द्वार होने से व्यक्ति अनजाने शत्रुओं से परेशान रहते है, पूरा समय व् धन दुश्मनी में ही निकलता है


नाग - धन का नुकसान होता है, साथ ही बुरे कर्म वाले लोग मिलते है. नज़र दोष ऐसे घरों में होता है.


मुख्या - ये द्वार शुभ माना गया है , धन प्राप्ति होती रहती है.


भल्लाट - जमीन - जायदाद बनती है, अत्यधिक धन कमाता है.


सोम - कुबेर - कुछ हद तक ठीक ही होता है, चरित्र धार्मिक होता है.


भुजग - ऐसे घर में मुखिया का या सभी लोगो का स्वभाव नकारात्मक या समझ से बाहर हो जाता है, जिसके कारण इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


अदिति - कई मामलों में अच्छा होता है लेकिन बच्चे खासकर कन्या का अपने धर्म या परम्पराओं में विश्वास कम हो जाता है.


दिति - दिमाग तेज़ होता है, ऐसी entrance होने पर अत्यधिक धन आगमन देखा गया है.


ये द्वार विश्वकर्मा प्रकाश के अनुसार बताये गए है, जो की एक घर (residential property) पर लागू होते है. यदि एंट्रेंस गलत कोण में है तो भी उसका उपाय किया जा सकता है और अच्छे रिजल्ट्स लिए जा सकते है वो भी बिना तोड़ फोड़ के.







































Comments

ads

Popular posts from this blog

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

श्वेतार्क की जड़ - ज्योतिष तंत्र आयुर्वेद सबको चाहिए

Popular posts from this blog

सब कुछ सही होने के बाद भी तरक्की नहीं - किस तरह का वास्तु दोष

कुछ लोगो को इस बात की शिकायत रहती है के इन्हे अंदर से ताकत नहीं मिल रही. सब कुछ है लेकिन फिर भी जोश उमंग की कमी है जो तरक्की करने में परेशानी दे रही है. आज बात करते है वास्तु शास्त्र में इस समस्या को कैसे देखते है और क्या है इसका समाधान।

राहु की शरारत से बचने का उपाय - REMEDY OF RAHU

ऐसा माना जाता है के जब  आपके साथ अजीब अजीब सी घटनाये होने लगे जैसे अचानक कोर्ट केस, बीमारी जिसका कारण नहीं पता, कोई इलज़ाम या लानत या किसी झगड़े में आपका नाम आ जाना जिससे आपका कोई लेना देना ना हो तो समझिये ये राहु ग्रह की शरारत है. 

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

शुक्र राहु की युति को कैसे समझे - RAHU VENUS CONJUCTION

  राहु शुक्र की युति को लेकर काफी बड़ा ज्योतिष वर्ग नेगेटिव धारणा रखता है जो की आज के समय में काफी हद तक सही भी है. आपने बहुत आंधी देखी होगी और कभी कभी बहुत ज्यादा धुल भरी आंधी भी देखी होगी. लेकिन आप इमेजिन कीजिये शाम के समय जो आंधी आती है उसमे कालापन ज्यादा  होता है और एक अजीब सा बर्ताव आपको उसमे मिलेगा। ऐसा नहीं है के उसमे कुछ रहस्य है लेकिन प्रकाश की कमी की वजह से शाम की आंधी काली आंधी बन जाती है बस इसी को असली राहु शुक्र की युति समझे. 

मंगल ग्रह चौथे भाव में - mars 4th house

नमस्कार आज हम बात करेंगे एक ज्योतिष सूत्र की जिसमे हम समझेंगे मंगल ग्रह के चौथे भाव में बैठने के बारे में. जन्म पत्रिका में मंगल ऊर्जा का ग्रह है और मंगल ही वह ग्रह है जो अग्नि हर वक़्त व्यक्ति के आस पास रहती है चाहे वह पेट की अग्नि हो या घर की रसोई की या व्यक्ति की अंतिम अग्नि यानी चित्ता की. इससे हो कर जाना ही पड़ता है. चाहे कोई भी ग्रह हो सोना चांदी पीतल लोहा सबको आकार मंगल ही देता है.