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पूर्व दिशा के द्वारों का प्रभाव - effects of east facing entrances in vastu

पूर्व दिशा के द्वारों का प्रभाव - effects of east facing entrances



वास्तु शास्त्र में कुल 32 प्रवेश द्वार बताए गए है जिसमे हर दिशा के 8 द्वार होते है आज चर्चा करते है पूर्व दिशा के  8 द्वारों की. 











पूर्व दिशा वास्तु नियमों के हिसाब से 45 degree से देखि जाती है, और 135 डिग्री के कोण तक रहती है. इस 45 से 135 डिग्री तक यदि आप 8 भागों में बांटोगे तो आपको सही से अंदाज़ा हो जायेगा। vastu purush mandala के हिसाब से शिखी से पूर्व दिशा शुरू होती है.


अब बात करते है इन 8 तरह के द्वारों का प्रभाव कैसा होता है 

effects of entrances of east facing properties 



1. शिखि (shikhi)  - अग्नि संबंधित दुर्घटनाएं इन घरों में देखि जाती है.

2. प्रजन्य (prajnya) - खर्चे बहुत ज्यादा होते है, इसके अलावा लड़कियों की संख्या अधिक हो सकती है. 

3. जयंत (jayant) - कमाई अच्छी होती है. ये द्वार शुभ होता है. 

4. इंद्र  (indra) - ऐसे लोग GOVERNMENT के अच्छे सम्पर्क में रहते है. शुभ द्वार 

5. सूर्य (surya) - ऐसे लोगो में attitude problem होती है, जिसके कारण बार बार नुकसान हो सकता है. 

6 सत्य (satya) - ऐसे लोग भरोसेमंद नहीं माने जाते, अपनी बात पर भी नहीं टिकते।

7. भृश (bhrish) - स्वभाव थोड़ा कटु होता है, परेशान ही रहते है हर वक़्त. 

8. अंतरिक्ष (antriksh) - नुकसान, एक्सीडेंट्स. चोरी ऐसे घरों में चलती रहती है. 



east facing घरों में द्वार की सही दिशा जानने के बाद घर की दशा भी बताई जा सकती है, इन entrances के negative effects को सही remedies से काफी हद कम किया जा सकता है. 




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