Skip to main content

Posts

चन्द्रमा से बारहवें भाव में बैठे ग्रह का रहस्य - secret of twelfth from moon

नमस्कार आज बात करते है कुंडली में चन्द्रमा से बनने वाले एक योग की. ज्योतिष शास्त्र में इसे अनफा योग कहते है और ये तब बनता है जब चन्द्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह बैठा हो. लेकिन इसमें भी समझने वाली बात है के कौन सा ग्रह चन्द्रमा के पीछे है जिससे इस योग के फल प्राप्त किये जाते है. आइये जानते है आसान शब्दों में 

राहु का चन्द्रमा के ऊपर से गोचर - Rahu transit over your natal moon in kundli

नमस्कार आज बात करते है यदि राहु ग्रह का गोचर आपकी कुंडली में बैठे चन्द्रमा के ऊपर से हो तो उसका प्रभाव मिलेगा। देखिये चन्द्रमा कल्पना की दुनिया का स्वामी है. सारी इमेजिनेशन चंद्र से जन्म लेती है और राहु खुद माया का ग्रह है तो व्यक्ति के साथ मानसिक रूप से बदलाव आते है और ये बदलाव अंदर ही अंदर रहते है. 

राहु का सूर्य के ऊपर से गोचर - Rahu transit over natal sun in birth chart

 नमस्कार आज बात करते है राहु ग्रह यदि लगन कुंडली में बैठे सूर्य के ऊपर से गोचर करे तो क्या फल प्राप्त हो सकते है. राहु एक वक्री ग्रह है और सूर्य हमेशा मार्गी रहने वाला ग्रह। 

भृश वास्तु देवता - bhrish vastu devta vastu

भृश वास्तु जोन - (112.50-123.75)  दक्षिण-पूर्व (southeast) के पूर्व की तरफ भृश वास्तु जोन बड़ा महत्वपूर्ण कोण माना जाता है. इस vastu zone से हमें दो वस्तुओं से मिलकर या आपस में घर्षण से एक वस्तु प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होती है. 

एस्ट्रोवास्तु के अनुसार दिशाए और कुंडली - Astrovastu directions and kundli

  काफी लोग आजकल वास्तु के साथ ज्योतिष का संबंध स्थापित करते है और ये होता भी है. दोनों शास्त्र एकदूसरे के बारे में बताते भी है. आज चर्चा  करते है Astrovastu के अनुसार किस भाव का सबंध घर में किस दिशा  से हो सकता है. 

पिछला जन्म और केतु - ketu and our past life curse

नमस्कार आज बात करते है केतु और पिछले जन्म के संबंध के बारे में. देखिये कुंडली का हर ग्रह किसी न किसी पिछले जन्म की घटना से जुड़ा होता है लेकिन कुछ घटनाये ऐसी होती है जो इस जन्म में दोष या एक लोन बनकर सामने आकर खड़ी हो जाती है जिनका यदि निवारण ना किया जाए तो बाकी उपाय भी काम के नहीं रहते। 

ईशान में किचन के उपाय - NORTHEAST KITCHEN REMEDIES

अगर आपका किचन उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) कोने में  है तो वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा किचन आपको काफी परेशान कर सकता है. ऐसे घरो में शांति व् सेहत को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है और यदि साथ किचन काले रंग का उपयोग है तो  तलाक व् सरकारी मुक़दमे सम्बन्धी दिक्कते भी आ जाती है.

ads